ETV Bharat / state

अपहरण के मामले में सजा के खिलाफ पूर्व सांसद धनंजय सिंह की अपील पर निर्णय सुरक्षित - Allahabad High Court News - ALLAHABAD HIGH COURT NEWS

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपहरण के मामले में सजा के खिलाफ पूर्व सांसद धनंजय सिंह की अपील पर निर्णय सुरक्षित कर लिया.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 25, 2024, 7:32 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण में मिली सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने गुरुवार को सुनवाई पूरी होने पर दिया. बुधवार को साढ़े तीन घंटे तक सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर वालिया, वरिष्ठ अधिवक्ता सगीर अहमद और एडवोकेट कार्तिकेय सरन व एसपी सिंह ने धनंजय सिंह के पक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत किए थे.

गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव एवं अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय, विकास सहाय और दीपक मिश्र ने अभियोजन का पक्ष रखा. अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव एवं तीनों एजीए ने अभियोजन कहानी को साबित करने वाले तथ्यों का हवाला दिया. साथ ही धनंजय सिंह के आपराधिक इतिहास में न जोड़े गए मुकदमों के साथ दिल्ली के हत्या के मामले की जानकारी दी. कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता और अपर शासकीय अधिवक्ताओं से अपने तर्कों के समर्थन में न्यायिक व्यवस्थाएं दाखिल करने को कहा.

गत दिवस एडवोकेट वालिया ने धनंजय सिंह को इस मामले में राजनीतिक द्वेषवश झूठा फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि इस मामले में तथ्य के जो तीन गवाह हैं, उनमें से दो सरकारी कर्मचारी और एक प्रोजेक्ट का कर्मचारी है, जिन पर दबाव बनाकर झूठी गवाही कराई है. इसके बावजूद अभियोजन पक्ष ट्रायल कोर्ट में अपना केस साबित नहीं कर सका. उन्होंने यह भी कहा कि धनंजय सिंह का जो आपराधिक इतिहास बताया गया है, उनमें अधिकतर मुकदमे राजनीतिक द्वेष वश दर्ज कराए गए क्योंकि वह विधायक और सांसद रह चुके हैं.

इस मामले के अलावा दो दर्जन मामलों में वह बरी हो गए और चार में फाइनल रिपोर्ट लग गई एवं कुछ सरकार ने वापस भी ले लिए. बहस के अंत में उन्होंने कहा कि इस मामले के ट्रायल के दौरान वह जमानत पर थे और उन्होंने जमानत का कोई भी दुरुपयोग नहीं किया. वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं इसलिए उनकी सजा स्थगित कर उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए.

गौरतलब है कि नमामि गंगे परियोजना के तहत एसटीपी के प्रोजक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण के मामले में जौनपुर की विषेश अदालत एमपी/एमएलए ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को दोषसिद्ध पाते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई थी. अपील में सजा को निरस्त करने की मांग की गई है. साथ ही अपील के निस्तारण तक सजा का आदेश स्थगित रखने और जमानत पर रिहा की मांग में अर्जी दाखिल की गई है.

ये भी पढ़ें- 2 मई को प्रियंका रायबरेली से करेंगी नामांकन, 3 को अमेठी से राहुल गांधी दाखिल कर सकते हैं पर्चा!

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण में मिली सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने गुरुवार को सुनवाई पूरी होने पर दिया. बुधवार को साढ़े तीन घंटे तक सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर वालिया, वरिष्ठ अधिवक्ता सगीर अहमद और एडवोकेट कार्तिकेय सरन व एसपी सिंह ने धनंजय सिंह के पक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत किए थे.

गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव एवं अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय, विकास सहाय और दीपक मिश्र ने अभियोजन का पक्ष रखा. अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव एवं तीनों एजीए ने अभियोजन कहानी को साबित करने वाले तथ्यों का हवाला दिया. साथ ही धनंजय सिंह के आपराधिक इतिहास में न जोड़े गए मुकदमों के साथ दिल्ली के हत्या के मामले की जानकारी दी. कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता और अपर शासकीय अधिवक्ताओं से अपने तर्कों के समर्थन में न्यायिक व्यवस्थाएं दाखिल करने को कहा.

गत दिवस एडवोकेट वालिया ने धनंजय सिंह को इस मामले में राजनीतिक द्वेषवश झूठा फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि इस मामले में तथ्य के जो तीन गवाह हैं, उनमें से दो सरकारी कर्मचारी और एक प्रोजेक्ट का कर्मचारी है, जिन पर दबाव बनाकर झूठी गवाही कराई है. इसके बावजूद अभियोजन पक्ष ट्रायल कोर्ट में अपना केस साबित नहीं कर सका. उन्होंने यह भी कहा कि धनंजय सिंह का जो आपराधिक इतिहास बताया गया है, उनमें अधिकतर मुकदमे राजनीतिक द्वेष वश दर्ज कराए गए क्योंकि वह विधायक और सांसद रह चुके हैं.

इस मामले के अलावा दो दर्जन मामलों में वह बरी हो गए और चार में फाइनल रिपोर्ट लग गई एवं कुछ सरकार ने वापस भी ले लिए. बहस के अंत में उन्होंने कहा कि इस मामले के ट्रायल के दौरान वह जमानत पर थे और उन्होंने जमानत का कोई भी दुरुपयोग नहीं किया. वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं इसलिए उनकी सजा स्थगित कर उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए.

गौरतलब है कि नमामि गंगे परियोजना के तहत एसटीपी के प्रोजक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण के मामले में जौनपुर की विषेश अदालत एमपी/एमएलए ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को दोषसिद्ध पाते हुए सात साल कैद की सजा सुनाई थी. अपील में सजा को निरस्त करने की मांग की गई है. साथ ही अपील के निस्तारण तक सजा का आदेश स्थगित रखने और जमानत पर रिहा की मांग में अर्जी दाखिल की गई है.

ये भी पढ़ें- 2 मई को प्रियंका रायबरेली से करेंगी नामांकन, 3 को अमेठी से राहुल गांधी दाखिल कर सकते हैं पर्चा!

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.