अलवर : छत्तीसगढ़ में गत जुलाई माह में केंद्र सरकार के रिटायर्ड कर्मचारी को हाउस अरेस्ट कर करीब 54 लाख 30 हजार रुपए की ठगी मामले के तार अलवर से भी जुड़े पाए गए हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ से आई एंटी क्राइम यूनिट टीम ने इस मामले में अलवर शहर के दो युवकों को हिरासत में लिया है. इस केस में छत्तीसगढ़ पुलिस पहले ही तीन लोगों को पकड़ चुकी है.
बिलासपुर की एंटी क्राइम यूनिट के इंस्पेक्टर विजय चौधरी ने बताया कि गत जुलाई माह में केंद्र सरकार के सेवानिवृत कर्मचारी जयसिंह चंदेल ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें पीड़ित को मोबाइल नंबर व आधार कार्ड से मनी लांड्रिंग व अन्य गतिविधियों में शामिल बताकर धमकाया गया. इसके अलावा आरोपियों ने पीड़ित को एक फर्जी एफआईआर भेजी, जिससे पीड़ित जयसिंह बुरी तरह से डर गए. इस पर आरोपियों ने 10 से 15 दिन तक अपने बैंक खातों से अलग-अलग ट्रांजेक्शन करवाए और उनसे 54 लाख 30 हजार रुपए ठग लिए.
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पीड़ित जयसिंह की शिकायत पर छत्तीसगढ़ एंटी क्राइम यूनिट की टीम ने कार्रवाई करते हुए पहले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इस मामले में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ एंटी क्राइम यूनिट टीम ने राजस्थान के अलवर सिटी में स्थानीय पुलिस की मदद से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. इन आरोपियों के खातों में करीब 8 से 10 लाख रुपए की राशि पहुंची थी. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा और आवश्यक होने पर पूछताछ के लिए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ ले जाया जाएगा. अलवर की स्थानीय पुलिस की मदद से गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों की शिनाख्त निकुंज पुत्र ताराचंद निवासी स्कीम नंबर 3 और लक्ष्य सैनी पुत्र बाबूलाल सैनी निवासी शिवाजी पार्क के रूप में हुई है.