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इलाहाबाद हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश, वरिष्ठता सूची में DIOS नहीं कर सकते हस्तक्षेप - Allahabad High Court Order - ALLAHABAD HIGH COURT ORDER

वरिष्ठता सूची में DIOS हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं. यह बात गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कही. अदालत ने कॉलेज की प्रबंध समिति की वरिष्ठता सूची संशोधित करने का आदेश रद्द कर दिया.

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वरिष्ठता सूची को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 1, 2024, 7:25 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि जिला विद्यालय निरीक्षक प्रबंध समिति द्वारा बनाई गई वरिष्ठता सूची में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं. उनको यह सूची संशोधित करने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम या अन्य किसी विधिक प्रावधान में DIOS (जिला विद्यालय निरीक्षक) को संशोधित वरिष्ठता सूची जारी करने और कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त करने का निर्देश देने का अधिकार नहीं है. न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने कुंवर रुकुम सिंह वैदिक इंटर कॉलेज और एक अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया.

बदायूं के कुंवर रुकुम सिंह वैदिक इंटर कॉलेज के प्रबंधक ने प्रवक्ताओं की वरिष्ठता सूची बनाई थी. इस सूची को जिला विद्यालय निरीक्षक बदायूं ने 27 मार्च 2024 के आदेश से रद्द कर दिया. साथ ही संयुक्त शिक्षा निदेशक बरेली मंडल के आदेश के आदेश के अनुसार वर्ष 2020-21 में प्रकाशित पूर्व वरिष्ठता सूची के अनुसार नई वरिष्ठता सूची जारी करने का निर्देश दिया. याचिका में हाईकोर्ट में जिला विद्यालय निरीक्षक, बदायूं के आदेश की वैधता को चुनौती दी गई.

हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए डीआईओएस के आदेश को रद्द कर दिया. कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट शिक्षा नियमावली के अन्तर्गत बनाए गए विनियमों के उपबंधों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत जिला विद्यालय निरीक्षक विद्यालय की प्रबंध समिति की वरिष्ठता सूची में हस्तक्षेप कर सकें या संशोधित करने का निर्देश दे सकें.

ये भी पढ़ें- हरदोई में निर्भया जैसा कांड; 10वीं की छात्रा से गैंगरेप, पहचान लिया तो आंखें फोड़ी, पीट-पीट कर हत्या की - STUDENT GANG RAPE HARDOI

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि जिला विद्यालय निरीक्षक प्रबंध समिति द्वारा बनाई गई वरिष्ठता सूची में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं. उनको यह सूची संशोधित करने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम या अन्य किसी विधिक प्रावधान में DIOS (जिला विद्यालय निरीक्षक) को संशोधित वरिष्ठता सूची जारी करने और कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त करने का निर्देश देने का अधिकार नहीं है. न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने कुंवर रुकुम सिंह वैदिक इंटर कॉलेज और एक अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया.

बदायूं के कुंवर रुकुम सिंह वैदिक इंटर कॉलेज के प्रबंधक ने प्रवक्ताओं की वरिष्ठता सूची बनाई थी. इस सूची को जिला विद्यालय निरीक्षक बदायूं ने 27 मार्च 2024 के आदेश से रद्द कर दिया. साथ ही संयुक्त शिक्षा निदेशक बरेली मंडल के आदेश के आदेश के अनुसार वर्ष 2020-21 में प्रकाशित पूर्व वरिष्ठता सूची के अनुसार नई वरिष्ठता सूची जारी करने का निर्देश दिया. याचिका में हाईकोर्ट में जिला विद्यालय निरीक्षक, बदायूं के आदेश की वैधता को चुनौती दी गई.

हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए डीआईओएस के आदेश को रद्द कर दिया. कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश इंटरमीडिएट शिक्षा नियमावली के अन्तर्गत बनाए गए विनियमों के उपबंधों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत जिला विद्यालय निरीक्षक विद्यालय की प्रबंध समिति की वरिष्ठता सूची में हस्तक्षेप कर सकें या संशोधित करने का निर्देश दे सकें.

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