अजमेर : सेंट्रल अफ्रीका के कैमरून में अजमेर के युवक की मौत के मामले में परिजनों की ओर से लगाए गए आरोपों पर कंपनी के प्रतिनिधि ने जवाब दिया है. कंपनी के प्रतिनिधियों ने परिजनों की ओर से लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है. साथ ही आरोप लगाया है कि मृतक नरेश फतनानी ने कंपनी में गबन किया था. उन्होंने यह भी दावा किया है कि उसकी हत्या नहीं हुई बल्कि ऑडिट टीम से डरकर भागते समय छठी मंजिल से गिर गया था. प्रतिनिधियों ने कहा कि मौत से संबंधित साक्ष्य उनके पास हैं और उसे स्थानीय पुलिस को सुपुर्द करेंगे.
अजमेर के वैशाली नगर निवासी नरेश फ़तनानी की 28 जुलाई को सेंट्रल अफ्रीका के कैमरून में मौत हो गई थी. 13 जुलाई को वह अपने अपार्टमेंट की छठी मंजिल से गिर गया था. नरेश फ़तनानी 13 से लेकर 28 जुलाई तक अस्पताल में भर्ती था. वह कैमरून के दुआला शहर में एक ट्रैवल्स कंपनी की शाखा में काम करता था. कपंनी के प्रतिनिधि हरीश असवानी ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि मृतक के परिजनों के सभी आरोप निराधार है. असवानी ने कहा कि मृतक नरेश फ़तनानी कंपनी का कर्मचारी था. वह प्लेन की टिकट काटना था. उन्होंने आरोप लगाए कि मृतक ने कंपनी में गबन किया था. इसका खुलासा कंपनी के ऑडिट में हुआ. इस पर कंपनी ने मृतक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी. वहीं, कंपनी के प्रतिनिधि की ओर से लगाए गए आरोपों को लेकर मृतक के परिजनों से बातचीत करने को लेकर कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
झूठ बोल रहे हैं परिजनः कंपनी प्रतिनिधि हरीश असवानी ने बताया कि छठी मंजिल से गिरने के बाद अस्पताल में भर्ती नरेश फ़तनानी की मेडिकल हालात उसके भाई को अस्पताल की ओर से मेल की जाती थी. कंपनी के प्रतिनिधि ने दावा किया कि नरेश फ़तनानी से वीडियो कॉल के जरिए कई बार उसके भाई अजमेर निवासी हर्ष फ़तनानी और उसकी मां से बातचीत भी करवाई. इसकी रिकॉर्डिंग भी कंपनी के पास है. उन्होंने दावा किया कि गबन के बाद नरेश फ़तनानी गिरफ्तार होने से डरा हुआ था. डर के कारण हड़बड़ाहट में वह खुद बालकनी से गिर गया था. कंपनी ने अपने खर्चे पर खुद का इलाज करवाया.
28 जुलाई को नरेश फतनानी की मौत होने के बाद भी कंपनी ने उसके भाई हर्ष फ़तनानी को सूचित किया था। साथ ही परिजनों को कैमरून बलाया जा रहा था ताकि यहां आकर वे पोस्टमार्टम के लिए आवश्यक फॉर्मलटी पूरी कर सकें, लेकिन कोई परिजन वहां नहीं आया. दावा किया कि परिजनों ने भारतीय दूतावास को मेल कर कंपनी को ही बिना पोस्टमार्टम भारत भिजवाने के लिए अधिकृत किया था. इस मेल की कॉपी और परिजनों के स्टांप पर की गई घोषणा की कॉपी दोनों साक्ष्य के रूप में मौजूद है.
परिजनों ने यह लगाया था आरोपः मृतक नरेश फ़तनानी के परिजनों का आरोप था कि कंपनी संचालक और मैनेजर के साथ उसकी अनबन होने के कारण उसका पासपोर्ट छीन लिया गया था. वहीं, उसको टॉर्चर भी किया जा रहा था. उनका यह भी आरोप था कि मारपीट करने की वजह से नरेश फतनानी की मौत हुई है. वहीं, दावा किया है कि कंपनी ने परिजनों पर पोस्टमार्टम नहीं करने के लिए दबाव बनाया. नरेश फतनानी का शव दिल्ली से अजमेर पहुंचने के बाद परिजन उसके शव को लेकर अजमेर एसपी देवेंद्र बिश्नोई के घर के बाहर पहुंच गए थे. इसके बाद परिजन शव को लेकर कलेक्टर के घर के बाहर पहुंचे थे. परिजनों की मांग थी कि नरेश फ़तनानी के शव का पोस्टमार्टम करवाया जाए. मृतक के भाई हर्ष फतनानी ने कंपनी संचालक और मैनेजर के करीबी लोगों पर हत्या का आरोप लगाया था.
मृतक के भाई हर्ष फतलानी ने कंपनी के प्रतिनिधियो के आरोपों को निराधार बताया है. उनका आरोप है कि पैसे के बल पर कंपनी के लोग सच्चाई को दबाने मे लगे हैं. मेरे भाई नरेश फतलानी पर गबन का झूठा आरोप लगाया है. वह अनबन होने के कारण वापस भारत आना चाहता था. उसके साथ कंपनी के मैनेजर अजय और कुछ लोगों ने कई बार मारपीट की है. मेरा भाई बहुत डरा हुआ था वह उनसे बचना चाहता था. उसके खिलाफ वहा गबन की एफआईआर हुई थी. कम्पनी क्यों नही बताया बल्कि वहां इंडियन एम्बेसी ने भी हमें सूचना नहीं दी. इतना ही नही मेरे भाई ने सुसाइड की कोशिश की तो एम्बेसी को बताना चाहिए था. कम्पनी के लोगों ने मारपीट कर नरेश फतलानी को छठी मंजिल से धक्का दिया है. उसके शरीर पर 22 जख्म मारपीट के हैं. अजमेर मे नरेश फतलानी के शव का पोस्टमार्टम हुआ है रिपोर्ट मे सब खुलासा हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने भाई का इलाज करवाया तब हमें भी बुलाया था. हमारी जान को वहां खतरा था इसलिए हम वहां नही गये और बिना पोस्टमार्टम के शव इंडिया मंगवाने के लिए इंडियन एम्बेसी को हमने लिखा था. ऐसा मेरे भाई के साथ ही नही हुआ है. वहां कंपनी के लोग बंधक बनाकर कर्मचारियों का शोषण करते हैं. यदि मेरे भाई ने गबन किया था उसे जान से मारने का अधीाकर कंपनी को नही था.