सिरमौर: देश की राजधानी दिल्ली में पेयजल संकट किसी से छिपा नहीं है. खासकर गर्मी के मौसम में यहां पेयजल की गंभीर समस्या देखने को मिलती है. इसी समस्या को दूर करने के लिए हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय महत्व की रेणुका जी डैम परियोजना कई वर्षों से लंबित है, लेकिन अब इस डैम का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है. यही सब कुछ सही रहा तो आने वाले कुछ महीनों में डैम के पहले चरण का कार्य शुरू हो जाएगा.
रेणुका जी डैम को लेकर तमाम आपत्तियां क्लियर
दरअसल, हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) ने डैम निर्माण के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस की तमाम आपत्तियों को लगभग क्लीयर कर दिया है. साथ ही अपनी रिपोर्ट वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भी भेज दी है. बता दें कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर मंत्रालय की तरफ से कुछ आपत्तियां लगाई गई थीं. बताया जा रहा है कि डैम निर्माण कार्य के लिए लगभग सभी बाधाएं अब क्लीयर हो चुकी हैं. लिहाजा जल्द ही मंत्रालय की तरफ से बांध निर्माण को लेकर हरी झंडी मिलने की उम्मीद है.
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट नियुक्ति की प्रक्रिया तेज
जानकारी के अनुसार केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की ओर से शीघ्र ही डैम निर्माण को लेकर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट की नियुक्ति भी की जा सकती है. माना जा रहा है कि यह नियुक्ति होते ही अंतिम डिजाइन पर मुहर लगने के बाद डैम के पहले फेज के निर्माण के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित होंगे. सूत्रों की मानें तो यह टेंडर 3 से 5 महीने के भीतर ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए प्रकाशित होंगे. टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही डैम के पहले फेज का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
यमुना की सहायक गिरि नदी पर बनेगा यह डैम
दरअसल, रेणुका जी डैम परियोजना जिला सिरमौर में यमुना नदी की सहायक गिरि नदी पर श्री रेणुका में प्रस्तावित है. ये स्थल जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन से करीब 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. डैम परियोजना विद्युत उत्पादन के साथ-साथ पेयजल की भी आपूर्ति करेगी. इस डैम से देश की राजधानी दिल्ली के लिए पानी की सप्लाई होगी. इससे करीब दिल्ली की 40 फीसदी आबादी की पानी की समस्या दूर होगी. वहीं हिमाचल को 40 मेगावाट बिजली मिलेगी.
डेढ़-डेढ़ किलोमीटर की बनेंगी 3 टनल्स
डैम प्रबंधन के अनुसार डैम निर्माण से पहले शुरू होने वाले पहले फेज में 3 डायवर्सन टनल्स का निर्माण किया जाएगा. ये तीनों टनल्स डेढ़-डेढ़ किलोमीटर लंबी होंगी. इन टनल्स के माध्यम से ही मुख्य गिरि नदी के जल प्रवाह को बदलकर डैम का निर्माण किया जाएगा.
148 मीटर ऊंचा होगा डैम, 24 किमी की बनेगी झील
ये प्रस्तावित डैम 148 मीटर ऊंचा होगा, जो रॉकफिल बांध होगा. यहां 24 किलोमीटर लंबी झील बनेगी. 1508 हेक्टेयर क्षेत्र जलमग्न होगा. परियोजना से क्षेत्र की करीब 20 पंचायतों के लगभग 41 गांव प्रभावित होंगे. बता दें कि दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बांध का शिलान्यास किया गया था, लेकिन फॉरेस्ट क्लीयरेंस न मिल पाने के कारण अब तक डैम का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया. अब फॉरेस्ट क्लीयरेंस की सभी आपत्तियों को लगभग दूर कर रिपोर्ट मंत्रालय को भेज दी गई है.
क्या कहते है एचपीपीसीएल के निदेशक
एचपीपीसीएल के निदेशक हरिकेश मीणा ने कहा, "वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से फॉरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर जताई गई आपत्तियों को दूर कर दिया गया है. रिपोर्ट मंत्रालय को भेज दी गई है. उम्मीद है कि जल्द ही डैम निर्माण को लेकर स्टेज-2 की क्लीयरेंस मिल जाएगी. डैम परियोजना में डिजाइन कंसल्टेंट केंद्रीय जल आयोग है. जैसे ही कंसल्टेंट ड्राइंग देगा, इसके बाद डायवर्सन टनल के निर्माण के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे".