लखनऊ: अकबर नगर में ध्वस्तीकरण मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई के दौरान एलडीए की ओर से 73 ऐसे कब्जेदारों की सूची सौंपी गई है, जो जीएसटी अथवा आयकर भरते हैं. इस पर न्यायालय ने उक्त 73 कब्जेदारों में से उन सभी लोगों को जिन्होंने हाईकोर्ट में ध्वस्तीकरण के खिलाफ याचिकाएं अथवा हस्तक्षेप प्रार्थना पत्र दाखिल किए हैं, उनकी संपत्ति का ब्यौरा तलब किया है. न्यायालय ने कहा है कि ऐसे लोगों ने अकबर नगर में कितने वर्ग फुट जमीनें कब्जा कर रखी हैं और उनकी तथा उनके परिवार की कितनी सम्पत्तियां देश भर में हैं, उनका विस्तृत ब्यौरा अगली सुनवाई तक याचीगण दें. मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने अकबर नगर के तमाम निवासियों की ओर से दाखिल कुल 87 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया है. याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर जबकि एलडीए की ओर से सुदीप कुमार, अनुज कुदेसिया व रत्नेश चंद्रा ने बहस की. गुरूवार को राज्य सरकार की ओर से भी स्थायी अधिवक्ता ने जवाबी हलफ़नामा दाखिल किया.
उल्लेखनीय है कि याचियों की ओर से मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति 2021 का हवाला देते हुए दलील दी गई है कि उक्त नीति के प्रावधानों के तहत याचियों का पुनर्वास नहीं किया जा रहा है. वहीं न्यायालय ने 13 फरवरी को मामले की सुनवाई करते हुए याचियों समेत राज्य सरकार व एलडीए को उन कब्जेदारों की सूची देने का आदेश दिया है जो जीएसटी अथवा आयकर भर रहे हैं. न्यायालय ने कहा था कि याचियों में ज्यादातर अल्प आय वर्ग से हैं, लेकिन ऐसे भी कुछ लोग हैं जिनके वहां पर बड़े-बड़े शो रूम, दुकानें व व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स हैं, जो चार-चार मंजिलों के बने हुए हैं. ऐसे लोगों की झुग्गीवासियों से समानता नहीं है. लिहाजा न्यायालय उनकी पहचान कर उनके तथ्यों पर अलग से विचार करेगी.
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