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दिल्ली वक्फ बोर्ड में भर्ती से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

Amanatullah Khan's anticipatory bail plea rejected: कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में भर्ती से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में अमानतुल्लाह खान को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 1, 2024, 3:25 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों से जुड़े मनी लाउंड्रिंग के मामले में आप विधायक अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. स्पेशल जज राकेश स्याल ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने 24 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान ईडी ने अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अगर उन्हें अग्रिम जमानत दी गई तो वे जांच में सहयोग नहीं करेंगे.

ईडी ने कहा था कि अमानतुल्लाह खान ने आपराधिक गतिविधियों से काफी संपत्ति अर्जित की औऱ अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी है. ईडी ने कहा था कि छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वह मनी लाउंड्रिंग के अपराध में लिप्त है. कोर्ट ने 19 फरवरी को ईडी को नोटिस जारी किया था.

ये भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ ED के समन पर रोक लगाने से किया इनकार

19 फरवरी को अमानतुल्लाह खान की ओर से पेश वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा था कि अमानतुल्लाह खान को मनी लाउंड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने कहा था कि एक ही मामले में दो एफआईआर दर्ज किए गए हैं. सीबीआई ने 23 नवंबर 2026 को पहली एफआईआर दर्ज की थी. आरोप ये है कि अमानतुल्लाह खान को गलत तरीके से दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया.

सीबीआई ने इस मामले को ये कहते हुए बंद कर दिया कि ये प्रशासनिक गड़बड़ी है. गुरुस्वामी ने कहा कि ये निर्विवाद कानून है कि एक ही मामले के लिए दो एफआईआर दर्ज नहीं किए जा सकते. उन्होंने कहा था कि दोनों ही मामलों में जमानत के आदेश में साफ कहा गया है कि राजकोष को कोई नुकसान नहीं हुआ.

इस मामले में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई की ओर से दर्ज केस में आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. सीबीआई ने इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज किया था. जांच के बाद मामले में 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल किया था. सीबीआई के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गईं.

चार्जशीट में कहा गया है कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.


ये भी पढ़ें: दिल्ली वक्फ बोर्ड: मनी लाउंड्रिंग मामले के तीन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज



नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों से जुड़े मनी लाउंड्रिंग के मामले में आप विधायक अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. स्पेशल जज राकेश स्याल ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने 24 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान ईडी ने अमानतुल्लाह खान की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अगर उन्हें अग्रिम जमानत दी गई तो वे जांच में सहयोग नहीं करेंगे.

ईडी ने कहा था कि अमानतुल्लाह खान ने आपराधिक गतिविधियों से काफी संपत्ति अर्जित की औऱ अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी है. ईडी ने कहा था कि छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वह मनी लाउंड्रिंग के अपराध में लिप्त है. कोर्ट ने 19 फरवरी को ईडी को नोटिस जारी किया था.

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19 फरवरी को अमानतुल्लाह खान की ओर से पेश वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा था कि अमानतुल्लाह खान को मनी लाउंड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने कहा था कि एक ही मामले में दो एफआईआर दर्ज किए गए हैं. सीबीआई ने 23 नवंबर 2026 को पहली एफआईआर दर्ज की थी. आरोप ये है कि अमानतुल्लाह खान को गलत तरीके से दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया.

सीबीआई ने इस मामले को ये कहते हुए बंद कर दिया कि ये प्रशासनिक गड़बड़ी है. गुरुस्वामी ने कहा कि ये निर्विवाद कानून है कि एक ही मामले के लिए दो एफआईआर दर्ज नहीं किए जा सकते. उन्होंने कहा था कि दोनों ही मामलों में जमानत के आदेश में साफ कहा गया है कि राजकोष को कोई नुकसान नहीं हुआ.

इस मामले में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई की ओर से दर्ज केस में आप विधायक अमानतुल्लाह खान समेत 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. सीबीआई ने इस मामले में 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज किया था. जांच के बाद मामले में 21 अगस्त 2022 को चार्जशीट दाखिल किया था. सीबीआई के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ और संविदा पर दूसरी नियुक्तियों में गड़बड़ियां की गईं.

चार्जशीट में कहा गया है कि इन नियुक्तियों के लिए अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम और दूसरे आरोपियों के साथ साजिश रची, जिन्हें वक्फ बोर्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. चार्जशीट के मुताबिक इन नियुक्तियों में मनमानी की गई और अमानतुल्लाह खान और महबूब आलम ने अपने पद का दुरुपयोग किया.


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