प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीजेएम मथुरा की ओर से आदेश का सम्मान नहीं करने पर नाराजगी जताई है. साथ ही जिला जज को सीजेएम से स्पष्टीकरण लेकर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है कि, उन्होंने हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश का सम्मान क्यों नहीं किया. और दो लाख रुपये ब्याज बैंक खाते में जमा कराए बिना, हड़बड़ी में याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत दे दी. साथ ही अपने आदेश को दुरुस्त करने के आदेश का भी सम्मान नहीं किया.
हाईकोर्ट ने सीजेएम मथुरा को लगाई फटकार
उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को भी निर्देश दिया कि, 14 मार्च को दो लाख रुपये की फिक्स डिपॉजिट के साथ जिला जज की अदालत में अर्जी दे, और जिला जज वह धनराशि बैंक खाते में जमा करने का आदेश करें. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता 14 मार्च को दो लाख रुपये जमा नहीं कराता तो उसकी अंतरिम जमानत स्वयं समाप्त हो जाएगी. और उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
जिला जज को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने सौरव कुमार की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने बीते नौ जनवरी को याचिकाकर्ता की ओर से विवेचना के दौरान 4,46,000 रुपये वापस करने के वादे और एक महीने में दो लाख रुपये जमा करने की शर्त पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने सीजेएम मथुरा को दो लाख रुपये ब्याज वाले बैंक खाते में जमा कराकर अंतरिम जमानत देने का आदेश दिया था. साथ ही याचिकाकर्ता से आदेश पालन का हलफनामा मांगा था. हलफनामे के साथ सीजेएम का आदेश पेश किया गया जिसमें पैसा जमा हुआ या नहीं, स्पष्ट नहीं किया गया. इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सीजेएम के समक्ष अर्जी देकर आदेश संशोधित कराने को कहा. इसके बाद सीजेएम ने दो लाख रुपये की फिक्स डिपॉजिट की फोटोकॉपी लेकर मूल प्रति याचिकाकर्ता को वापस कर दी. जिसे याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में पेश किया. इस पर कोर्ट ने सीजेएम पर नाराजगी जताई और जिला जज को आदेश का सम्मान न करने के लिए सीजेएम से स्पष्टीकरण लेकर अपनी टिप्पणी के साथ रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
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