अलवर. लोग अपने घरों को सजाने के लिए अलग-अलग पौधों का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए लोग मानसून आने से पहले अपने घरों पर पौधे लगाते हैं. इसी के चलते वन विभाग की नर्सरी में भी अब पौधों को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो गई है. शहर के मुंगसका का स्थित सरकारी नर्सरी में करीब 2.68 लाख विभिन्न तरह के पौधे तैयार किया जा रहे हैं. इस नर्सरी में तैयार होने वाले पौधों की खास बात यह है कि इन पौधों की डिमांड दिल्ली के बायोलॉजी पार्क तक भी होती है. तेज गर्मी में नर्सरी में तैयार हो रहे पौधों को सही सलामत रखना भी एक बड़ी चुनौती होगी.
शहर के मूंगसका स्थित सरकारी नर्सरी के वनपाल भीम सिंह ने बताया कि इस बार सरकार की ओर से नर्सरी को 2 लाख 68 हजार पौधे वितरण करने के लक्ष्य दिया गया है. जिन्हें तैयार किया जा रहा है. इन पौधों में फलदार पौधे आम, अमरूद, नींबू, जामुन, करूंज, अंजीर के पौधे तैयार हो रहे हैं. वहीं अन्य पौधों की बात की जाए, तो खेजड़ी, पैक, सिरस, बरगद, पीपल, करंज, ऋतुराज, नीम, बेलपत्र, हार सिंगार, कचनार, शीशम, सहित अन्य पौधे तैयार किया जा रहे हैं.
इस बार कीमत में हुई बढ़ोतरी: भीम सिंह ने बताया कि सरकार की पॉलिसी के अनुसार सरकारी नर्सरी में पहले 2 रुपए से लेकर 70 रुपए तक पौधे की कीमत रखी गई थी. लेकिन इस साल सरकार की ओर से पौधे कीमत में बढ़ोतरी की गई है. अब लोगों के लिए एक पौधे की कीमत 6 रुपए से शुरू होगी.
कई सालों से दिल्ली तक जाते हैं पौधे: वन विभाग के वनपाल भीम सिंह ने बताया कि अलवर की नर्सरी में तैयार हुए पौधे पिछले कई सालों से दिल्ली में भी जाते हैं. भीम सिंह ने बताया कि करीब 5 से 10 हजार पौधे हर साल ट्रक में भरकर दिल्ली भेजे जाते हैं. इन पौधों में धोख, खेजड़ी, करंज, सेमल, बेर सहित अन्य पौधों की डिमांड की जाती है. अलवर से जाने वाले पौधों को दिल्ली के बायोडायवर्सिटी पार्क में लगाया जाता है.