ETV Bharat / state

ओरिएंटल इंश्योरेंस को दुर्घटना में अपंग हुई बच्ची को 23.69 लाख मुआवजा देने का आदेश

न्यायमूर्ति वीसी दीक्षित ने बुलंदशहर की चीनू की ओर से बतौर गार्जियन उसकी मां की अपील पर दिया आदेश.

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Photo Credit- ETV Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओरिएंटल इंश्योरेंस को आदेश दिया (Photo Credit- ETV Bharat)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कार और ट्रक के भिड़ंत में 75 प्रतिशत अपंग हो गई ढाई साल की बच्ची को मुआवजा के तौर पर 23 लाख 69 हजार 971 रुपये इंश्योरेंस कंपनी को देने का निर्देश दिया है. यह मुआवजा ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी बच्ची को देगा, क्योंकि जिस ट्रक से एक्सीडेंट हुआ था, उसका इंश्योरेंस ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी ने किया था.

यह आदेश न्यायमूर्ति वीसी दीक्षित ने बुलंदशहर की चीनू की ओर से बतौर गार्जियन उसकी मां की अपील पर दिया है. दुर्घटना 22 अगस्त 2005 की है जब मारुति कार में अपने माता-पिता के साथ बैठी चीनू की कार की आगरा से बुलंदशहर के रास्ते में ट्रक से आमने-सामने भिड़ंत हो गई थी. इस दुर्घटना में बच्ची 75 प्रतिशत अपंग हो गई. बुलंदशहर में क्लेम दाखिल किया गया था, लेकिन ट्रिब्युनल ने दोनों गाड़ियों की गलती मानते हुए बच्ची को दो लाख 17 हजार 715 रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया था.

इस आदेश के खिलाफ मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए बच्ची की ओर से हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई. उसके अधिवक्ता एसडी ओझा का कहना था कि क्लेम ट्रिब्युनल ने दोनों वाहन चालकों को योगदाई उपेक्षा ( कॉन्ट्रीट्रीब्यूटरी नेग्लिजेंस) का दोषी ठहराते हुए मुआवजे के निर्धारण में गलती की है. कहा गया कि इस घटना में योगदाई उपेक्षा नहीं थी, बल्कि गलती ट्र्क के ड्राइवर की थी.

हाईकोर्ट ने अपील में बच्ची की दुर्घटना में हुई 75 प्रतिशत अपंगता, उसके साथ रहने वाले सहयोगी का चार्ज, भविष्य की इनकम, विवाह खर्च आदि पर विचार कर मुआवजा राशि बढ़ाते हुए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को 23 लाख 69 हजार 971 रुपये बच्ची को देने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- एक ही मुकदमे में जारी हुए दो विरोधाभासी आदेश, हाईकोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट जज को जांच करने के निर्देश दिये

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कार और ट्रक के भिड़ंत में 75 प्रतिशत अपंग हो गई ढाई साल की बच्ची को मुआवजा के तौर पर 23 लाख 69 हजार 971 रुपये इंश्योरेंस कंपनी को देने का निर्देश दिया है. यह मुआवजा ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी बच्ची को देगा, क्योंकि जिस ट्रक से एक्सीडेंट हुआ था, उसका इंश्योरेंस ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी ने किया था.

यह आदेश न्यायमूर्ति वीसी दीक्षित ने बुलंदशहर की चीनू की ओर से बतौर गार्जियन उसकी मां की अपील पर दिया है. दुर्घटना 22 अगस्त 2005 की है जब मारुति कार में अपने माता-पिता के साथ बैठी चीनू की कार की आगरा से बुलंदशहर के रास्ते में ट्रक से आमने-सामने भिड़ंत हो गई थी. इस दुर्घटना में बच्ची 75 प्रतिशत अपंग हो गई. बुलंदशहर में क्लेम दाखिल किया गया था, लेकिन ट्रिब्युनल ने दोनों गाड़ियों की गलती मानते हुए बच्ची को दो लाख 17 हजार 715 रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया था.

इस आदेश के खिलाफ मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए बच्ची की ओर से हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई. उसके अधिवक्ता एसडी ओझा का कहना था कि क्लेम ट्रिब्युनल ने दोनों वाहन चालकों को योगदाई उपेक्षा ( कॉन्ट्रीट्रीब्यूटरी नेग्लिजेंस) का दोषी ठहराते हुए मुआवजे के निर्धारण में गलती की है. कहा गया कि इस घटना में योगदाई उपेक्षा नहीं थी, बल्कि गलती ट्र्क के ड्राइवर की थी.

हाईकोर्ट ने अपील में बच्ची की दुर्घटना में हुई 75 प्रतिशत अपंगता, उसके साथ रहने वाले सहयोगी का चार्ज, भविष्य की इनकम, विवाह खर्च आदि पर विचार कर मुआवजा राशि बढ़ाते हुए ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को 23 लाख 69 हजार 971 रुपये बच्ची को देने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- एक ही मुकदमे में जारी हुए दो विरोधाभासी आदेश, हाईकोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट जज को जांच करने के निर्देश दिये

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.