लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राजधानी लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, "मैं उत्तर प्रदेश की जनता का धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने INDIA गठबंधन और PDA की रणनीति को सबसे ज्यादा सीटें जिताने का काम किया। वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने कहा, "ग्रोथ रेट कितनी होनी चाहिए? मैंने सुना है कि 64,000 एकड़ जमीन खाली कराई गई है, इसका डेटा कहां है?"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "बटेंगे तो कटेंगे" नारे पर अखिलेश ने कहा, "देश के इतिहास में इससे खराब और नेगेटिव नारा किसी राजनीतिक पार्टी ने नहीं दिया होगा. भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में ऐसा नारा दिया है. अखिलेश यादव ने कहा प्रदेश में कई घरों को अवैध कहकर बुलडोजर की कार्रवाई की गई. मैं पूछना चाहता हूं कि गवर्नर हाउस के सामने जो निर्माण हो रहा है, क्या उसका नक्शा पास है? क्या वहां भी बुलडोजर जाएगा?" मुख्यमंत्री आवास का भी नक्शा पास नहीं है और अगर पास है तो दिखाया जाए.
योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, "जो लोग कहते थे कि दंगा नहीं होगा, उन्हें बहराइच में पुलिस पर कार्रवाई क्यों करनी पड़ी? बीजेपी बचाने वाला नहीं, बल्कि फंसाने वाला दल है. अखिलेश यादव ने कहा, "राजधानी लखनऊ में भी कस्टोडियल डेथ हो रही है. पुलिस का अन्याय चरम सीमा पर पहुंच चुका है, और थाने अब न्याय दिलाने की बजाय अत्याचार का घर बनते जा रहे हैं. अखिलेश यादव का यह बयान बीजेपी सरकार की नीतियों पर तीखा प्रहार माना जा रहा है. खासकर उत्तर प्रदेश में बुलडोजर नीति, जीरो टॉलरेंस और पुलिस के कार्यों पर उठाए गए सवाल राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गए हैं.
पुलिस लोगों की सुरक्षा के बजाय कर रही हत्याः वहीं, सोमवार को जारी बयान में अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा सरकार में प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है. पुलिस लोगों की सुरक्षा के बजाय हत्या कर रही है. भाजपा सरकार में कस्टोडियल मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश हर साल नए रिकॉर्ड बना रहा है. भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के इशारे पर पुलिस निर्दोष लोगों को प्रताड़ित कर रही है. पुलिस का व्यवहार शोषण और अत्याचारी बन गया है. गरीब जनता बेबस है. प्रदेश में हर दिन पुलिस की खराब छवि सामने आती है. पुलिस कहीं लूट कर रही है, कहीं प्रताड़ित कर रही है तो कहीं हत्याएं कर रही है.
पुलिस पूरी तरह निरंकुशः अखिलेश ने कहा कि लखनऊ जैसी जगह में एक पखवारे में दो युवाओं की पुलिस पिटाई में मौत हो चुकी है. इस सरकार में पुलिस पूरी तरह निरंकुश हो चुकी है. भाजपा सरकार और पुलिस से जनता का भरोसा खत्म हो चुका है. जबसे प्रदेश में भाजपा सरकार आयी है तब से हर साल पुलिस हिरासत में मौते बढ़ती जा रही हैं. प्रदेश में 2021 में पुलिस हिरासत में 451 लोगों की मौते हुई थी. वहीं 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 501 हो गया. लखनऊ में दो सप्ताह पहले पुलिस पिटाई से विकास नगर में अमन गौतम की मौत हुई थी. शनिवार को लखनऊ पुलिस की पिटाई से चिनहट में मोहित पाण्डेय की मौत हो गयी. भाजपा सरकार और पुलिस पूरी तरह संवेदनहीनता पर उतारू है.
भाजपा सरकार में अन्याय, अत्याचार चरम परः अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री से लेकर नीचे तक शासन-प्रशासन बदले की भावना से काम कर रहा है. इस सरकार ने प्रदेश में लोकतंत्र और संविधान खत्म कर दिया है. तानाशाही और आतंक का राज स्थापित कर दिया है. पुलिस हिरासत में मौतों और फर्जी एनकाउंटरों से पूरे प्रदेश में उत्तर प्रदेश की छवि खराब हो रही है. भाजपा सरकार में अन्याय, अत्याचार चरम पर है. जनता आने वाले समय में इस अत्याचारी शासन का अंत कर देगी.
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