अलवर. राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय में पीएचडी शोधार्थियों की थीसिस जमा करने की मांग अभी पूरी नहीं हो सकी है. इस मांग को लेकर छात्र यूनिवर्सिटी परिसर में सोमवार को धरने पर बैठे, लेकिन मंगलवार को प्रशासन ने पुलिस बुलाकर धरना दे रहे छात्रों को परिसर से बाहर कर दिया. अब शोधार्थी छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें परिसर से बाहर निकालकर ताला लगा दिया. छात्रों की मांग पूरी करने की बजाय उन्हें 48 डिग्री तापमान में बाहर धरने पर बैठने को मजबूर कर दिया. वहीं, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसएस पांडे ने चुनाव आचार संहिता के चलते आश्वासन देने में स्वयं को मजबूर बताया.
राजर्षि भर्तहरि मत्स्य विश्वविद्यालय ने करीब 6 वर्ष पहले विद्यार्थियों को पीएचडी में प्रवेश दिया, लेकिन शोधकार्य पूर्ण करने के बाद भी विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्री नहीं मिल सकी है. शोधार्थियों का कहना है कि शोधकर्ता विद्यार्थियों ने अपना शोध कार्य पूरा कर लिया, लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से शोध प्रबंधन थीसिस जमा नहीं की जा रही है. शोधार्थियों ने कई बार कुलपति को भी इस समस्या से अवगत करवाया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसी मांग को लेकर शोधार्थियों ने सोमवार को यूनिवर्सिटी परिसर में धरने पर बैठ गए, लेकिन मंगलवार को विवि प्रशासन ने पुलिस बुलाकर शोधार्थियों को परिसर से बाहर निकाल दिया.
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शोधार्थियों के ये हैं आरोप : शोधार्थी देवेन्द्र यादव ने बताया कि मांगों को लेकर उनकी ओर से कुलपति के नाम एक सप्ताह पूर्व पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्होंने एक हफ्ते में उनकी सभी पांच मांगों को पूरा करने की बात कही थी. मांगे पूरी नहीं होने पर शोधार्थियों ने सोमवार से विश्वविद्यालय परिसर में धरना शुरू किया था. शोधार्थी देवेन्द्र यादव ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन को पूर्व में मांगों का जवाब नहीं देने पर अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी थी, लेकिन विवि प्रशासन की ओर से शोधार्थियों की मांग पूरी नहीं की गई. अब उन्हें मांगों को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में धरने पर भी नहीं बैठने दे रहे, अंदर ताला लगा दिया है.
किसी दूसरे विश्वविद्यालय में प्रवेश ले लें : उनका कहना है कि विवि परिसर में शिक्षा शोधार्थियों का प्रवेश नहीं है, यानी शिक्षा के मंदिर में शोधार्थियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है. अधिकारी मांगों को पूरा करने के बजाय कह रहे हैं कि आप किसी दूसरे विश्वविद्यालय में प्रवेश ले लें.
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आचार संहिता में आश्वासन देना मुश्किल : राजर्षि भर्तहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसएस पांडे का कहना है कि उनके कार्यभार संभालने के दौरान पीएचडी में सात विषयों में समस्या थी. इसमें से पांच का निराकरण कर दिया गया है, शेष दो विषयों की समस्या का भी निराकरण करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन समयबद्ध आश्वासन देना संभव नहीं है, अभी चुनाव की आचार संहिता लगी है इसलिए अभी आश्वासन देना मुश्किल है. अभी यूनिवर्सिटी के नियमों का पालन करना संभव नहीं हो पा रहा है. हमारा प्रयास है कि विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल बने.
पूर्व में शोधार्थी दे चुके धरना : राजर्षि भर्तृहरि मत्स्य विश्वविद्यालय के पीएचडी में प्रवेश लेने और शोध कार्य पूर्ण करने वाले शोधार्थी अपनी थीसिस जमा कराने की मांग को लेकर पूर्व में विश्वविद्यालय प्रबंधन के समक्ष धरना, प्रदर्शन एवं ज्ञापन देने की कार्रवाई कर चुके हैं. हालांकि, अभी शोधार्थियों की समस्या का निराकरण नही हो पाया है. इस दौरान विश्वविद्याल में कई कुलपति भी बदल गए, लेकिन शोधार्थियों की समस्या जस की तस है.