प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में गुरुवार को संभल हिंसा के लिए वहां के डीएम और एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी करने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर याची की ओर से किसी उपस्थित न होने के कारण सुनवाई नहीं हुई. कोर्ट ने पीआईएल को सामान्य प्रक्रिया के तहत सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने गुरुवार को दिया.
कोर्ट ने कहा कि रिवाइज्ड लिस्ट में भी याची की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं है, जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल एवं शासकीय अधिवक्ता एके संड उपस्थित हैं. इसलिए जनहित याचिका को सामान्य प्रक्रिया के तहत सूचीबद्ध किया जाए. हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से दाखिल याचिका में संभल में हिंसा की घटना के लिए वहां के डीएम और एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग की गई है.
आरोप लगाया गया है कि ये अधिकारी हिंसा में हुई मौतों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं. याचिका में विशेष रूप से पुलिस फायरिंग की घटना का उल्लेख किया गया है, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी. याची का कहना है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. याची ने हाईकोर्ट से दखल देकर न्याय सुनिश्चित करने की मांग की है.
ये भी पढ़ें- यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से, जमकर हंगामा होने के आसार