लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सीएम योगी के उस बयान पर अपना प्रतिक्रिया जाहिर की है जिसमें कहा था कि सपा की टोपी लाल है, लेकिन उनके कारनामे काले हैं. इसके बाद में अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर प्रतिक्रिया दी है. आखिर में लिखा है कि अच्छा बुरा कोई रंग नहीं होता है, सिर्फ नजरिया होता है.
अखिलेश यादव ने X पर लिखा है कि, जनता की संसद का प्रश्नकाल
प्रश्न-
'लाल और काले रंग को देखकर भड़कने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं? दो-दो बिंदुओं में अंकित करें.'
उत्तर-
'रंगों का मन-मानस और मनोविज्ञान से गहरा नाता होता है. यदि कोई रंग किसी को विशेष रूप से प्रिय लगता है तो इसके विशेष मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं और यदि किसी रंग को देखकर कोई भड़कता है तो उसके भी कुछ नकारात्मक मनोवैज्ञानिक कारण होते हैं.'
जनता की संसद का प्रश्नकाल
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 30, 2024
प्रश्न -
लाल और काले रंग को देखकर भड़कने के क्या-क्या कारण हो सकते हैं? दो-दो बिंदुओं में अंकित करें।
उत्तर -
रंगों का मन-मानस और मनोविज्ञान से गहरा नाता होता है। यदि कोई रंग किसी को विशेष रूप से प्रिय लगता है तो इसके विशेष मनोवैज्ञानिक कारण होते…
प्रश्नगत ‘लाल’ और ‘काले’ रंग के संदर्भ में क्रमवार, इसके कारण निम्नवत हो सकते हैं :
‘लाल रंग’ मिलन का प्रतीक होता है, जिनके जीवन में प्रेम-मिलन, मेल-मिलाप का अभाव होता है वो अक्सर इस रंग के प्रति दुर्भावना रखते हैं.'
- लाल रंग शक्ति का धारणीय रंग है, इसलिए कई पूजनीय शक्तियों से इस रंग का सकारात्मक संबंध है, लेकिन जिन्हें अपनी शक्ति ही सबसे बड़ी लगती है वो लाल रंग को चुनौती मानते हैं. इसी संदर्भ में ये मनोवैज्ञानिक-मिथक भी प्रचलित हो चला कि इसी कारण शक्तिशाली सांड भी लाल रंग देखकर भड़कता है.
- ’काला रंग’ भारतीय संदर्भों में विशेष रूप से सकारात्मक है जैसे बुरी नजर से बचाने के लिए घर-परिवार के बच्चों को लगाया जाने वाला ‘काला’ टीका और सुहाग के प्रतीक मंगलसूत्र में काले मोतियों का प्रयोग. जिनके जीवन में ममत्व या सौभाग्य तत्व का अभाव होता है, मनोवैज्ञानिक रूप से वो काले रंग के प्रति दुर्भावना पाल लेते हैं.
- 'पश्चिम में काला रंग ‘नकारात्मक शक्तियों और राजनीति का प्रतीक रहा जैसे तानाशाही फासीवादियों की काली टोपी. मानवता और सहृदयता विरोधी फासीवादी विचारधारा जब अन्य देशों में पहुंची तो उसके सिर पर भी काली टोपी ही रही. नकारात्मकता और निराशा का रंग भी काला ही माना गया है अत: जिनकी राजनीतिक सोच ‘डर’ और ‘अविश्वास’ जैसे काले-विचारों से फलती-फूलती है, वो इसे सिर पर लिए घूमते हैं.
सच तो ये है कि हर रंग प्रकृति से ही प्राप्त होता है और सकारात्मक लोग किसी भी रंग को नकारात्मक नहीं मानते हैं. रंगों के प्रति सकारात्मक विविधता की जगह; जो लोग नकारात्मक विघटन-विभाजन की दृष्टि रखते हैं, उनके प्रति भी बहुंरगी सद्भाव रखना चाहिए, क्योंकि ये उनका नहीं, उनकी प्रभुत्ववादी एकरंगी संकीर्ण सोच का कुपरिणाम है. ऐसे लोगों के मन-हृदय को परिवर्तित करने के लिए बस इतना समझाना होगा कि ‘काले रंग की अंधेरी रात के बाद ही लालिमा ली हुई सुबह’ का महत्व होता है, ये पारस्परिक रंग-संबंध ही जीवन में आशा और उत्साह का संचार करता है. अच्छा-बुरा कोई रंग नहीं ; नज़रिया होता है.'
भाजपाइयों ने सस्ते में अपनों को खरीदवाया और जब बेचकर निकलने का समय आया तो भाजपा सरकार ने सर्किल रेट बढ़ाने का प्रबंध करवाया। अयोध्या की भूमि भाजपाई सौदेबाज़ी और मुनाफ़ाखोरी की शिकार हुई है। अयोध्या की जनता तो पहले ही जान गयी थी कि भाजपा का अयोध्या से भावात्मक-भावनात्मक लगाव नहीं…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 30, 2024
अखिलेश यादव ने भाजपा का नया फुल फाॅर्म बताया : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने X पर भाजपा का नया फुल फॉर्म बताया है. अयोध्या को लेकर उन्होंने भाजपा पर हमला किया. अखिलेश यादव ने X पर लिखा कि 'भाजपाइयों ने सस्ते में अपनों को खरीदवाया और जब बेचकर निकलने का समय आया तो भाजपा सरकार ने सर्किल रेट बढ़ाने का प्रबंध करवाया. अयोध्या की भूमि भाजपाई सौदेबाजी और मुनाफाखोरी की शिकार हुई है. अयोध्या की जनता तो पहले ही जान गयी थी कि भाजपा का अयोध्या से भावात्मक-भावनात्मक लगाव नहीं बल्कि ‘भू-नात्मक’ व ‘मुनाफ़ात्मक’ लोभ है. भाजपाई लालच ने जब अयोध्या को नहीं छोड़ा तो बाकी देश का क्या हाल कर रहे होंगे, ये कहने की बात नहीं. भाजपा = भू ज़मीन पार्टी'
कन्नौज में अखिलेश यादव बोले, लाल टोपी वह भी पहन सकते हैं जिनके सिर पर बाल न हों : लोकसभा चुनाव जीतने के बाद दूसरी बार शुक्रवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव कन्नौज पहुंचे. यहां गुरसहायगंज के गौरियापुर गांव में सपा के पूर्व विधायक कल्याण सिंह दोहरे की दिवंगत माता को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने हरियाणा व जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से सीट बंटवारे के सवाल पर कहा कि ये पार्टी फैसला करेगी, समाजवादी पार्टी कैसे राष्ट्रीय पार्टी बने, उसके लिए अब शुरूआत होगी. सीएम योगी के लाल टोपी के बयान पर अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि यूपी में हार का सदमा लगा है. लाल रंग को समझना पड़ेगा, लाल रंग क्रांति इमोशन, मेल मिलाप का प्रतीक है. मुख्यमंत्री इमोशन नहीं समझ सकते. यह टोपी उनके भी काम आ सकती है जिनके सिर पर बाल न हो गंजे हो. अयोध्या में जमीनों के सर्किल रेट बढ़ाने पर कहा कि बड़े लोग फायदा उठाएंगे अब. राहुल गांधी के खटाखट वाले मॉडल के बाद हिमाचल में मुख्यमंत्री मंत्री और विधायकों ने सैलरी से मना करने के सवाल से अखिलेश यादव बचते नजर आए.