अलीगढ़ : अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाले सत्य प्रकाश नवमान (70) का बुधवार को देहांत हो गया. कट्टरपंथी हिंदूवादी छवि के नेता पूर्व विधायक के.के. नवमान के पुत्र सत्य प्रकाश नवमान पिछले दो वर्ष से बीमार थे. उनके देहांत की खबर मिलते ही शहर के भाजपाई व हिंदूवादी नेता स्तब्ध रह गए. तमाम लोगों का जमावड़ा उनके मानिक चौक आवास पर लग गया. देर शाम महेंद्रनगर कालीदह श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया.
अयोध्या राम मंदिर आंदोलन का हिस्सा रहे सत्य प्रकाश नवमान (70) कट्टरपंथी हिंदूवादी छवि के नेता व पूर्व विधायक के.के. नवमान के पुत्र थे. जिनका शहर में राजनीतिक व सामाजिक रसूख था. शहर के मानिक चौक सराय इलाके में वह अपनी पत्नी मीना वार्ष्णेय, बेटे अमित और रोहित, बेटी पल्लवी नवमान के साथ रहते थे. दो वर्ष से बीमार रहने के बावजूद भी वह अपनी छवि के अनुरूप समाज के लिए काम करने में पीछे नहीं रहे. उनके पिता के.के. नवमान अलीगढ़ शहर से विधायक रह चुके हैं. पिता के साथ ही उनकी राजनीतिक व सामाजिक गतिविधियों संभालते हुए सक्रिय हुए और भाजपा से जुड़े आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. संघ व भाजपा के लिए हमेशा आगे बढ़-चढ़कर काम किया. अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के दौरान सत्य प्रकाश नवमान ट्रेन से अयोध्या जा रहे थे. इसी दौरान पुलिस ने उन्हें ट्रेन से खींचकर बहार निकल कर जमकर लाठियां बरसाई थीं और वह बेहोश तक हो गए थे.
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान सत्यप्रकाश नवमान ने बताया था कि राम मंदिर आंदोलन के दौरान राम भक्तों में काफी उत्साह था. पुलिस की तमाम शक्ति के बावजूद कार सेवक अयोध्या पहुंच रहे थे. इस दौरान वह भी वैशाली एक्सप्रेस में अपनी 14 साल की बेटी पल्लवी और 12 साल के बेटे अमित के साथ जैसे ही अयोध्या के लिए सवार हुए तो पुलिसकर्मी दौड़कर आए और उन्होंने गिरफ्तार कर लिया. उस दौरान नवागत एसपी सिटी बीके अग्रवाल ने मथुरा में साधुओं पर बड़ा अत्याचार किया था. अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले सत्य प्रकाश नवमान ने कहा था कि 22 को प्राण प्रतिष्ठा होनी है. ऐसा लगता है कि हमारे पूर्वजों ने मंदिर के लिए जो बलिदान दिए थे, वह सार्थक हो रहे हैं. इससे बढ़कर खुशी और कोई नहीं है. पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व राम भक्तों का सपना साकार होने जा रहा है.
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