रुद्रप्रयाग: तुंगनाथ घाटी में मूसलाधार बारिश के कारण आकाशकामिनी नदी के उफान में आने से अनेक स्थानों पर भूस्खलन और भूकटाव हुआ है, जिस कारण ताला तोक के दर्जनों परिवार खतरे की जद में आ गए हैं. जबकि व्यापारियों ने अपनी दुकानों से सामान समेटना शुरू कर दिया है. वहीं कुंड-चोपता नेशनल हाईवे पर जगह-जगह मलबा आने और मोटी-मोटी दरारें पड़ने से राजमार्ग पर सफर करना जानलेवा बना हुआ है.
दुकानें खाली होनी शुरू: तुंगनाथ घाटी में मूसलाधार बारिश ने आफत मचाकर रख दी है. यहां आकाशकामिनी नदी के उफान पर आने से भारी नुकसान हुआ है. ताला तोक के दर्जनों परिवार मौत के साए में जीवन काट रहे हैं तो मिनी स्विट्जरलैंड चोपता को जोड़ने वाले राजमार्ग में मोटी-मोटी दरारें पड़ने से व्यापारियों ने दुकानों से सामान समेट लिया है. भूस्खलन के कारण पिगंलापानी-ऊखीमठ पेयजल योजना अनेक स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है. जबकि काश्तकारों की कई हेक्टेयर सिंचित और असिंचित भूमि और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. जगह-जगह पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
खतरे में दो दर्जन परिवार: मस्तूरा तोक के निचले हिस्से में आकाशकामिनी नदी के तेज बहाव के कारण भूकटाव जारी रहने से पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है. जबकि पापड़ी तोक के दो दर्जन परिवारों को भी खतरा बना हुआ है. मुख्यमंत्री के ओएसडी दलवीर सिंह दानू, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल सहित विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर प्रभावितों की यथासंभव मदद दिलाने के लिए प्रशासन से वार्ता की. राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा घटना स्थल पर पहुंचकर आपदा से क्षति का सर्वे किया जा रहा है.
नेशनल हाईवे पर दरारें: ग्रामीण प्रतिपाल सिंह बजवाल ने बताया कि शनिवार रात्रि को तुंगनाथ घाटी में हुई मूसलाधार बारिश के कारण आकाशकामिनी नदी उफान में आने से ताला तोक के निचले हिस्से में भूस्खलन हो रहा है, जिससे ताला तोक के दो दर्जन से अधिक परिवार, दुकानों, ढाबे खतरे की जद में आ गए हैं, जिससे कई परिवारों और दुकानदारों ने अपना सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों पर आसरा ले लिया है. उन्होंने बताया कि भूस्खलन होने के कारण कुंड-चोपता नेशनल हाईवे ताला में धीरे-धीरे धंसने से मोटी-मोटी दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं. नेशनल हाईवे पर सफर करना जोखिम भरा हो गया है.
प्रधान दैड़ा योगेंद्र नेगी ने बताया कि भूस्खलन के कारण मस्तूरा-दैड़ा पैदल मार्ग पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो गया है. पापड़ी तोक के कई दर्जनों परिवार वर्षों से विस्थापन की आस लगाए हुए हैं.
कुंड के गार्डर पुल पर बढ़ा खतरा: केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुंड में मंदाकिनी नदी पर बने लोहे के गार्डर पुल के एक किनारे राजमार्ग पर दरारें पड़ने से पुल को और अधिक खतरा पैदा हो गया है. हिमालयी क्षेत्रों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मंदाकिनी नदी के जल स्तर में वृद्धि होने से पुल को लगातार खतरा बढ़ता जा रहा है.
पुल पर बंद वाहनों की आवाजाही: बता दें कि केदारनाथ हाईवे के कुंड में मंदाकिनी नदी पर बने लोहे के गार्डर पुल के निचले हिस्से में विगत 27 जुलाई से भूकटाव होने के कारण पुल को खतरा उत्पन्न हो गया था. प्रशासन ने तीस जुलाई को दोपहिया वाहनों के अलावा पुल से सभी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी. रविवार को पुल के एक किनारे राजमार्ग पर दरारें पड़ने से पुल को और अधिक खतरा उत्पन्न हो गया है.
सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण मोटर मार्ग पर भू-धंसाव: वहीं दूसरी ओर सोनप्रयाग-त्रियुगीनारायण मोटर मार्ग पर बरसाती नाले उफान पर आने से मार्ग पर कई घंटों तक आवाजाही बंद रही. ग्रामीणों का कहना है कि मोटरमार्ग के कई स्थानों पर भू-धंसाव हो रहा है. बीते दिनों मोटरमार्ग एक हफ्ते तक बंद रहा. भारी बारिश से रविवार सुबह मार्ग बंद हो गया, जिसे खोलने में विभाग को कई घंटों का समय लग गया. उन्होंने शासन-प्रशासन से सड़क मार्ग पर सुरक्षा दीवार और नालियां के निर्माण की मांग की है.
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