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पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी की जमानत मंजूर, बांग्लादेशी नागरिक के फर्जी सर्टिफिकेट बनवाने का मामला - Irfan Solanki Gets Bail from HC

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 43 minutes ago

बांग्लादेशी नागरिक का भारत में फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी सहित तीन लोगों की जमानत मंजूर कर ली. वह अभी महाराजगंज जेल में बंद हैं. इरफान के वकील शिवाकांत दीक्षित के अनुसार अभी तीन अन्य गंभीर मामले चल रहे हैं, इसलिए जेल से बाहर आना अभी मुश्किल है.

Photo Credit- ETV Bharat
पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी को हाईकोर्ट से राहत (Photo Credit- ETV Bharat)

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी सहित तीन लोगों की जमानत मंजूर कर ली है. इन सभी पर बांग्लादेशी नागरिक को गलत तरीके से भारत में रुकने के लिए फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र आदि बनवाने में सहयोग करने का आरोप है. जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने सुनवाई की.

मामले में अभियुक्त इरफान सोलंकी, पार्षद मन्नू रहमान और बांग्लादेशी नागरिक रिजवान ने जमानत याचिका हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी. इन सभी पर आरोप है कि बांग्लादेशी नागरिक रिजवान ने कानपुर की हिना से शादी की और उसे अपने साथ बांग्लादेश ले गया. इसके बाद हिना ने बांग्लादेश की नागरिकता ले ली. उनके तीन बच्चे भी हुए. 2016 में रिजवान और हिना अपने बच्चों को लेकर कानपुर आ गए. यहां पर पार्षद मन्नू रहमान और विधायक इरफान सोलंकी के सहयोग से फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए गए और उसके आधार पर बच्चों का कानपुर के स्कूलों में दाखिला करवाया गया.

इस मामले में शुरुआत में रिजवान हिना और तीनों बच्चों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. विवेचना के दौरान यह प्रकाश में आया कि इरफान सोलंकी और मन्नू रहमान ने फर्जी दस्तावेज तैयार करने में सहयोग किया था. विवेचक ने उनके नाम भी शामिल करते हुए सभी अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया.

इस मामले में हिना की जमानत पहले हो चुकी है. आरोपियों की ओर से तर्क दिया गया कि सह अभियुक्त की जमानत हो चुकी है. अन्य अभियुक्तों के खिलाफ कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं है. रिजवान वैध वीजा पर भारत आया है. उन पर लगाए गए आरोप सही नहीं हैं. कोर्ट ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों को देखते हुए तीनों अभियुक्तों की सर्शत जमानत मंजूर कर ली.

जेल से रिहा होने पर संशय: भले ही हाईकोर्ट ने पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी को जमानत दे दी है, लेकिन उनके जेल से रिहा होने पर संशय बरकरार है. दरअसल पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी को कानपुर में जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा की झोपड़ी में आग लगाने के केस में दोषी करार दिया गया था. कानपुर में 8 नवंबर 2022 को इस मामले में सपा नेता इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी, मोहम्मद शरीफ, शौकत अली और अनूप यादव समेत कई लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गयी थी.

इस मामले पर 3 जून 2024 को कानपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें इस मामले में दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी.

ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी केस: हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष को ASI सर्वे रिपोर्ट की कॉपी दाखिल करने को कहा - Allahabad High Court on Gyanvapi

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी सहित तीन लोगों की जमानत मंजूर कर ली है. इन सभी पर बांग्लादेशी नागरिक को गलत तरीके से भारत में रुकने के लिए फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र आदि बनवाने में सहयोग करने का आरोप है. जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा ने सुनवाई की.

मामले में अभियुक्त इरफान सोलंकी, पार्षद मन्नू रहमान और बांग्लादेशी नागरिक रिजवान ने जमानत याचिका हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी. इन सभी पर आरोप है कि बांग्लादेशी नागरिक रिजवान ने कानपुर की हिना से शादी की और उसे अपने साथ बांग्लादेश ले गया. इसके बाद हिना ने बांग्लादेश की नागरिकता ले ली. उनके तीन बच्चे भी हुए. 2016 में रिजवान और हिना अपने बच्चों को लेकर कानपुर आ गए. यहां पर पार्षद मन्नू रहमान और विधायक इरफान सोलंकी के सहयोग से फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए गए और उसके आधार पर बच्चों का कानपुर के स्कूलों में दाखिला करवाया गया.

इस मामले में शुरुआत में रिजवान हिना और तीनों बच्चों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. विवेचना के दौरान यह प्रकाश में आया कि इरफान सोलंकी और मन्नू रहमान ने फर्जी दस्तावेज तैयार करने में सहयोग किया था. विवेचक ने उनके नाम भी शामिल करते हुए सभी अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया.

इस मामले में हिना की जमानत पहले हो चुकी है. आरोपियों की ओर से तर्क दिया गया कि सह अभियुक्त की जमानत हो चुकी है. अन्य अभियुक्तों के खिलाफ कोई दस्तावेजी प्रमाण नहीं है. रिजवान वैध वीजा पर भारत आया है. उन पर लगाए गए आरोप सही नहीं हैं. कोर्ट ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों को देखते हुए तीनों अभियुक्तों की सर्शत जमानत मंजूर कर ली.

जेल से रिहा होने पर संशय: भले ही हाईकोर्ट ने पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी को जमानत दे दी है, लेकिन उनके जेल से रिहा होने पर संशय बरकरार है. दरअसल पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी को कानपुर में जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली नजीर फातिमा की झोपड़ी में आग लगाने के केस में दोषी करार दिया गया था. कानपुर में 8 नवंबर 2022 को इस मामले में सपा नेता इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी, मोहम्मद शरीफ, शौकत अली और अनूप यादव समेत कई लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गयी थी.

इस मामले पर 3 जून 2024 को कानपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें इस मामले में दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी.

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Last Updated : 43 minutes ago
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