पानीपत: सनातन धर्म में अक्षय तृतीया बहुत खास होती है. इसे अक्खा तीज और कृत युगादि तृतीय के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक इस दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था. इस तिथि पर भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को अक्षय पत्र भी दिया था. अक्षय तृतीया के दिन ही माता गंगा का धरती पर अवतरण हुआ. कहा जाता है त्रेता युग का आरंभ इसी तिथि को हुआ था. मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से आर्थिक स्थिति अच्छी होती है. अक्षय तृतीया के दिन सोना-चांदी खरीदना भी शुभ माना जाता है.
कब है अक्षय तृतीया? हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है. इस बार अक्षय तृतीया 10 मार्च 2024 को मनाई जा रही है. तृतीया तिथि की शुरुआत 10 मई सुबह 4 बजकर 17 मिनट से होगी. इसका समापन 11 मई को रात 2 बजकर 50 मिनट पर होगा. इस बार अक्षय तृतीया पर कई शुभ योग बन रहे हैं. इस बार अक्षय तृतीया पर गज केसरी योग, मालव्य योग, शश योग,धन योग और सुकर्मा योग बन रहे हैं. जिन्हें बड़ा ही अद्भुत योग माना जाता है. इस दिन भगवान परशुराम का जन्म दिवस भी है.
अक्षय तृतीया पर बन रहे शुभ योग: प्राचीन देवी मंदिर के पंडित रवि कृष्ण शास्त्री ने बताया कि अक्षय तृतीया वैशाख महीने में मनाई जाती है. इस बार अक्षय तृतीया के दिन सुकर्मा योग भी रहेगा. इस योग में खरीदारी करना बड़ा ही शुभ माना जाता है. इस दिन रोहिणी नक्षत्र सुबह के समय तक रहेगा. इस नक्षत्र के स्वामी शुक्र ग्रह हैं. इसलिए रोहिणी नक्षत्र में भी किसी भी तरह का कार्य करना शुभ और फलदायक रह सकता है. इस अक्षय तृतीया के दिन शादी-विवाह, सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य भी कर सकते हैं. इस बार अक्षय तृतीया पर गज केसरी योग, मालव्य योग, शश योग,धन योग और सुकर्मा योग बन रहे हैं. ऐसा संयोग 100 साल के बाद बन रहा है.
सोने की खरीदारी करना शुभ: मान्यता है कि इस दिन सोने से बने आभूषण खरीदना बहुत ही शुभ है. कहा जाता है कि अक्षय पत्र में जिस तरह भोजन खत्म नहीं हुआ था. इसी तरह इस दिन दान पूर्ण करने वाले लोगों के पास धन संपदा की कमी नहीं होती. इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से अपार सुख और धन संपदा की प्राप्ति होती है. अक्षय तृतीया के दिन नदियों पर स्नान करने की भी एक परंपरा है. इस दिन उत्तराखंड में स्थित बद्रीनाथ और केदारनाथ के भी पट दर्शनों के लिए खुल जाते हैं.
अक्षय तृतीया पूजा की विधि: अक्षय तृतीया के दिन पूजा के स्थान पर साफ सफाई करके भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें. माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अक्षय तृतीया के दिन कमल या गुलाब के फूल अर्पित करें. मीठी खीर का भोग लगाएं. माता लक्ष्मी के मंत्रों का उच्चारण करें. ऐसा करने से जीवन में धन एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है.