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गिरिडीह के बगोदर प्रखंड में प्राथमिक विद्यालय के संचालन में अनियमितता का आरोप, चार सालों से विद्यालय प्रबंधन समिति का पुनर्गठन नहीं - Irregularities In Government School

School without management committee in Giridih. सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र में स्कूलों के संचालन में अनियमितता रुकने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला गिरिडीह के बगोदर प्रखंड में संचालित प्राथमिक विद्यालय का है. ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय संचालन में अनियमितता बरती जा रही है. बगैर प्रबंधन समिति के ही विद्यालय का संचालन हो रहा है.

Irregularities In School Of Giridih
गिरिडीह के बगोदर प्रखंड में प्राथमिक विद्यालय संचालन में मनमानी का विरोध जताते ग्रामीण. (फोटो-ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 19, 2024, 3:59 PM IST

गिरिडीह, बगोदर: जिले के बगोदर प्रखंड के अटका अंतर्गत अंजनियाटांड़ प्राथमिक विद्यालय के संचालन में मनमानी का आरोप स्थानीय ग्रामीणों ने लगाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि शिक्षकों की लापरवाही के कारण जैसे-तैसे स्कूल का संचालन हो रहा है. इसे लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है.

गिरिडीह के बगोदर प्रखंड में प्राथमिक विद्यालय संचालन में मनमानी का विरोध जताते ग्रामीण. (वीडियो-ईटीवी भारत)

चार सालों ने विद्यालय प्रबंधन समिति का नहीं हुआ पुनर्गठन

साथ ही ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बगैर प्रबंधन समिति के ही विद्यालय का संचालन हो रहा है. चूंकि 4 सालों से यहां प्रबंधन समिति का पुनर्गठन नहीं हुआ है.साथ ही ग्रामीणों ने मिड डे मील योजना में भी मनमानी का आरोप लगाया है.

विद्यालय भवन में नहीं लिखा है स्कूल का नाम

बता दें कि स्कूल भवन में न तो स्कूल का कहीं नाम लिखा हुआ है और न हीं प्रबंधन समिति की सूची. साथ ही मिड डे मील योजना से संबंधित मेन्यू का उल्लेख भी नहीं है. जानकारी के अनुसार स्कूल में केवल दलित बच्चे पढ़ते हैं. ऐसे में इस स्थिति में दलित बच्चों का उत्थान कैसे हो सकता है यह एक बड़ा सवाल है.

मुखिया प्रतिनिधि ने विद्यालय में व्याप्त अनियमितता पर जताई नाराजगी

वहीं स्कूल में व्याप्त अनियमितता की जानकारी मिलने पर अटका पश्चिमी के मुखिया प्रतिनिधि जिबाधन मंडल स्कूल पहुंचे. उन्होंने स्कूल में अनियमितता देखकर नाराजगी जताई. उन्होंने बताया कि स्कूल के शिक्षकों की लापरवाही के कारण यहां के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

उन्होंने बताया कि छानबीन में जानकारी मिली है कि चार सालों से यहां प्रबंधन समिति का गठन नहीं हुआ है. चार साल पूर्व विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. तब से प्रबंधन समिति का पुनर्गठन नहीं किया गया है. बगैर प्रबंधन समिति के ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बच्चों से पूछताछ में जानकारी मिली है कि मिड डे मील योजना भी यहां दो महीने पहले शुरु हुई है.

पुराने चेक से हो रहा मिड डे मील योजना का संचालनः प्रधान शिक्षक

इधर, स्कूल के प्रधान शिक्षक मसूद खान ने कहा कि चार सालों से रुपये की निकासी नहीं हुई है.रुपये की निकासी नहीं होने के बावजूद मिड डे मील योजना का संचालन कैसे हो रहा है इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पूर्व के चेक से योजना का संचालन हो रहा है. सवाल यह है कि चार साल पूर्व के चेक से अब तक मिड डे मील योजना का संचालन होना अपने आप में एक बड़ा सवाल है.

ग्रामीणों ने बीईईओ से की शिकायत

इधर ग्रामीणों ने इस पूरे मामले को लेकर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को आवेदन देकर मामले की जांच और दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई करने की मांग की है. इधर प्रबंध समिति के पूर्व अध्यक्ष निलकंठ साव ने भी बीईईओ को आवेदन देकर कहा है कि उनके नाम पर स्कूल में पैसे की निकासी की जा रही है, जबकि 6 साल पूर्व मैं अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुका हूं.

बीईईओ ने स्कूल के प्रधान शिक्षक से मांगा स्पष्टीकरण

इधर, इस पूरे मामले में प्रभारी बीईईओ रामाश्रय सिंह ने कहा है कि ग्रामीणों के द्वारा आवेदन दिया गया है. स्कूल के प्रधान शिक्षक को मामले में प्रमाण के साथ स्पष्टीकरण मांगा गया. स्पष्टीकरण मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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गिरिडीह के बगोदर प्रखंड में प्राथमिक विद्यालय संचालन में मनमानी का विरोध जताते ग्रामीण. (वीडियो-ईटीवी भारत)

चार सालों ने विद्यालय प्रबंधन समिति का नहीं हुआ पुनर्गठन

साथ ही ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बगैर प्रबंधन समिति के ही विद्यालय का संचालन हो रहा है. चूंकि 4 सालों से यहां प्रबंधन समिति का पुनर्गठन नहीं हुआ है.साथ ही ग्रामीणों ने मिड डे मील योजना में भी मनमानी का आरोप लगाया है.

विद्यालय भवन में नहीं लिखा है स्कूल का नाम

बता दें कि स्कूल भवन में न तो स्कूल का कहीं नाम लिखा हुआ है और न हीं प्रबंधन समिति की सूची. साथ ही मिड डे मील योजना से संबंधित मेन्यू का उल्लेख भी नहीं है. जानकारी के अनुसार स्कूल में केवल दलित बच्चे पढ़ते हैं. ऐसे में इस स्थिति में दलित बच्चों का उत्थान कैसे हो सकता है यह एक बड़ा सवाल है.

मुखिया प्रतिनिधि ने विद्यालय में व्याप्त अनियमितता पर जताई नाराजगी

वहीं स्कूल में व्याप्त अनियमितता की जानकारी मिलने पर अटका पश्चिमी के मुखिया प्रतिनिधि जिबाधन मंडल स्कूल पहुंचे. उन्होंने स्कूल में अनियमितता देखकर नाराजगी जताई. उन्होंने बताया कि स्कूल के शिक्षकों की लापरवाही के कारण यहां के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

उन्होंने बताया कि छानबीन में जानकारी मिली है कि चार सालों से यहां प्रबंधन समिति का गठन नहीं हुआ है. चार साल पूर्व विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. तब से प्रबंधन समिति का पुनर्गठन नहीं किया गया है. बगैर प्रबंधन समिति के ही स्कूल का संचालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बच्चों से पूछताछ में जानकारी मिली है कि मिड डे मील योजना भी यहां दो महीने पहले शुरु हुई है.

पुराने चेक से हो रहा मिड डे मील योजना का संचालनः प्रधान शिक्षक

इधर, स्कूल के प्रधान शिक्षक मसूद खान ने कहा कि चार सालों से रुपये की निकासी नहीं हुई है.रुपये की निकासी नहीं होने के बावजूद मिड डे मील योजना का संचालन कैसे हो रहा है इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पूर्व के चेक से योजना का संचालन हो रहा है. सवाल यह है कि चार साल पूर्व के चेक से अब तक मिड डे मील योजना का संचालन होना अपने आप में एक बड़ा सवाल है.

ग्रामीणों ने बीईईओ से की शिकायत

इधर ग्रामीणों ने इस पूरे मामले को लेकर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को आवेदन देकर मामले की जांच और दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई करने की मांग की है. इधर प्रबंध समिति के पूर्व अध्यक्ष निलकंठ साव ने भी बीईईओ को आवेदन देकर कहा है कि उनके नाम पर स्कूल में पैसे की निकासी की जा रही है, जबकि 6 साल पूर्व मैं अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुका हूं.

बीईईओ ने स्कूल के प्रधान शिक्षक से मांगा स्पष्टीकरण

इधर, इस पूरे मामले में प्रभारी बीईईओ रामाश्रय सिंह ने कहा है कि ग्रामीणों के द्वारा आवेदन दिया गया है. स्कूल के प्रधान शिक्षक को मामले में प्रमाण के साथ स्पष्टीकरण मांगा गया. स्पष्टीकरण मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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