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झारखंड में हो रहे डेमोग्राफिक चेंज के लिए अब तक के राज्यपाल भी जिम्मेदार- बंधु तिर्की - Demographic change in Jharkhand

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 28, 2024, 8:08 PM IST

Bandhu Tirkey on Bangladeshi infiltration and demographic change. झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और संथाल में डेमोग्राफिक चेंज की गूंज दिल्ली के सदन से लेकर झारखंड की सड़कों तक सुनाई दे रही है. प्रदेश के सत्ताधारी दल अपने-अपने तरीके से इसका विरोध जता रहे हैं. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष इससे काफी आगे आकर एक बड़ा बयान दे डाला है.

All governors till now are also responsible for demographic change in Jharkhand said Bandhu Tirkey
रांची में प्रेस वार्ता करते बंधु तिर्की (Etv Bharat)

रांची: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज का मुद्दा अब थमने का नाम नहीं ले रहा है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और बंधु तिर्की ने घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज को लेकर राज्य के अब तक के सभी राज्यपालों को निशाने पर लिया है.

कांग्रेस नेता बंधु तिर्की की प्रेस वार्ता (ETV Bharat)

रांची स्थित अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन के दौरान बंधु तिर्की ने केंद्र और भाजपा के साथ साथ प्रदेश के अब तक नियुक्त सभी राज्यपालों को भी निशाने पर लिया है. बंधु तिर्की ने कहा कि शेड्यूल एरिया होने की वजह से इस राज्य के राज्यपालों की भी जिम्मेवारी बनती थी कि वह शेड्यूल एरिया में हो रहे डेमोग्राफिक चेंज की पूरी रिपोर्ट हर वर्ष भारत सरकार को भेजे और वहां से मिले आदेश निर्देश का सख्ती से पालन करवाएं. बंधु तिर्की ने कहा कि अब तक के किसी भी राज्यपाल ने अपने इस कर्तव्य का पालन नहीं किया.

भाजपा सांसद द्वारा केंद्र शासित प्रदेश की मांग दुखद

मीडिया संवाद के दौरान बंधु तिर्की ने कहा कि झारखंड का निर्माण लंबे संघर्ष के बाद हुआ है और इस राज्य को अलग नजरिया से देखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रदेश के कुछ हिस्सों को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग करते हैं, यह न सिर्फ दुखद है बल्कि फालतू भी है. ऐसी मांग करने वाले लोगों को सबक सिखाया जाएगा.

घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज, दोनों अलग-अलग मुद्दा

बंधु तिर्की ने कहा कि घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज दो अलग-अलग शब्द ही नहीं है बल्कि राज्य के यह दो अलग-अलग मुद्दे भी हैं. भाजपा दोनों को एक करके चुनावी लाभ लेने के लिए गलत नैरेटिव सेट करने में लगी है. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा कि इन मुद्दों को राजनीतिक चश्मा पहन कर नहीं देखें. क्योंकि इसका नुकसान झारखंड के आदिवासियों-मूलवासियों को ही उठाना पड़ेगा.

कांग्रेस नेता ने कहा कि घुसपैठ का विरोध होना चाहिए लेकिन यह भी बताना चाहिए कि किसकी गलती की वजह से दूसरे देश के लोगों का देश और फिर प्रदेश की सीमा में प्रवेश हो रहा है. केंद्र सरकार की पैनी नजर इस पर होनी चाहिए थी या नहीं. बंधु तिर्की ने भाजपा नेताओं को सलाह दी कि वह चुनाव के वक्त वोट का फायदा लेने के लिए इस मुद्दे को हिंदू मुस्लिम का रूप देकर समाज को बांटने का काम न करें. उन्होंने कहा कि चाहे राज्य में घुसपैठियों की मामला हो या फिर डेमोग्राफिक चेंज की अगर यह नहीं रुका तो आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी.

असम के मुख्यमंत्री से पूछा "हु आर यू"

बंधु तिर्की ने भाजपा के झारखंड विधानसभा चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि झारखंड की महिलाओं की की रक्षा-सुरक्षा की बात करने वाले आप कौन होते हो "हु आर यू". बंधु तिर्की और झारखंड के नेता इसके लिए सक्षम हैं. उन्होंने वर्ष 2008-09 के एक वाक्या का जिक्र करते हुए कहा कि किस तरह से असम में आदिवासी महिलाओं के साथ अमानवीय हरकत की गई थी. उस समय हिमंता बिस्वा सरमा क्या कर रहे थे, यह किसी से छुपा हुआ नहीं है.

रांची में डेमोग्राफिक चेंज का जिम्मेदार कौन

कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने सवालिया लहजे में कहा कि भाजपा संथाल में डेमोग्राफिक चेंज की बात करती है लेकिन रांची में हुए डेमोग्राफिक चेंज पर चुप हो जाती है. उसे पूरे तथ्य और आंकड़े के साथ बताना चाहिए कि रांची में आदिवासियों मूलवासियों की जमीन किसने नियमों को ताक पर रख कर हड़प ली, इसके लिए जिम्मेदार कौन है.

विधायक बेटी के बयान पर नो कमेंट

मांडर से कांग्रेस विधायक और बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की ने बयान दिया था कि डेमोग्राफिक चेंज का प्रभाव यह है कि रामगढ़ में बिहार से आया बिहारी ही मुखिया बनता है.
शिल्पी नेहा का यह बयान चुनावी है या सामान्य बयान है. इस सवाल के जवाब में बंधु तिर्की ने कहा कि इसका जवाब विधायक ही से ले लीजिएगा.

घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज पर भाजपा मुखर

झारखंड भाजपा काफी लंबे समय झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और संथाल में घटती आदिवासियों की संख्या का मुद्दा उठा रही है. आम सभा से लेकर चुनावी सभा या कोई भी मंच हो भाजपा ने इस मुद्दे से आम जनता के बीच रखा है. लोकसभा चुनाव और उसके बाद बाद भी हुए कार्यक्रम में झारखंड पहुंचे केंद्र के आला नेता भी इस बात पर लगातार जोर दे रहे हैं. इसको और धार देते हुए झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने 24 जुलाई बुधवार को नई दिल्ली स्थित निर्वाचन भवन में भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से मुलाकात की.

इस दौरान बाबूलाल ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को झारखंड के राजमहल विधानसभा क्षेत्र सहित विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में बहुसंख्यक मतदाता का नाम डिलीट होने और समुदाय विशेष बहुल मतदान केंद्रों में मतदाता सूची में हुई अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर जानकारी दी. इस दौरान झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने कहा कि झारखंड में खासकर संथाल परगना प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले जिलों में डेमोग्राफी बदलाव तेजी से आया है. उन्होंने कहा कि संथाल के राजमहल, साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा और दुमका विधानसभा में डेमोग्राफी बदलाव का असर दिख रहा है. झारखंड के 12 विधानसभा क्षेत्र में 2019 से लेकर 2024 के बीच मतदाता सूची में अप्रत्याशित रूप से एक समुदाय विशेष के मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है.

मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में वोटरों की संख्या बढ़ी-बाबूलाल

इस दौरान बाबूलाल ने उदाहरण देते हुए कहा कि राजमहल, बरहेट, पाकुड़, जामताड़ा, मधुपुर, सारठ, हटिया, लोहरदगा, सारठ, मझगांव आदि कई विधानसभा क्षेत्रों में वोटरों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है.वह भी खासकर उन बूथों पर मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जो मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्र हैं. वहीं जहां हिन्दू मतदाता हैं, वहां वोटरों की संख्या में कमी आई है. पार्टी स्तर पर 10 विधानसभा क्षेत्र का पिछले दिनों विश्लेषण किया गया था. जिसमें पता चला कि 2019 से 2024 के बीच झारखंड के कई विधानसभा क्षेत्र में 30 प्रतिशत से 123 प्रतिशत तक वोटरों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि जबकि भारत चुनाव आयोग के मापदंड के अनुसार किसी क्षेत्र में वोटरों की संख्या बढ़ती भी है तो 10% से 15% तक. वह भी तब जब उक्त क्षेत्र में उद्योग-धंधे और रोजगार के साधन बढ़े हों. लेकिन जिन इलाकों में वोटरों की संख्या बढ़ी है, वहां न तो कल-कारखाने हैं और न ही उद्योग-धंधे स्थापित हैं.

चुनाव आयोग से सघन पुनरीक्षण की मांग

इसलिए झारखंड बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने भारत के चुनाव आयोग से मांग की है कि झारखंड के उन बूथों जहां वोटरों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है उसकी सघन पुनरीक्षण किया जाए, ताकि जहां मतदाता सूची में गलत तरीके से लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं, वहां उन नामों को हटाया जाए. साथ ही जिन अफसरों ने गड़बड़ी की है उनपर कार्रवाई की जाए.

इसे भी पढ़ें- केंद्र शासित राज्य वाले बयान पर बवाल जारी, इस मुद्दे पर क्या है इंडिया गठबंधन और एनडीए की रणनीति! - New Union Territory

इसे भी पढ़ें- बिहार से आया बिहारी बनता है रामगढ़ में मुखिया! जानें, किसने और किसके लिए ऐसा कहा - Demographic Change

इसे भी पढ़ें- बाबूलाल मरांडी के भारतीय चुनाव आयोग से मुलाकात पर सियासत! इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने कसा तंज - Babulal Marandi

रांची: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज का मुद्दा अब थमने का नाम नहीं ले रहा है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और बंधु तिर्की ने घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज को लेकर राज्य के अब तक के सभी राज्यपालों को निशाने पर लिया है.

कांग्रेस नेता बंधु तिर्की की प्रेस वार्ता (ETV Bharat)

रांची स्थित अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन के दौरान बंधु तिर्की ने केंद्र और भाजपा के साथ साथ प्रदेश के अब तक नियुक्त सभी राज्यपालों को भी निशाने पर लिया है. बंधु तिर्की ने कहा कि शेड्यूल एरिया होने की वजह से इस राज्य के राज्यपालों की भी जिम्मेवारी बनती थी कि वह शेड्यूल एरिया में हो रहे डेमोग्राफिक चेंज की पूरी रिपोर्ट हर वर्ष भारत सरकार को भेजे और वहां से मिले आदेश निर्देश का सख्ती से पालन करवाएं. बंधु तिर्की ने कहा कि अब तक के किसी भी राज्यपाल ने अपने इस कर्तव्य का पालन नहीं किया.

भाजपा सांसद द्वारा केंद्र शासित प्रदेश की मांग दुखद

मीडिया संवाद के दौरान बंधु तिर्की ने कहा कि झारखंड का निर्माण लंबे संघर्ष के बाद हुआ है और इस राज्य को अलग नजरिया से देखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रदेश के कुछ हिस्सों को अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग करते हैं, यह न सिर्फ दुखद है बल्कि फालतू भी है. ऐसी मांग करने वाले लोगों को सबक सिखाया जाएगा.

घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज, दोनों अलग-अलग मुद्दा

बंधु तिर्की ने कहा कि घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज दो अलग-अलग शब्द ही नहीं है बल्कि राज्य के यह दो अलग-अलग मुद्दे भी हैं. भाजपा दोनों को एक करके चुनावी लाभ लेने के लिए गलत नैरेटिव सेट करने में लगी है. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा कि इन मुद्दों को राजनीतिक चश्मा पहन कर नहीं देखें. क्योंकि इसका नुकसान झारखंड के आदिवासियों-मूलवासियों को ही उठाना पड़ेगा.

कांग्रेस नेता ने कहा कि घुसपैठ का विरोध होना चाहिए लेकिन यह भी बताना चाहिए कि किसकी गलती की वजह से दूसरे देश के लोगों का देश और फिर प्रदेश की सीमा में प्रवेश हो रहा है. केंद्र सरकार की पैनी नजर इस पर होनी चाहिए थी या नहीं. बंधु तिर्की ने भाजपा नेताओं को सलाह दी कि वह चुनाव के वक्त वोट का फायदा लेने के लिए इस मुद्दे को हिंदू मुस्लिम का रूप देकर समाज को बांटने का काम न करें. उन्होंने कहा कि चाहे राज्य में घुसपैठियों की मामला हो या फिर डेमोग्राफिक चेंज की अगर यह नहीं रुका तो आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेगी.

असम के मुख्यमंत्री से पूछा "हु आर यू"

बंधु तिर्की ने भाजपा के झारखंड विधानसभा चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि झारखंड की महिलाओं की की रक्षा-सुरक्षा की बात करने वाले आप कौन होते हो "हु आर यू". बंधु तिर्की और झारखंड के नेता इसके लिए सक्षम हैं. उन्होंने वर्ष 2008-09 के एक वाक्या का जिक्र करते हुए कहा कि किस तरह से असम में आदिवासी महिलाओं के साथ अमानवीय हरकत की गई थी. उस समय हिमंता बिस्वा सरमा क्या कर रहे थे, यह किसी से छुपा हुआ नहीं है.

रांची में डेमोग्राफिक चेंज का जिम्मेदार कौन

कांग्रेस नेता बंधु तिर्की ने सवालिया लहजे में कहा कि भाजपा संथाल में डेमोग्राफिक चेंज की बात करती है लेकिन रांची में हुए डेमोग्राफिक चेंज पर चुप हो जाती है. उसे पूरे तथ्य और आंकड़े के साथ बताना चाहिए कि रांची में आदिवासियों मूलवासियों की जमीन किसने नियमों को ताक पर रख कर हड़प ली, इसके लिए जिम्मेदार कौन है.

विधायक बेटी के बयान पर नो कमेंट

मांडर से कांग्रेस विधायक और बंधु तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की ने बयान दिया था कि डेमोग्राफिक चेंज का प्रभाव यह है कि रामगढ़ में बिहार से आया बिहारी ही मुखिया बनता है.
शिल्पी नेहा का यह बयान चुनावी है या सामान्य बयान है. इस सवाल के जवाब में बंधु तिर्की ने कहा कि इसका जवाब विधायक ही से ले लीजिएगा.

घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज पर भाजपा मुखर

झारखंड भाजपा काफी लंबे समय झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और संथाल में घटती आदिवासियों की संख्या का मुद्दा उठा रही है. आम सभा से लेकर चुनावी सभा या कोई भी मंच हो भाजपा ने इस मुद्दे से आम जनता के बीच रखा है. लोकसभा चुनाव और उसके बाद बाद भी हुए कार्यक्रम में झारखंड पहुंचे केंद्र के आला नेता भी इस बात पर लगातार जोर दे रहे हैं. इसको और धार देते हुए झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने 24 जुलाई बुधवार को नई दिल्ली स्थित निर्वाचन भवन में भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से मुलाकात की.

इस दौरान बाबूलाल ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को झारखंड के राजमहल विधानसभा क्षेत्र सहित विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में बहुसंख्यक मतदाता का नाम डिलीट होने और समुदाय विशेष बहुल मतदान केंद्रों में मतदाता सूची में हुई अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर जानकारी दी. इस दौरान झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने कहा कि झारखंड में खासकर संथाल परगना प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले जिलों में डेमोग्राफी बदलाव तेजी से आया है. उन्होंने कहा कि संथाल के राजमहल, साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा और दुमका विधानसभा में डेमोग्राफी बदलाव का असर दिख रहा है. झारखंड के 12 विधानसभा क्षेत्र में 2019 से लेकर 2024 के बीच मतदाता सूची में अप्रत्याशित रूप से एक समुदाय विशेष के मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है.

मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्रों में वोटरों की संख्या बढ़ी-बाबूलाल

इस दौरान बाबूलाल ने उदाहरण देते हुए कहा कि राजमहल, बरहेट, पाकुड़, जामताड़ा, मधुपुर, सारठ, हटिया, लोहरदगा, सारठ, मझगांव आदि कई विधानसभा क्षेत्रों में वोटरों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है.वह भी खासकर उन बूथों पर मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जो मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्र हैं. वहीं जहां हिन्दू मतदाता हैं, वहां वोटरों की संख्या में कमी आई है. पार्टी स्तर पर 10 विधानसभा क्षेत्र का पिछले दिनों विश्लेषण किया गया था. जिसमें पता चला कि 2019 से 2024 के बीच झारखंड के कई विधानसभा क्षेत्र में 30 प्रतिशत से 123 प्रतिशत तक वोटरों की संख्या बढ़ी है. उन्होंने कहा कि जबकि भारत चुनाव आयोग के मापदंड के अनुसार किसी क्षेत्र में वोटरों की संख्या बढ़ती भी है तो 10% से 15% तक. वह भी तब जब उक्त क्षेत्र में उद्योग-धंधे और रोजगार के साधन बढ़े हों. लेकिन जिन इलाकों में वोटरों की संख्या बढ़ी है, वहां न तो कल-कारखाने हैं और न ही उद्योग-धंधे स्थापित हैं.

चुनाव आयोग से सघन पुनरीक्षण की मांग

इसलिए झारखंड बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने भारत के चुनाव आयोग से मांग की है कि झारखंड के उन बूथों जहां वोटरों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है उसकी सघन पुनरीक्षण किया जाए, ताकि जहां मतदाता सूची में गलत तरीके से लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं, वहां उन नामों को हटाया जाए. साथ ही जिन अफसरों ने गड़बड़ी की है उनपर कार्रवाई की जाए.

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