अलवर. राजधानी दिल्ली को महानगर मुंबई से जोड़ने वाले एक्सप्रेस वे पर बढ़ते सड़क हादसे की रोकथाम के लिए पुलिस वाहनों की ओवरस्पीड पर ब्रेक लगाएगी. इसके लिए यातायात पुलिस ने ओवरस्पीड यानी निर्धारित 120 किमी प्रति किलोमीटर से ज्यादा गति से चलने वाले वाहन चालकों की नकेल कसने के लिए चालान की गति बढ़ा दी है. यातायात पुलिस ने पिछले तीन महीनों में एक्सप्रेस वे पर 6 हजार वाहन चालकों के चालान बनाए हैं. यह कार्रवाई अभी जारी है. यातायात पुलिस ने एक इंटरसेप्टर को एक्सप्रेस वे के लिए रिजर्व किया हुआ है.
अलवर के यातायात प्रभारी हरिओम मीना ने बताया कि दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे पर एनएचएआई की ओर से वाहनों के लिए 120 किलोमीटर प्रति घंटा गति निर्धारित की गई है. एक्सप्रेस वे पर एनएचएआई की माॅनिटरिंग व्यवस्था अभी पूरी तरह पुख्ता नहीं हो सकी है. इस कारण वाहन चालकों की गति नियंत्रण कर पाना मुश्किल हो गया है. इसका खमियाजा वाहनों में सवार अनेक लोग के जान गंवाने के रूप में चुकाना पड़ा है.
एक्सप्रेस वे पर सुबह 8 से शाम तक 6 बजे तक चालान की कार्रवाई: मीना ने बताया कि यातायात पुलिस की ओर से एक इंटरसेप्टर वाहन दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर ओवर स्पीड से चलने वाले वाहनों के चालान के लिए रिजर्व रखा गया है, एक्सप्रेस वे पर इंटरसेप्टर गाड़ी के लिए तैनात पुलिस कर्मी हर दिन सुबह 8 से शाम को 6 बजे तक ओवर स्पीड में निकलने वाले वाहनों के चालान करते हैं. ओवर स्पीड पर चलने वाले वाहनों पर निरंतर कार्रवाई की जाती है. ऐसे वाहनों का ऑनलाइन चालान किया जाता है.
तीन महीने में किए 6 हजार चालान: यातायात प्रभारी ने बताया कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर ओवर स्पीड वाहनों की निरंतर निगरानी और यातायात पुलिस की ओर से ओवर स्पीड से चलने वाले करीब 6 हजार से ज्यादा वाहनों के चालान किए गए हैं. वाहन चालकों को चालान अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से प्राप्त होता है.
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ओवर स्पीड से होते हैं हादसे: दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर हुए ज्यादातर हादसों का कारण ओवर स्पीड सामने आया है. पिछले महीनों हुए कई सड़क हादसों में वाहनों की गति 200 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा पाई गई है, जबकि यहां वाहन चालकों के लिए एनएचएआई ने 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार निर्धारित की है. प्रायः तेज गति से चलने वाले वाहन चालकों को रात के समय झपकी आ जाती है और वाहन अनियंत्रित हो कर डिवाइडर से टकरा जाते हैं. कई बार तेज गति से चलने वाले वाहन दूसरी लेन तक पहुंच कर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं.अवरोध के चलते अचानक ब्रेक लगने से भी सड़क हादसे हुए हैं.