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उत्तराखंड के दफ्तरों में हड़कंप, कहीं सीएम तो कहीं डीएम ने की छापेमारी, पुलिस भी नहीं पीछे

सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ-साथ अधिकारी भी ग्राउंड पर उतरे रियलटी जानने, औचक निरीक्षण कर ले रहे बड़े एक्शन

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

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उत्तराखंड में अधिकारियों की छापेमारी. (ETV Bharat)

देहरादून: हमेशा से यह कहा जाता रहा है कि अधिकारी अगर अपने दफ्तर से बाहर निकालकर व्यवस्थाओं को देखेंगे तो शायद उन्हें पता लगेगा की धरातल पर क्या स्थिति है. ऐसे ही कुछ आजकल उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है, जिससे उत्तराखंड के सरकारी दफ्तरों में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है.

दरअसल, सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर शासन-प्रशासन के तमाम बड़े अधिकारी इन दिनों सड़कों पर उतरकर न सिर्फ जमीनी हकीकत के रूबरू हो रहे है, बल्कि सिस्टम की खामियों को समझकर उन्हें खत्म भी कर रहे है. अब आपको इसी तरह के कुछ बड़ी कार्रवाई के बारे में बताते हैं, जिससे सरकारी कर्मचारियों की भी नींद उड़ी हुई है.

सीएम धामी खुद ग्राउंड पर उतरे: जमीनी हकीकत और आम जनता की समस्याओं को जनाने के लिए बीते दिनों खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी ग्राउंड पर उतरे थे. बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न सिर्फ डीएम कार्यालय का औचक निरीक्षण किया था, बल्कि अपने दफ्तर से सटे पुलिस मुख्यालय में भी अचानक से पहुंच गए थे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस कार्रवाई के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया था.

रजिस्ट्री ऑफिस में हो रहे बड़े घोटाले का किया था पर्दाफाश: वहीं, अब शासन से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारी भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इसी राह पर चल रहे है और जमीन हकीकत को जान रहे है. सबसे पहले बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एक्शन की ही करते है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते साल 15 जुलाई को अचानक से देहरादून जिलाधिकारी कार्यालय में स्थित रजिस्टर ऑफिस पहुंचे थे, जहां उन्होंने न सिर्फ दस्तावेजों को खंगाला था, बल्कि बड़ी गड़बड़ी भी पकड़ी थी.

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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बीते साल रजिस्ट्री कार्यालय में छापा मारकर बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया था. (ETV Bharat)

सीएम के एक्शन के बाद कई आरोपी गए जेल: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपने निरीक्षण में कई रिकॉर्ड गायब मिले थे तो वहीं कुछ रजिस्ट्री से जुड़े कुछ दस्तावेजों में गड़बड़ी भी की गई थी. सीएम धामी की इस कार्रवाई के बाद शासन से लेकर प्रशासन तक में हड़कंप मच गया था. सीएम धामी के इस एक्शन का असर ये हुआ है कि देहरादून में जमीनों के नाम पर हो रहे बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ और कई लोगों को इस फर्जीवाड़े में जेल भी जाना पड़ा.

जब अचानक से पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे सीएम धामी: वहीं, हाल ही में सीएम धामी अचानक से पुलिस मुख्यालय में भी पहुंच गए थे. सीएम धामी करीब 15 से 20 मिनट तक पुलिस मुख्यालय में रूके थे. इस दौरान सीएम धामी ने न सिर्फ अधिकारियों से बात कर उनके कामकाज के तरीकों के बारे में जाना था, बल्कि कहीं कागजातों पर भी नजर डाली थी. इस तरह के औचक निरीक्षण से कर्मचारियों और अधिकारियों के मन में डर बना रहा है और व्यवस्थाएं भी काफी हद तक सही रहती है.

डीएम बनने के बाद ही एक्शन में नजर आ रहे देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल: हाल ही में देहरादून जिले के जिलाधिकारी बने सविन बंसल पदभार संभालने के पहले दिन से ही अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चाओं में है. देहरादून डीएम का चार्च संभालते ही सविन बंसल सबसे पहले जिला हॉस्पिटल कोरोनेशन पहुंचे और एक आम मरीज बनकर काउंटर पर पर्ची बनवाई. इसके बाद उन्होंने आम मरीज बनकर ही जिला हॉस्पिटल के इंतजामों को परखा.

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देहरादून जिलाधिकारी ने कोरोनेशन हॉस्पिटल में आम आदमी बनकर पर्ची बनवाई थी. (ETV Bharat)

देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल की ये छापेमारी चर्चाओं में: इसके बाद देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल बिना लाव-लश्कर से आम आदमी बनकर देहरादून की सड़कों पर निकले और शराब की दुकानों पर पहुंचकर ओवर रेटिंग की शिकायत की हकीकत जानी. शराब ओवर रेटिंग की शिकायत सहीं पाई गई, क्योंकि शराब दुकान के सेल्समैन ने ग्राहक बनकर आए डीएम को नहीं बख्शा और उन्हें भी शराब ओवर रेटिंग में दी. जिसके बाद डीएम ने मौके पर ही एक्शन लेकर जुर्माना लगाया.

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शराब के ठेकों में हो रही ओवर रेटिंग की हकीकत जानने के लिए देहरादून जिलाधिकारी खुद ग्राहक बनकर पहुंचे थे. (ETV Bharat)

ऋषिकेश हॉस्पिटल में भी अचानक मारा था छापा: इसके बाद डीएम बंसल ने ऐसे ही अपनी पहचान छुपाकर देहरादून जिले के कई हॉस्पिटल और अन्य जगहों पर भी छापेमारी की. इस दौरान डीएम को कई खामियां देखने को मिली. ऋषिकेश के सरकारी हॉस्पिटल की गंदगी देखकर तो डीएम साहब का पारा भी चढ़ गया था.

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11 अक्टूबर सुबह को देहरादून में सड़कों पर फैली गंदगी देख डीएम ने लगाई अधिकारियों की क्लास (ETV Bharat)

सुबह पांच बजे तोड़ दी अधिकारी की नींद: वहीं, शुक्रवार 11 अक्टूबर को भी सुबह पांच बजे अचानक से मॉर्निंग वॉक पर निकले देहरादून डीएम ने सड़कों पर फैली गंदगी को लेकर अधिकारियों को फोन लगा दिया. सुबह पांच बजे डीएम देहरादून को फोन बचते ही सारे अधिकारियों की नींद टूटी और सभी मौके पर पहुंचे. डीएम ने अधिकारियों को तत्काल कूड़ा निस्तारण करने के निर्देश दिए. देहरादून डीएम की अगला एक्शन होगा, ये कोई नहीं जानता है, लेकिन देहरादून डीएम के इन एक्शनों के बाद जिले के तमाम विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपने काम के प्रति थोड़ा गंभीर जरूर दिखेंगे.

हरिद्वार जिलाधिकारी की छापेमारी: हरिद्वार के नए जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह भी कम एक्शन में नजर नहीं आ रहे है. उनकी भी छापेमारी की कार्रवाई लगातार जारी है. अपनी ज्वाइनिंग से लेकर अभीतक हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह हॉस्पिटल से लेकर कई जगहों का औचक निरीक्षण कर चुके है, जहां उन्हें कहीं खामिया भी मिली.

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हरिद्वार जिलाधिकारी भी लगातार सरकारी विभागों के दफ्तरों में छापे मारकर बड़ा एक्शन ले रहे हैं. (ETV Bharat)

हाल ही में हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने समाज कल्याण विभाग के दफ्तर में छापेमारी की तो 10.30 बजे भी उन्हें कई अधिकारी गायब मिले थे, जिसको लेकर उन्हें कुछ कर्मचारियों की तो सैलरी रोकने के आदेश दिए थे, वहीं कईयों को फटकार भी लगाई थी. ऐसे ही कुछ नजारा जिलाधिकारी मुख्य शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में भी देखने को मिला था. यहां भी हरिद्वार डीएम ने कई कर्मचारियों की सैलरी रोक दी थी.

इसके अलावा लक्सर और अन्य कस्बों में हरिद्वार जिलाधिकारी ने इसी तरह कई दफ्तरों का औचक निरीक्षण किया तो वहां कर्मचारियों की ऑफिस टाइम को लेकर लापरवाही सामने आई, जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान और लक्सर के उप जिलाधिकारी गोपाल सिंह चौहान ने कई कर्मचारियों पर कार्रवाई की थी.

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उपजिलाधिकारी मनीष सिंह ने आधार केन्द्रों पर मारा था छापा. (ETV Bharat)

उपजिला अधिकारी मनीष सिंह की कार्रवाई: इसी तरह 11 अक्टूबर को एक छापेमारी उपजिला अधिकारी मनीष सिंह ने तब कि जब आधार केन्द्रों पर अनियमितताएं और फर्जी आधार से संबंधित शिकायतें मिल रही थी. जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के निर्देशन में छापेमारी के दौरान सीएससी संचालकों में हड़कंप मच गया. रावली महदूद में उप जिलाधिकारी मनीष सिंह द्वारा की गई छापेमारी के दौरान विभिन्न व्यक्तियों के 58 आधार कार्ड तथा 15 विभिन्न व्यक्तियों के पेन कार्ड मिले, इतनी बड़ी संख्या में आधार कार्ड तथा पेन कार्ड मिलना प्रथम दृष्टतया संदिग्ध पाए जाने पर सीएससी से आयरिस स्कैनर, सहित अन्य सभी सामान मौके पर ही जब्त कर लिया गया.

देहरादून में पुलिस कप्तान भी दिखे एक्शन में: जिले के जिलाधिकारी ही नहीं, बल्कि पुलिस कप्तान भी सड़कों पर उतरे और सुरक्षा व्यवस्था व ट्रैफिक इंतजामों का जायजा लिया. हाल ही में राजधानी देहरादून के दून मेडिकल हॉस्पिटल और कॉलेज के बाथरूम में नवजात का शव मिला था. इसके बाद खुद देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने हॉस्पिटल पहुंचकर वहां की सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया था. इस दौरान एसएसपी सिंह को हॉस्पिटल में कई खामियां मिली थी. कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे भी खराब पड़े हुए थे, जिन्हें सही कराने को कहा गया था.

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बाइक पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने देहरादून की सड़कों पर निकले डीएम और एसएसपी (ETV Bharat)

इसके अलावा देहरादून एसएसपी ने जिलाधिकारी के साथ बाइक पर उन चौराहों का भ्रमण किया जहां पर सबसे ज्यादा जाम की स्थिति पैदा होती है. बाइक पर एसएसपी और जिलाधिकारी को शहर की सड़कों पर घूमते हुए देखकर पुलिस भी अलर्ट हो गई थी.

जब आधी रात को एसएसपी ने लगाई चौपाल: हाल ही में उधम सिंह नगर एसएसपी मणिकांत मिश्रा भी एक तस्वीर काफी वायरल हुई. दरअसल, उधम सिंह नगर ने नए पुलिस कप्तान मणिकांत मिश्रा अचानक से अपने घर से वर्दी में निकले और आधी रात को तमाम फोर्स को सड़क पर ही बुला लिया. इसके बाद उन्होंने कई थाना, कोतवाली और चौकियों का निरीक्षण किया. वहीं रात को 12.30 बजे सड़क पर ही कुर्सियां लगाकर चौपाल लगाई और करीब आंधे घंटे पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त ड्यूटी को लेकर दिशा-निर्देश दिए.

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उधम सिंह नगर एसएसपी ने लगाई चौपाल. (ETV Bharat)

सीएम ने मंत्रियों और अधिकारियों को दिए निर्देश: बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों तमाम मंत्रियों और जिले के अधिकारियों ये दिशा निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र में जाकर व्यवस्थाओं को देखें. अधिकारी दफ्तरों से बाहर निकाल कर यह जानने की कोशिश करें कि आपका जनपदों में किस-किस तरह की समस्या लोगों को हो रही है और यही कारण है कि राज्य के कई जिलों में इसका असर अब देखने के लिए भी मिल रहा है.

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देहरादून: हमेशा से यह कहा जाता रहा है कि अधिकारी अगर अपने दफ्तर से बाहर निकालकर व्यवस्थाओं को देखेंगे तो शायद उन्हें पता लगेगा की धरातल पर क्या स्थिति है. ऐसे ही कुछ आजकल उत्तराखंड में देखने को मिल रहा है, जिससे उत्तराखंड के सरकारी दफ्तरों में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है.

दरअसल, सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर शासन-प्रशासन के तमाम बड़े अधिकारी इन दिनों सड़कों पर उतरकर न सिर्फ जमीनी हकीकत के रूबरू हो रहे है, बल्कि सिस्टम की खामियों को समझकर उन्हें खत्म भी कर रहे है. अब आपको इसी तरह के कुछ बड़ी कार्रवाई के बारे में बताते हैं, जिससे सरकारी कर्मचारियों की भी नींद उड़ी हुई है.

सीएम धामी खुद ग्राउंड पर उतरे: जमीनी हकीकत और आम जनता की समस्याओं को जनाने के लिए बीते दिनों खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी ग्राउंड पर उतरे थे. बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न सिर्फ डीएम कार्यालय का औचक निरीक्षण किया था, बल्कि अपने दफ्तर से सटे पुलिस मुख्यालय में भी अचानक से पहुंच गए थे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस कार्रवाई के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया था.

रजिस्ट्री ऑफिस में हो रहे बड़े घोटाले का किया था पर्दाफाश: वहीं, अब शासन से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारी भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इसी राह पर चल रहे है और जमीन हकीकत को जान रहे है. सबसे पहले बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के एक्शन की ही करते है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते साल 15 जुलाई को अचानक से देहरादून जिलाधिकारी कार्यालय में स्थित रजिस्टर ऑफिस पहुंचे थे, जहां उन्होंने न सिर्फ दस्तावेजों को खंगाला था, बल्कि बड़ी गड़बड़ी भी पकड़ी थी.

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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बीते साल रजिस्ट्री कार्यालय में छापा मारकर बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया था. (ETV Bharat)

सीएम के एक्शन के बाद कई आरोपी गए जेल: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपने निरीक्षण में कई रिकॉर्ड गायब मिले थे तो वहीं कुछ रजिस्ट्री से जुड़े कुछ दस्तावेजों में गड़बड़ी भी की गई थी. सीएम धामी की इस कार्रवाई के बाद शासन से लेकर प्रशासन तक में हड़कंप मच गया था. सीएम धामी के इस एक्शन का असर ये हुआ है कि देहरादून में जमीनों के नाम पर हो रहे बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ और कई लोगों को इस फर्जीवाड़े में जेल भी जाना पड़ा.

जब अचानक से पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे सीएम धामी: वहीं, हाल ही में सीएम धामी अचानक से पुलिस मुख्यालय में भी पहुंच गए थे. सीएम धामी करीब 15 से 20 मिनट तक पुलिस मुख्यालय में रूके थे. इस दौरान सीएम धामी ने न सिर्फ अधिकारियों से बात कर उनके कामकाज के तरीकों के बारे में जाना था, बल्कि कहीं कागजातों पर भी नजर डाली थी. इस तरह के औचक निरीक्षण से कर्मचारियों और अधिकारियों के मन में डर बना रहा है और व्यवस्थाएं भी काफी हद तक सही रहती है.

डीएम बनने के बाद ही एक्शन में नजर आ रहे देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल: हाल ही में देहरादून जिले के जिलाधिकारी बने सविन बंसल पदभार संभालने के पहले दिन से ही अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चाओं में है. देहरादून डीएम का चार्च संभालते ही सविन बंसल सबसे पहले जिला हॉस्पिटल कोरोनेशन पहुंचे और एक आम मरीज बनकर काउंटर पर पर्ची बनवाई. इसके बाद उन्होंने आम मरीज बनकर ही जिला हॉस्पिटल के इंतजामों को परखा.

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देहरादून जिलाधिकारी ने कोरोनेशन हॉस्पिटल में आम आदमी बनकर पर्ची बनवाई थी. (ETV Bharat)

देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल की ये छापेमारी चर्चाओं में: इसके बाद देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल बिना लाव-लश्कर से आम आदमी बनकर देहरादून की सड़कों पर निकले और शराब की दुकानों पर पहुंचकर ओवर रेटिंग की शिकायत की हकीकत जानी. शराब ओवर रेटिंग की शिकायत सहीं पाई गई, क्योंकि शराब दुकान के सेल्समैन ने ग्राहक बनकर आए डीएम को नहीं बख्शा और उन्हें भी शराब ओवर रेटिंग में दी. जिसके बाद डीएम ने मौके पर ही एक्शन लेकर जुर्माना लगाया.

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शराब के ठेकों में हो रही ओवर रेटिंग की हकीकत जानने के लिए देहरादून जिलाधिकारी खुद ग्राहक बनकर पहुंचे थे. (ETV Bharat)

ऋषिकेश हॉस्पिटल में भी अचानक मारा था छापा: इसके बाद डीएम बंसल ने ऐसे ही अपनी पहचान छुपाकर देहरादून जिले के कई हॉस्पिटल और अन्य जगहों पर भी छापेमारी की. इस दौरान डीएम को कई खामियां देखने को मिली. ऋषिकेश के सरकारी हॉस्पिटल की गंदगी देखकर तो डीएम साहब का पारा भी चढ़ गया था.

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11 अक्टूबर सुबह को देहरादून में सड़कों पर फैली गंदगी देख डीएम ने लगाई अधिकारियों की क्लास (ETV Bharat)

सुबह पांच बजे तोड़ दी अधिकारी की नींद: वहीं, शुक्रवार 11 अक्टूबर को भी सुबह पांच बजे अचानक से मॉर्निंग वॉक पर निकले देहरादून डीएम ने सड़कों पर फैली गंदगी को लेकर अधिकारियों को फोन लगा दिया. सुबह पांच बजे डीएम देहरादून को फोन बचते ही सारे अधिकारियों की नींद टूटी और सभी मौके पर पहुंचे. डीएम ने अधिकारियों को तत्काल कूड़ा निस्तारण करने के निर्देश दिए. देहरादून डीएम की अगला एक्शन होगा, ये कोई नहीं जानता है, लेकिन देहरादून डीएम के इन एक्शनों के बाद जिले के तमाम विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपने काम के प्रति थोड़ा गंभीर जरूर दिखेंगे.

हरिद्वार जिलाधिकारी की छापेमारी: हरिद्वार के नए जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह भी कम एक्शन में नजर नहीं आ रहे है. उनकी भी छापेमारी की कार्रवाई लगातार जारी है. अपनी ज्वाइनिंग से लेकर अभीतक हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह हॉस्पिटल से लेकर कई जगहों का औचक निरीक्षण कर चुके है, जहां उन्हें कहीं खामिया भी मिली.

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हरिद्वार जिलाधिकारी भी लगातार सरकारी विभागों के दफ्तरों में छापे मारकर बड़ा एक्शन ले रहे हैं. (ETV Bharat)

हाल ही में हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने समाज कल्याण विभाग के दफ्तर में छापेमारी की तो 10.30 बजे भी उन्हें कई अधिकारी गायब मिले थे, जिसको लेकर उन्हें कुछ कर्मचारियों की तो सैलरी रोकने के आदेश दिए थे, वहीं कईयों को फटकार भी लगाई थी. ऐसे ही कुछ नजारा जिलाधिकारी मुख्य शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में भी देखने को मिला था. यहां भी हरिद्वार डीएम ने कई कर्मचारियों की सैलरी रोक दी थी.

इसके अलावा लक्सर और अन्य कस्बों में हरिद्वार जिलाधिकारी ने इसी तरह कई दफ्तरों का औचक निरीक्षण किया तो वहां कर्मचारियों की ऑफिस टाइम को लेकर लापरवाही सामने आई, जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान और लक्सर के उप जिलाधिकारी गोपाल सिंह चौहान ने कई कर्मचारियों पर कार्रवाई की थी.

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उपजिलाधिकारी मनीष सिंह ने आधार केन्द्रों पर मारा था छापा. (ETV Bharat)

उपजिला अधिकारी मनीष सिंह की कार्रवाई: इसी तरह 11 अक्टूबर को एक छापेमारी उपजिला अधिकारी मनीष सिंह ने तब कि जब आधार केन्द्रों पर अनियमितताएं और फर्जी आधार से संबंधित शिकायतें मिल रही थी. जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के निर्देशन में छापेमारी के दौरान सीएससी संचालकों में हड़कंप मच गया. रावली महदूद में उप जिलाधिकारी मनीष सिंह द्वारा की गई छापेमारी के दौरान विभिन्न व्यक्तियों के 58 आधार कार्ड तथा 15 विभिन्न व्यक्तियों के पेन कार्ड मिले, इतनी बड़ी संख्या में आधार कार्ड तथा पेन कार्ड मिलना प्रथम दृष्टतया संदिग्ध पाए जाने पर सीएससी से आयरिस स्कैनर, सहित अन्य सभी सामान मौके पर ही जब्त कर लिया गया.

देहरादून में पुलिस कप्तान भी दिखे एक्शन में: जिले के जिलाधिकारी ही नहीं, बल्कि पुलिस कप्तान भी सड़कों पर उतरे और सुरक्षा व्यवस्था व ट्रैफिक इंतजामों का जायजा लिया. हाल ही में राजधानी देहरादून के दून मेडिकल हॉस्पिटल और कॉलेज के बाथरूम में नवजात का शव मिला था. इसके बाद खुद देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने हॉस्पिटल पहुंचकर वहां की सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया था. इस दौरान एसएसपी सिंह को हॉस्पिटल में कई खामियां मिली थी. कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे भी खराब पड़े हुए थे, जिन्हें सही कराने को कहा गया था.

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बाइक पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने देहरादून की सड़कों पर निकले डीएम और एसएसपी (ETV Bharat)

इसके अलावा देहरादून एसएसपी ने जिलाधिकारी के साथ बाइक पर उन चौराहों का भ्रमण किया जहां पर सबसे ज्यादा जाम की स्थिति पैदा होती है. बाइक पर एसएसपी और जिलाधिकारी को शहर की सड़कों पर घूमते हुए देखकर पुलिस भी अलर्ट हो गई थी.

जब आधी रात को एसएसपी ने लगाई चौपाल: हाल ही में उधम सिंह नगर एसएसपी मणिकांत मिश्रा भी एक तस्वीर काफी वायरल हुई. दरअसल, उधम सिंह नगर ने नए पुलिस कप्तान मणिकांत मिश्रा अचानक से अपने घर से वर्दी में निकले और आधी रात को तमाम फोर्स को सड़क पर ही बुला लिया. इसके बाद उन्होंने कई थाना, कोतवाली और चौकियों का निरीक्षण किया. वहीं रात को 12.30 बजे सड़क पर ही कुर्सियां लगाकर चौपाल लगाई और करीब आंधे घंटे पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त ड्यूटी को लेकर दिशा-निर्देश दिए.

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उधम सिंह नगर एसएसपी ने लगाई चौपाल. (ETV Bharat)

सीएम ने मंत्रियों और अधिकारियों को दिए निर्देश: बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों तमाम मंत्रियों और जिले के अधिकारियों ये दिशा निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र में जाकर व्यवस्थाओं को देखें. अधिकारी दफ्तरों से बाहर निकाल कर यह जानने की कोशिश करें कि आपका जनपदों में किस-किस तरह की समस्या लोगों को हो रही है और यही कारण है कि राज्य के कई जिलों में इसका असर अब देखने के लिए भी मिल रहा है.

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