इटावा: सपा अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट छोड़ने का फैसला ले लिया है. करहल से इस्तीफा देने से पहले प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश ने कहा कि संविधान को बचाने के लिए सदन शुरू होते ही संघर्ष शुरू किया जाएगा. उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया. कहा कि इसी तरह हम सभी दलित पिछड़े, कमजोर, आदिवासी सभी को साथ लेकर संघर्ष करते रहेंगे.
इटावा जिले में सैफई स्थित पार्टी कार्यालय पर मंगलवार को अखिलेश यादव ने प्रेस वार्ता में कहा कि करहल के कार्यकर्ताओं और लोगों से मिलकर यह निर्णय लिया है कि करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देकर संसद में जनता के मुद्दे उठाए जाएंगे.
संविधान को बचाने के लिए भी सदन शुरू होते ही संघर्ष शुरू किया जाएगा. भाजपा सरकार के भर्तियां निकालने के सवाल पर कहा कि यह तो अच्छी बात है. सरकार को जल्द ही अग्निवीरों को परमानेंट करने का निर्णय भी लेना पड़ेगा. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने के सवाल पर कहा कि इसका निर्णय भी जल्द आ जाएगा. ऐसा नेता चुना जाएगा, जिससे पार्टी का वोट बढ़े और पार्टी मजबूत हो.
समाजवादी साथियों और संगठन के पदाधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक जीत दिलाई है. जनता ने संविधान बचाने के लिए मतदान किया. कार्यकर्ताओं को बधाई, क्योंकि इतनी भीषण गर्मी में सभी ने मेहनत की.
अखिलेश यादव ने पीडीए फॉर्मूले पर जोर देते हुए कहा कि दलित, आदिवासी, गरीब वंचित शोषित लोगों के साथ कदम से कदम मिलाकर साथ चलेंगे. उन्होंने बेरोजगारी को लेकर कहा कि उम्मीद है कि सरकारी नौकरियों को भरा जाएगा और आरक्षण व्यवस्था लागू की जाएगी. केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि 2024 का साल बदला है. सब कुछ पुराना दिखाई दे रहा है. बहुत जल्द सदन चलेगा तब जनता के सवाल सदन में होंगे.
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