रांची: जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक की गुत्थी अभी सुलझी भी नहीं थी कि एक और जेएसएससी परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत आने लगी है. पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में आयोजित झारखंड पीजीटी परीक्षा के परिणाम इन दिनों जारी होते ही एक तरफ जहां छात्र सड़क पर हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष को इसे भुनाने का अवसर मिल गया है. छात्रों की शिकायत यह है कि आयोग द्वारा जारी रिजल्ट में कुछ सेंटर से सर्वाधिक विद्यार्थी सफल हुए हैं, जिनका कट ऑफ आश्चर्यजनक रूप से बहुत अधिक है.
छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का लगाया आरोप
बोकारो और रांची के कुछ कंप्यूटर सेंटर जहां परीक्षा सीबीटी मोड में आयोजित की गई थी वहां भारी गड़बड़ी सामने आई है. तर्क यह दिया जा रहा है कि सीजीएल पेपर लीक मामले में जिस एजेंसी ने परीक्षा आयोजित की थी उसी ने पीजीटी परीक्षा भी आयोजित की थी. ऐसे में इस परीक्षा में सेटिंग और पैरवी के बल पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है.
पीजीटी परीक्षा की हो जांच और नियुक्ति पर फिलहाल लगे रोक-नेता प्रतिपक्ष
झारखंड पीजीटी परीक्षा को लेकर झारखंड में सियासत भी शुरू हो गई है. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि पीजीटी परीक्षा की जांच होनी चाहिए और जांच पूरा होने तक नियुक्ति पर रोक लगनी चाहिए.
सरकार पर लगाया एसआईटी के नाम पर खानापूर्ति का आरोप
भाजपा प्रदेश कार्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए अमर कुमार बाउरी ने कहा कि लगातार झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायतें आती रही हैं, पर सरकार एसआईटी के नाम पर खानापूर्ति कर राज्य के युवाओं को दिगभ्रमित करने का काम कर रही है.
पीजीटी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप, जांच की मांग
ऐसे में सीजीएल परीक्षा पेपर लीक की चल रही जांच में ही झारखंड पीजीटी परीक्षा में हुई गड़बड़ी को टैग कर जांच होनी चाहिए. क्योंकि यह छात्रों के भविष्य का सवाल है. सेटिंग और पैरवी के बल पर मेधावी छात्रों का गला घोंटने में सरकार लगी हुई है. इसे भारतीय जनता पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके खिलाफ भाजपा युवा मोर्चा के द्वारा आंदोलन किया जाएगा.
राज्य सरकार युवाओं के साथ कर रही ठगीः नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने वर्तमान सरकार पर युवाओं को ठगने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पहले 5 लाख युवाओं को हर वर्ष नौकरी देने का वादा करके ठगा गया और अब नौकरी देने के बजाय राज्य सरकार नौकरी बेचने का काम कर रही है.
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