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अल्मोड़ा की बेटी मीनाक्षी पांडे विदेश में लहराएगी परचम, टोक्यो में सिखाएगी योग, ऐसे हुआ चयन

योग विभाग की छात्रा है मीनाक्षी पांडे, टेक्निकल इंटर ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत हुआ मीनाक्षी का चयन

ALMORA MEENAKSHI PANDEY
अल्मोड़ा की बेटी मीनाक्षी पांडे विदेश में लहराएंगी परचम (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 19, 2024, 3:21 PM IST

अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा की योग विज्ञान विभाग की छात्रा मीनाक्षी पांडे टोक्यो में योग का परचम लहराएंगी. राज्य सरकार के विदेश रोजगार प्रकोष्ठ, सहसपुर, कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग, उत्तराखंड की ओर से टेक्निकल इंटर ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत मीनाक्षी का चयन हुआ है. इस चयन के लिए प्रथम दौर में प्रतिभागियों की लिखित परीक्षा आयोजित की गयी थी. लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण प्रतिभागियों का साक्षात्कार लिया गया. वहीं, प्रतिभागियों को विदेशी भाषा का प्रशिक्षण देकर दक्ष किया गया. इस दौरान एसएसजे विश्ववविद्यालय अल्मोड़ा की मीनाक्षी पांडे का चयन हुआ.

मीनाक्षी 29 अक्टूबर को बेंगलोर से टोक्यो के लिए रवाना होंगी. उन्होंने बताया वह टोक्यो में जाकर लोगों को योग के महत्व को बताकर उन्हें योग से स्वस्थ रहने की कला सिखाएंगी. विभिन्न आसनों का भी वे अभ्यास कराएंगी. मीनाक्षी पांडे के चयन पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट, योग विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चन्द्र भट्ट आदि ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं.

योग की विदेशों में बढ़ती मांग: वर्तमान की भाग दौड़ भरी जिंदगी में योग दर्शन का बहुत महत्व है. महर्षि पतंजलि को योग का जनक माना जाता है. योग की परंपरा भारतीय समाज में हजारों सालों से है. भारत की इस योग कला के महत्व को अब पूरे विश्व के लोग जानने लगे हैं. योग इस भाग दौड़ भारी ज़िन्दगी में तनाव से राहत देता है. यह दिमाग को हमेशा शांत रखता है. योगा करने वाला व्यक्ति हमेशा तरोताजा महसूस करता है. योगा के इस महत्व को जानने के बाद योग लगातार विदेशों में इसकी मांग बढ़ती जा रही है.

पढ़ें- योग महाशिखर सम्मेलन में हर्षिका रिखाड़ी को मिला योग रत्न सम्मान, उत्तराखंड की 7 साल की योग साधक ने जमाया रंग

अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा की योग विज्ञान विभाग की छात्रा मीनाक्षी पांडे टोक्यो में योग का परचम लहराएंगी. राज्य सरकार के विदेश रोजगार प्रकोष्ठ, सहसपुर, कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग, उत्तराखंड की ओर से टेक्निकल इंटर ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत मीनाक्षी का चयन हुआ है. इस चयन के लिए प्रथम दौर में प्रतिभागियों की लिखित परीक्षा आयोजित की गयी थी. लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण प्रतिभागियों का साक्षात्कार लिया गया. वहीं, प्रतिभागियों को विदेशी भाषा का प्रशिक्षण देकर दक्ष किया गया. इस दौरान एसएसजे विश्ववविद्यालय अल्मोड़ा की मीनाक्षी पांडे का चयन हुआ.

मीनाक्षी 29 अक्टूबर को बेंगलोर से टोक्यो के लिए रवाना होंगी. उन्होंने बताया वह टोक्यो में जाकर लोगों को योग के महत्व को बताकर उन्हें योग से स्वस्थ रहने की कला सिखाएंगी. विभिन्न आसनों का भी वे अभ्यास कराएंगी. मीनाक्षी पांडे के चयन पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट, योग विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ नवीन चन्द्र भट्ट आदि ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं.

योग की विदेशों में बढ़ती मांग: वर्तमान की भाग दौड़ भरी जिंदगी में योग दर्शन का बहुत महत्व है. महर्षि पतंजलि को योग का जनक माना जाता है. योग की परंपरा भारतीय समाज में हजारों सालों से है. भारत की इस योग कला के महत्व को अब पूरे विश्व के लोग जानने लगे हैं. योग इस भाग दौड़ भारी ज़िन्दगी में तनाव से राहत देता है. यह दिमाग को हमेशा शांत रखता है. योगा करने वाला व्यक्ति हमेशा तरोताजा महसूस करता है. योगा के इस महत्व को जानने के बाद योग लगातार विदेशों में इसकी मांग बढ़ती जा रही है.

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