रांचीः झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के बाद उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. छात्रों के साथ साथ विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी सीबीआई जांच पर अड़ी है. वहीं सरकार सीबीआई जांच कराने से भाग रही है.
झारखंड सरकार का तर्क है कि एसआईटी जांच रिपोर्ट आने के बाद इसपर समुचित निर्णय लिया जाएगा. इन सबके बीच प्रश्न पत्र लीक की जांच के लिए रांची सदर डीएसपी संजीव कुमार बेसरा के नेतृत्व में बनी एसआईटी ने जांच शुरू कर दिया है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में आयोग के कर्मचारियों और पदाधिकारी से पूछताछ की गई है.
सीबीआई जांच आखिर क्यों नहीं कराना चाहती सरकारः
- वाट्सएप चैट सामने आने के बाद ईडी की गतिविधि पर राज्य सरकार की नजर है.
- पेपर लीक मामले में एसआईटी रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा हो रही है.
- राजनीतिक दवाब से बचकर जांच जल्द पूरा करने पर जोर.
- सरकार को भरोसा है कि झारखंड पुलिस द्वारा जल्द खुलासा हो जाएगा.
- लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष इसे जानबूझकर हवा दे रही है.
सीबीआई जांच पर आमने सामने बीजेपी-जेएमएमः
सीजीएल पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच के मुद्दे पर बीजेपी-जेएमएम आमने सामने है. जेएसएससी के प्रश्न लीक होने के बाद से बीजेपी लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रही है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा इसे बीजेपी का राजनीतिक स्टंट मान रही है. पूर्व स्पीकर और वर्तमान में रांची के बीजेपी विधायक सीपी सिंह मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से सीबीआई जांच की अनुशंसा केंद्र से करने का आग्रह करते हुए कहा है कि एसआईटी का गठन लिपापोती के लिए किया गया है.
बीजेपी के आरोप पर पलटवार करते हुए झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे कहते हैं कि बीजेपी वाले सीबीआई जांच की मांग कर राज्य पुलिस का मनोबल तोड़ने और अपमानित करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने एसआईटी गठित कर इसकी जांच शुरू करवा दिया है. ऐसे में छोटी मोटी घटना में भी सीबीआई जांच की ही बात हो तो राज्य पुलिस क्या करेगा.
बहरहाल झारखंड कर्मचारी चयन के द्वारा 28 जनवरी को हुई सीजीएल परीक्षा के दौरान जिस तरह से प्रश्न पत्र लीक हुए और उसके बाद से उठा विवाद पिछले 10 दिनों से जारी है. सरकार सीबीआई जांच कराना नहीं चाहती और विपक्ष सरकार पर हमला बोलकर युवाओं का हितैषी होने की कोशिश कर रही है.
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