ETV Bharat / state

इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, हर जिले में कम से कम एक रेडियोलॉजिस्ट की हो नियुक्ति - ALLAHABAD HIGH COURT ORDER

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि हर जिले में कम से कम एक रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की जाए.

Photo Credit- ETV Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से प्लान सबमिट करने को कहा (Photo Credit- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 12, 2024, 9:48 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की जानी चाहिए. कोर्ट ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को 6 जनवरी 2024 तक इसकी योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने मंडलीय चिकित्सालय कबीर चौरा के सीएमएस डॉ. एसपी सिंह को सम्मन जारी कर बलिया की दुष्कर्म पीड़िता का परीक्षण करने से इंकार करने पर स्पष्टीकरण मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने प्रकाश कुमार गुप्ता की जमानत अर्जी पर दिया है.

बलिया के प्रकाश कुमार गुप्ता पर नाबालिक से दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया है. उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है. मेडिकल टेस्ट में पीड़िता की आयु 19 वर्ष पाए जाने पर उसे जमानत दे दी गई. याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि बलिया में कोई भी रेडियोलॉजिस्ट न होने के कारण पीड़िता को उम्र निर्धारण की जांच के लिए परेशान होना पड़ा. पीड़िता को जांच के लिए वाराणसी के कबीर चौरा अस्पताल ले जाया गया. वहां रेडियोलॉजिस्ट ने जांच से मना कर दिया. इसके बाद पीड़िता की आजमगढ़ में जांच की गई.

कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश और कबीर चौरा अस्पताल वाराणसी के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. कुन्दन कुमार पटेल को तलब किया था. रेडियोलॉजिस्ट ने कोर्ट को बताया कि सीएमएस कबीर चौरा ने उक्त मरीज को बलिया वापस भेजा था, उसने नहीं. इस पर सीएमस को कोर्ट ने तलब किया है. कोर्ट ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के न्यायालय में उपस्थित होने पर उनकी उपस्थिति को माफ करते हुए कहा कि अगली तारीख पर प्रत्येक जिला मुख्यालयों पर कम से कम एक रेडियोलॉजिस्ट को तैनात करने की रूपरेखा प्रस्तुत करें.

ये भी पढ़ें- श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद: केंद्र और राज्य सरकार को सीधे पक्षकार बनाने की मांग खारिज

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति की जानी चाहिए. कोर्ट ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को 6 जनवरी 2024 तक इसकी योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने मंडलीय चिकित्सालय कबीर चौरा के सीएमएस डॉ. एसपी सिंह को सम्मन जारी कर बलिया की दुष्कर्म पीड़िता का परीक्षण करने से इंकार करने पर स्पष्टीकरण मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने प्रकाश कुमार गुप्ता की जमानत अर्जी पर दिया है.

बलिया के प्रकाश कुमार गुप्ता पर नाबालिक से दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया है. उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है. मेडिकल टेस्ट में पीड़िता की आयु 19 वर्ष पाए जाने पर उसे जमानत दे दी गई. याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि बलिया में कोई भी रेडियोलॉजिस्ट न होने के कारण पीड़िता को उम्र निर्धारण की जांच के लिए परेशान होना पड़ा. पीड़िता को जांच के लिए वाराणसी के कबीर चौरा अस्पताल ले जाया गया. वहां रेडियोलॉजिस्ट ने जांच से मना कर दिया. इसके बाद पीड़िता की आजमगढ़ में जांच की गई.

कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश और कबीर चौरा अस्पताल वाराणसी के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. कुन्दन कुमार पटेल को तलब किया था. रेडियोलॉजिस्ट ने कोर्ट को बताया कि सीएमएस कबीर चौरा ने उक्त मरीज को बलिया वापस भेजा था, उसने नहीं. इस पर सीएमस को कोर्ट ने तलब किया है. कोर्ट ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के न्यायालय में उपस्थित होने पर उनकी उपस्थिति को माफ करते हुए कहा कि अगली तारीख पर प्रत्येक जिला मुख्यालयों पर कम से कम एक रेडियोलॉजिस्ट को तैनात करने की रूपरेखा प्रस्तुत करें.

ये भी पढ़ें- श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मस्जिद विवाद: केंद्र और राज्य सरकार को सीधे पक्षकार बनाने की मांग खारिज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.