प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी मार्ग स्थित कैथी टोल प्लाजा के संचालक एके कंस्ट्रक्शन कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा निरस्त कर दिए जाने के आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारियों ने याची के पक्ष पर गौर किए बिना मनमाने तरीके से आदेश पारित किया. कंपनी की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने याची के वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी को सुनकर दिया है.
कोर्ट ने कहा कि अधिकारीयों ने न सिर्फ याची के स्पष्टीकरण को नजरअंदाज कर आदेश पारित किया बल्कि याची द्वारा पेनल्टी जमा कर देने के बाद भी उसे ब्लैक लिस्ट कर उस पर दोहरा दंड लगाया. कोर्ट ने कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने और उसे आगामी ठेके के लिए ब्लैक लिस्ट करने के आदेश को रद्द करते हुए कंपनी को नए सिरे से नोटिस जारी कर नियमानुसार सुनवाई करने का निर्देश दिया है.
याची का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी का कहना था कि कंपनी पर टोल पर पैसों की वसूली करने और मारपीट के आरोप में 24 मई 2024 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिसका उसने जवाब दिया. इसके बाद उसका ठेका निलंबित करते हुए से 6 माह के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया गया. अधिकारियों ने शो कॉज नोटिस पर याची द्वारा दिए गए उत्तर का संज्ञान ही नहीं लिया. इससे स्पष्ट है कि अधिकारियों ने शो कॉज नोटिस जारी करने से पहले ही याची के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया था. उसके खिलाफ पारित आदेश नैसर्गिक न्याय का हनन है, साथ ही समानुपातिकता के सिद्धांत का भी उल्लंघन किया है, जो दंड दिया गया है वह याची द्वारा किए गए अपराध तुलना में ज्यादा है.