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अलवर की सरकारी नर्सरी में तैयार हो रहे 2.68 लाख पौधे, दिल्ली के बायोलॉजिकल पार्क तक है डिमांड - lakhs of saplings getting ready

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 18, 2024, 6:38 PM IST

Updated : Jun 18, 2024, 7:43 PM IST

अलवर की सरकारी नर्सरी में 2.68 लाख पौधे तैयार किए जा रहे हैं. इन पौधों को आमजन को न्यूनतम शुल्क पर उपलब्ध करवाया जाएगा. यहां तैयार पौधों की डिमांड दिल्ली के बायोलॉजिकल पार्क से भी रहती है.

lakhs of saplings getting ready
सरकारी नर्सरी में तैयार हो रहे 2.68 लाख पौधे (ETV Bharat Alwar)

अलवर की सरकारी नर्सरी को 2.68 लाख पौधे तैयार करने का लक्ष्य (ETV Bharat Alwar)

अलवर. लोग अपने घरों को सजाने के लिए अलग-अलग पौधों का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए लोग मानसून आने से पहले अपने घरों पर पौधे लगाते हैं. इसी के चलते वन विभाग की नर्सरी में भी अब पौधों को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो गई है. शहर के मुंगसका का स्थित सरकारी नर्सरी में करीब 2.68 लाख विभिन्न तरह के पौधे तैयार किया जा रहे हैं. इस नर्सरी में तैयार होने वाले पौधों की खास बात यह है कि इन पौधों की डिमांड दिल्ली के बायोलॉजी पार्क तक भी होती है. तेज गर्मी में नर्सरी में तैयार हो रहे पौधों को सही सलामत रखना भी एक बड़ी चुनौती होगी.

शहर के मूंगसका स्थित सरकारी नर्सरी के वनपाल भीम सिंह ने बताया कि इस बार सरकार की ओर से नर्सरी को 2 लाख 68 हजार पौधे वितरण करने के लक्ष्य दिया गया है. जिन्हें तैयार किया जा रहा है. इन पौधों में फलदार पौधे आम, अमरूद, नींबू, जामुन, करूंज, अंजीर के पौधे तैयार हो रहे हैं. वहीं अन्य पौधों की बात की जाए, तो खेजड़ी, पैक, सिरस, बरगद, पीपल, करंज, ऋतुराज, नीम, बेलपत्र, हार सिंगार, कचनार, शीशम, सहित अन्य पौधे तैयार किया जा रहे हैं.

पढ़ें: मानसून में 1350 हेक्टर में होगा पौधरोपण, 8 लाख पौधे तैयार, पिछले साल के 3 लाख भी होंगे वितरित - Saplings will be planted in chittor

इस बार कीमत में हुई बढ़ोतरी: भीम सिंह ने बताया कि सरकार की पॉलिसी के अनुसार सरकारी नर्सरी में पहले 2 रुपए से लेकर 70 रुपए तक पौधे की कीमत रखी गई थी. लेकिन इस साल सरकार की ओर से पौधे कीमत में बढ़ोतरी की गई है. अब लोगों के लिए एक पौधे की कीमत 6 रुपए से शुरू होगी.

कई सालों से दिल्ली तक जाते हैं पौधे: वन विभाग के वनपाल भीम सिंह ने बताया कि अलवर की नर्सरी में तैयार हुए पौधे पिछले कई सालों से दिल्ली में भी जाते हैं. भीम सिंह ने बताया कि करीब 5 से 10 हजार पौधे हर साल ट्रक में भरकर दिल्ली भेजे जाते हैं. इन पौधों में धोख, खेजड़ी, करंज, सेमल, बेर सहित अन्य पौधों की डिमांड की जाती है. अलवर से जाने वाले पौधों को दिल्ली के बायोडायवर्सिटी पार्क में लगाया जाता है.

पढ़ें: Plantation in Bharatpur : इस बार अधिक पौधारोपण का लक्ष्य, 10 नर्सरी में तैयार हो रहे 19 लाख पौधे

सरकार की तरफ से फूल वाले पौधों के आदेश नहीं: भीम सिंह ने बताया कि लोगों की डिमांड ज्यादातर फूल वाले पौधों की रहती है. हालांकि सरकार की तरफ से फूलों के पौधे लगाने का कोई आदेश नहीं दिया जाता. लोग अपने घरों को सजाने के लिए फूलों की पौधों की ज्यादा डिमांड करते हैं. नर्सरी में जितने भी पौधे तैयार किए जाते हैं वह सभी बड़े पौधे हैं, जिससे की पर्यावरण साफ सुथरा रहे.

पढ़ें: Rajasthan University में 35 साल से गुलदाऊदी बिखेर रही रंग-बिरंगी छटा...अब तलाशी जा रही व्यवसायिक संभावनाएं

बीज कलेक्ट कर लगाते हैं पौध: भीम सिंह ने बताया कि नर्सरी में जितने भी पौध तैयार की जाती है, वह सभी बीज कलेक्ट कर तैयार किए जाते हैं. उनका कहना है कि कलेक्ट किए हुए बीजों की पौध का रिजल्ट 80% तक सफल होता है. मार्केट से जो भी बीज मंगवाए जाते हैं, उनके 40% पौधे ही सही सलामत रहते हैं.

ऐसे रहें पौधों का ध्यान: भीम सिंह ने कहा कि पौधों में ज्यादा पानी नहीं दिया जाता. पौधों का ड्रेनेज सिस्टम सही रखना चाहिए. जहां भी व्यक्ति पौधा लगता है उसे जगह की मिट्टी को दबा कर रखना चाहिए, जिससे कि हवा मिट्टी के अंदर ना बचे. इसके बाद पौधे में समय-समय पर पानी देना चाहिए. भीम सिंह ने बताया कि पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय फरवरी माह माना जाता है. यदि कोई व्यक्ति मानसून के समय पौधा लगता है, तो उसे पौधे को पानी की आदत पड़ जाती है और वह ज्यादा समय तक सफल नहीं हो पाता.

अलवर की सरकारी नर्सरी को 2.68 लाख पौधे तैयार करने का लक्ष्य (ETV Bharat Alwar)

अलवर. लोग अपने घरों को सजाने के लिए अलग-अलग पौधों का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए लोग मानसून आने से पहले अपने घरों पर पौधे लगाते हैं. इसी के चलते वन विभाग की नर्सरी में भी अब पौधों को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो गई है. शहर के मुंगसका का स्थित सरकारी नर्सरी में करीब 2.68 लाख विभिन्न तरह के पौधे तैयार किया जा रहे हैं. इस नर्सरी में तैयार होने वाले पौधों की खास बात यह है कि इन पौधों की डिमांड दिल्ली के बायोलॉजी पार्क तक भी होती है. तेज गर्मी में नर्सरी में तैयार हो रहे पौधों को सही सलामत रखना भी एक बड़ी चुनौती होगी.

शहर के मूंगसका स्थित सरकारी नर्सरी के वनपाल भीम सिंह ने बताया कि इस बार सरकार की ओर से नर्सरी को 2 लाख 68 हजार पौधे वितरण करने के लक्ष्य दिया गया है. जिन्हें तैयार किया जा रहा है. इन पौधों में फलदार पौधे आम, अमरूद, नींबू, जामुन, करूंज, अंजीर के पौधे तैयार हो रहे हैं. वहीं अन्य पौधों की बात की जाए, तो खेजड़ी, पैक, सिरस, बरगद, पीपल, करंज, ऋतुराज, नीम, बेलपत्र, हार सिंगार, कचनार, शीशम, सहित अन्य पौधे तैयार किया जा रहे हैं.

पढ़ें: मानसून में 1350 हेक्टर में होगा पौधरोपण, 8 लाख पौधे तैयार, पिछले साल के 3 लाख भी होंगे वितरित - Saplings will be planted in chittor

इस बार कीमत में हुई बढ़ोतरी: भीम सिंह ने बताया कि सरकार की पॉलिसी के अनुसार सरकारी नर्सरी में पहले 2 रुपए से लेकर 70 रुपए तक पौधे की कीमत रखी गई थी. लेकिन इस साल सरकार की ओर से पौधे कीमत में बढ़ोतरी की गई है. अब लोगों के लिए एक पौधे की कीमत 6 रुपए से शुरू होगी.

कई सालों से दिल्ली तक जाते हैं पौधे: वन विभाग के वनपाल भीम सिंह ने बताया कि अलवर की नर्सरी में तैयार हुए पौधे पिछले कई सालों से दिल्ली में भी जाते हैं. भीम सिंह ने बताया कि करीब 5 से 10 हजार पौधे हर साल ट्रक में भरकर दिल्ली भेजे जाते हैं. इन पौधों में धोख, खेजड़ी, करंज, सेमल, बेर सहित अन्य पौधों की डिमांड की जाती है. अलवर से जाने वाले पौधों को दिल्ली के बायोडायवर्सिटी पार्क में लगाया जाता है.

पढ़ें: Plantation in Bharatpur : इस बार अधिक पौधारोपण का लक्ष्य, 10 नर्सरी में तैयार हो रहे 19 लाख पौधे

सरकार की तरफ से फूल वाले पौधों के आदेश नहीं: भीम सिंह ने बताया कि लोगों की डिमांड ज्यादातर फूल वाले पौधों की रहती है. हालांकि सरकार की तरफ से फूलों के पौधे लगाने का कोई आदेश नहीं दिया जाता. लोग अपने घरों को सजाने के लिए फूलों की पौधों की ज्यादा डिमांड करते हैं. नर्सरी में जितने भी पौधे तैयार किए जाते हैं वह सभी बड़े पौधे हैं, जिससे की पर्यावरण साफ सुथरा रहे.

पढ़ें: Rajasthan University में 35 साल से गुलदाऊदी बिखेर रही रंग-बिरंगी छटा...अब तलाशी जा रही व्यवसायिक संभावनाएं

बीज कलेक्ट कर लगाते हैं पौध: भीम सिंह ने बताया कि नर्सरी में जितने भी पौध तैयार की जाती है, वह सभी बीज कलेक्ट कर तैयार किए जाते हैं. उनका कहना है कि कलेक्ट किए हुए बीजों की पौध का रिजल्ट 80% तक सफल होता है. मार्केट से जो भी बीज मंगवाए जाते हैं, उनके 40% पौधे ही सही सलामत रहते हैं.

ऐसे रहें पौधों का ध्यान: भीम सिंह ने कहा कि पौधों में ज्यादा पानी नहीं दिया जाता. पौधों का ड्रेनेज सिस्टम सही रखना चाहिए. जहां भी व्यक्ति पौधा लगता है उसे जगह की मिट्टी को दबा कर रखना चाहिए, जिससे कि हवा मिट्टी के अंदर ना बचे. इसके बाद पौधे में समय-समय पर पानी देना चाहिए. भीम सिंह ने बताया कि पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय फरवरी माह माना जाता है. यदि कोई व्यक्ति मानसून के समय पौधा लगता है, तो उसे पौधे को पानी की आदत पड़ जाती है और वह ज्यादा समय तक सफल नहीं हो पाता.

Last Updated : Jun 18, 2024, 7:43 PM IST
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