नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) द्वारा छात्र राजनीति में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए 10 दिन 10 महिला डूसू अध्यक्ष की पहल के तहत चौथे दिन शुक्रवार को रामजस कॉलेज की छात्रा अक्षिता जौहर ने डूसू महिला अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला. अक्षिता ने बताया कि डूसू अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठकर खुद को सम्मानित महसूस कर रही हैं. उन्होंने विश्वविद्यालय में महिला सुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग बढ़ाने, विश्वविद्यालय के सभी एरिया में सीसीटीवी कैमरे लगवाने, सभी खराब स्ट्रीट लाइट को ठीक रखने के मुद्दे को उठाया है.
अक्षिता ने कहा कि इसके साथ ही रामजस कॉलेज में इंफ्रास्ट्रक्चर और सभी कॉलेजों की कैंटीन में हाइजिन मेंटेन करने के लिए फूड कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया है. इसके अलावा, पहले जो यूनिवर्सिटी स्पेशल बसें चलती थीं उनको भी फिर से शुरू कराने की मांग रखी है. अक्षिता रामजस कॉलेज में बीएससी मैथमेटिक्स ऑनर्स की छात्रा हैं.
बता दें, इससे पहले गुरुवार को अंशिता चौहान ने डूसू अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था. अंशिता ने छात्र हित में डीयू के सभी कॉलेजों के आसपास के पीजी की सूची बनाने की मांग उठाई थी. इसके साथ ही सभी कॉलेजों में छात्राओं के लिए सेनेटरी पैड के लिए वेडिंग मशीन लगाने और सभी कॉलेजों के टॉयलेट की साफ सफाई और उनमें 24 घंटे पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की भी मांग उठाई थी. अंशिता दौलतराम कॉलेज में बॉटनी ओनर्स प्रथम वर्ष की छात्रा हैं. वह हिमाचल प्रदेश के शिमला की रहने वाली हैं.
उल्लेखनीय है इससे पहले मंगलवार को सत्यवती कॉलेज की छात्रा साक्षी पटेल और बुधवार को किरोड़ीमल कॉलेज की छात्रा प्रीति सिंह नैन ने एक दिन की डूसू महिला अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था. इस दौरान प्रीति सिंह ने डूसू अध्यक्ष के रूप में छात्र हित में डीयू के सभी कॉलेजों में दिव्यांग छात्रों के लिए इनेबलिंग यूनिट (सक्षमता इकाई) स्थापित करने की मांग उठाई है. साथ ही किरोड़ीमल कॉलेज में गर्ल्स हॉस्टल बनाने की मांग भी की है. किरोड़ीमल नॉर्थ कैंपस का अकेला ऐसा कॉलेज है, जिसमें गर्ल्स हॉस्टल नहीं है.
वहींं, साक्षी ने डीयू के सभी कॉलेजों में तीन सुविधाएं बढ़ाने की मांग उठाई थी. इनमें पहली सुविधा हर कॉलेज में किताबों का बैंक बनाने, दूसरी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को बढ़ाने और तीसरी कक्षाओं के बीच में जो गैप रहता है उस गैप को कम करने की मांग शामिल है. बता दें कि डूसू की ओर से 10 महिला अध्यक्ष चुनी गई छात्राएं अलग-अलग कॉलेज और अलग-अलग राज्यों से संबंध रखती हैं.
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