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महापंचायत के चलते जेल भेजे गए सभी किसान रिहा, कल तय होगी आंदोलन की रणनीति - FARMERS PROTEST IN DELHI

-5 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चे की होगी बैठक -नोएडा में किसानों द्वारा मांगों को लेकर किया गया था प्रदर्शन

महापंचायत के चलते जेल भेजे गए सभी किसान रिहा
महापंचायत के चलते जेल भेजे गए सभी किसान रिहा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 4, 2024, 10:04 PM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः नोएडा में कल दलित प्रेरणा स्थल पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. किसानों को जेल भेजने के विरोध में यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर आज सुबह से महापंचायत की गई. महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत के पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन राकेश टिकैत महापंचायत में नहीं पहुंचे. जेल में बंद सभी 123 किसानों को पुलिस ने रिहा कर दिया. इसके बाद सभी किसान धरना स्थल पर पहुंचे और संयुक्त किसान मोर्चे के तहत चल रहे आंदोलन में कल बैठक करने का निर्णय लिया गया है. बैठक के बाद ही आगे के आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई जाएगी और निर्णय लिया जाएगा. वही महापंचायत में किसानों से वार्ता करने के लिए पुलिस व प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद रहे.

मांगों को लेकर किसान संगठनों का आंदोलन: दरअसल, गौतम बुध नगर में किसान संयुक्त किसान मोर्चा के तहत सभी किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का यह आंदोलन 25 नवंबर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर शुरू हुआ था. जहां से यह आंदोलन महापड़ाव में बदल गया और फिर किसान तीन दिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आंदोलन करने के बाद 28 नवंबर को यमुना प्राधिकरण पहुंचे. जहां से किसानों ने अपने तय कार्यक्रम के तहत 2 दिसंबर को दिल्ली कूच कर दिया.

महापंचायत के चलते जेल भेजे गए सभी किसान रिहा (ETV Bharat)

कई किसानों को जेल भेजा गया: सभी किसानों को नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते वहीं पर रोक दिया गया था. जिसके बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने किसानों को एक सप्ताह में मुख्य सचिव से वार्ता कर उनकी मांगों का निस्तारण करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद सभी किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर ही आंदोलन कर चलते धरना शुरू कर दिया. लेकिन 3 दिसंबर को दोपहर में दलित प्रेरणा स्थल पर शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने जबरन बसों में भरकर हिरासत में ले लिया. 123 किसानों को लुकसर जेल भेज दिया गया.

किसानों की क्या हैं मांगें: किसान नेता सुनील फौजी ने बताया कि पुराने कानून के तहत जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को एक समान नीति के तहत 10% प्लॉट और बढ़ा हुआ 64.7 मुआवजे की किसान मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही सभी किसान संगठनों के द्वारा किए जा रहे इस आंदोलन किसान एक जनवरी 2014 के बाद जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20% प्लॉट और सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों को रोजगार व पुनर्वास के अलावा आबादियों का विस्थापन किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

महापंचायत में जेल से रिहा होकर पहुंचे किसानों ने निर्णय लिया है कि कल संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक आयोजित की जाएगी. किसान नेता सुखबीर खलीफा ने बताया कि इस बैठक में सभी संगठनों के किसान नेता शामिल होंगे. इसके बाद आगे की आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी. इसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि आगे का आंदोलन यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर चलेगा या यह आंदोलन नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर किया जाएगा.

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नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः नोएडा में कल दलित प्रेरणा स्थल पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. किसानों को जेल भेजने के विरोध में यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर आज सुबह से महापंचायत की गई. महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत के पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन राकेश टिकैत महापंचायत में नहीं पहुंचे. जेल में बंद सभी 123 किसानों को पुलिस ने रिहा कर दिया. इसके बाद सभी किसान धरना स्थल पर पहुंचे और संयुक्त किसान मोर्चे के तहत चल रहे आंदोलन में कल बैठक करने का निर्णय लिया गया है. बैठक के बाद ही आगे के आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई जाएगी और निर्णय लिया जाएगा. वही महापंचायत में किसानों से वार्ता करने के लिए पुलिस व प्राधिकरण के अधिकारी भी मौजूद रहे.

मांगों को लेकर किसान संगठनों का आंदोलन: दरअसल, गौतम बुध नगर में किसान संयुक्त किसान मोर्चा के तहत सभी किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का यह आंदोलन 25 नवंबर से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर शुरू हुआ था. जहां से यह आंदोलन महापड़ाव में बदल गया और फिर किसान तीन दिन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आंदोलन करने के बाद 28 नवंबर को यमुना प्राधिकरण पहुंचे. जहां से किसानों ने अपने तय कार्यक्रम के तहत 2 दिसंबर को दिल्ली कूच कर दिया.

महापंचायत के चलते जेल भेजे गए सभी किसान रिहा (ETV Bharat)

कई किसानों को जेल भेजा गया: सभी किसानों को नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के चलते वहीं पर रोक दिया गया था. जिसके बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने किसानों को एक सप्ताह में मुख्य सचिव से वार्ता कर उनकी मांगों का निस्तारण करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद सभी किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर ही आंदोलन कर चलते धरना शुरू कर दिया. लेकिन 3 दिसंबर को दोपहर में दलित प्रेरणा स्थल पर शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने जबरन बसों में भरकर हिरासत में ले लिया. 123 किसानों को लुकसर जेल भेज दिया गया.

किसानों की क्या हैं मांगें: किसान नेता सुनील फौजी ने बताया कि पुराने कानून के तहत जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को एक समान नीति के तहत 10% प्लॉट और बढ़ा हुआ 64.7 मुआवजे की किसान मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही सभी किसान संगठनों के द्वारा किए जा रहे इस आंदोलन किसान एक जनवरी 2014 के बाद जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20% प्लॉट और सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों को रोजगार व पुनर्वास के अलावा आबादियों का विस्थापन किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

महापंचायत में जेल से रिहा होकर पहुंचे किसानों ने निर्णय लिया है कि कल संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक आयोजित की जाएगी. किसान नेता सुखबीर खलीफा ने बताया कि इस बैठक में सभी संगठनों के किसान नेता शामिल होंगे. इसके बाद आगे की आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी. इसके बाद ही यह तय हो पाएगा कि आगे का आंदोलन यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर चलेगा या यह आंदोलन नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर किया जाएगा.

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