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तराई पूर्वी वन प्रभाग में कटी मिली खैर की बेशकीमती लकड़ियां, स्थानीय गुर्जर समुदाय का गंभीर आरोप, CCF ने दिए जांच के आदेश - Smuggling Of Precious Woods - SMUGGLING OF PRECIOUS WOODS

Smuggling Of Precious Woods: नैनीताल जिले के तराई पूर्वी वन प्रभाग में अवैध रूप से बेशकीमती खैर के पेड़ काटे जाने का मामला सामने आया है. आरोप लग रहा है कि वन तस्कर मिलीभगत कर लकड़ियों को ठिकाने लगा रहे हैं. विभाग ने ईटीवी भारत की रिपोर्ट के बाद मामले पर एक्शन लिया है और चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट ने जांच के आदेश दिए हैं.

Smuggling Of Precious Woods
वन गुर्जरों ने तराई पूर्वी वन प्रभाग में बेशकीमती लकड़ियों की अवैध खरीद फरोख्त का आरोप लगाया. (PHOTO ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 22, 2024, 5:08 PM IST

तराई पूर्वी वन प्रभाग में कटी मिली खैर की बेशकीमती लकड़ियां (VIDEO-ETV Bharat)

हल्द्वानी: नैनीताल जिले में स्थित तराई पूर्वी वन प्रभाग में बेखौफ वन तस्कर जंगलों की बेशकीमती लकड़ी को काटकर खुलेआम तस्करी कर रहे हैं. स्थानीय गुर्जरों का आरोप है कि इन तस्करी के पीछे वन विभाग के कर्मचारियों की सीधी मिलीभगत है, जिसका नतीजा है कि तस्कर जंगल के अंदर प्लॉट सफाई के नाम पर जंगल के बेशकीमती लकड़ियों की तस्करी कर रहे हैं. यही नहीं, आरोप है कि लकड़ी तस्करी की शिकायत करने वाले स्थानीय गुर्जरों को भी तस्कर धमकी दे रहे हैं. हालांकि, मामले सामने आने के बाद इस पूरे मामले पर चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट धीरज पांडे ने सख्त कार्रवाई की बात कही है.

पूरे मामले में स्थानीय गुर्जर अब्दुल गलनी, गुलाम रसूल, अब्बास अली का आरोप है कि तराई पूर्वी वन प्रभाग के रनसाली रेंज के जंगलों से लकड़ियों की तस्करी काफी दिनों से चल रही है. तस्करी रोकने के लिए गुर्जर समुदाय के लोगों ने सूचना विभागीय कर्मचारियों को दी. लेकिन उल्टा कर्मचारियों ने गुर्जर समुदाय के लोगों को ही धमकाना शुरू कर दिया. गुर्जरों ने इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ उच्च अधिकारियों की, लेकिन तस्करों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई.

ईटीवी भारत इस पूरे मामले की पड़ताल करने ग्राउंड जीरो पर पहुंचा तो देखा कि भारी मात्रा में बेशकीमती खैर के पेड़ को काटकर छोटे-छोटे टुकड़े में रखा गया है. इस दौरान स्थानीय गुर्जरों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले काफी दिनों से वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर तस्कर लकड़ियों को काट रहे हैं. उन्होंने लकड़ी तस्करी का विरोध किया तो उल्टा वन विभाग के कर्मचारी ही तस्करों के साथ मिलकर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं.

गुर्जर समुदाय के लोगों का कहना है कि तस्कर वन विभाग के साथ मिलकर लकड़ी तस्करी का कारोबार कर रहे हैं. हालांकि, मौके पर ईटीवी भारत की टीम को खैर के करीब 15 पेड़ को काटकर उसको छोटे-छोटे टुकड़ों में काटे जाना नजर आया.

वहीं, इस पूरे मामले की जानकारी और खैर के पेड़ काटे जाने का वीडियो जब ईटीवी भारत ने चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट धीरज पांडे को दिखाया तो उन्होंने कहा कि, मामला गंभीर है और जिन लोगों ने भी बेशकीमती पेड़ को काटा है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पूरे मामले में डीएफओ के माध्यम से जांच कराई जा रही है. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः हल्द्वानी में वन विभाग और लकड़ी तस्कर के बीच मुठभेड़, कुख्यात तस्कर लखविंदर को पैर में लगी गोली

तराई पूर्वी वन प्रभाग में कटी मिली खैर की बेशकीमती लकड़ियां (VIDEO-ETV Bharat)

हल्द्वानी: नैनीताल जिले में स्थित तराई पूर्वी वन प्रभाग में बेखौफ वन तस्कर जंगलों की बेशकीमती लकड़ी को काटकर खुलेआम तस्करी कर रहे हैं. स्थानीय गुर्जरों का आरोप है कि इन तस्करी के पीछे वन विभाग के कर्मचारियों की सीधी मिलीभगत है, जिसका नतीजा है कि तस्कर जंगल के अंदर प्लॉट सफाई के नाम पर जंगल के बेशकीमती लकड़ियों की तस्करी कर रहे हैं. यही नहीं, आरोप है कि लकड़ी तस्करी की शिकायत करने वाले स्थानीय गुर्जरों को भी तस्कर धमकी दे रहे हैं. हालांकि, मामले सामने आने के बाद इस पूरे मामले पर चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट धीरज पांडे ने सख्त कार्रवाई की बात कही है.

पूरे मामले में स्थानीय गुर्जर अब्दुल गलनी, गुलाम रसूल, अब्बास अली का आरोप है कि तराई पूर्वी वन प्रभाग के रनसाली रेंज के जंगलों से लकड़ियों की तस्करी काफी दिनों से चल रही है. तस्करी रोकने के लिए गुर्जर समुदाय के लोगों ने सूचना विभागीय कर्मचारियों को दी. लेकिन उल्टा कर्मचारियों ने गुर्जर समुदाय के लोगों को ही धमकाना शुरू कर दिया. गुर्जरों ने इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ उच्च अधिकारियों की, लेकिन तस्करों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई.

ईटीवी भारत इस पूरे मामले की पड़ताल करने ग्राउंड जीरो पर पहुंचा तो देखा कि भारी मात्रा में बेशकीमती खैर के पेड़ को काटकर छोटे-छोटे टुकड़े में रखा गया है. इस दौरान स्थानीय गुर्जरों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले काफी दिनों से वन विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर तस्कर लकड़ियों को काट रहे हैं. उन्होंने लकड़ी तस्करी का विरोध किया तो उल्टा वन विभाग के कर्मचारी ही तस्करों के साथ मिलकर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहे हैं.

गुर्जर समुदाय के लोगों का कहना है कि तस्कर वन विभाग के साथ मिलकर लकड़ी तस्करी का कारोबार कर रहे हैं. हालांकि, मौके पर ईटीवी भारत की टीम को खैर के करीब 15 पेड़ को काटकर उसको छोटे-छोटे टुकड़ों में काटे जाना नजर आया.

वहीं, इस पूरे मामले की जानकारी और खैर के पेड़ काटे जाने का वीडियो जब ईटीवी भारत ने चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट धीरज पांडे को दिखाया तो उन्होंने कहा कि, मामला गंभीर है और जिन लोगों ने भी बेशकीमती पेड़ को काटा है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पूरे मामले में डीएफओ के माध्यम से जांच कराई जा रही है. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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