अजमेर: जिले के रूपनगढ़ क्षेत्र में रविवार को जमीन विवाद के चलते हुए गोलीकांड में मजदूर की मौत होने के बाद से परिजनों में रोष व्यप्त है. मजदूर के परिजन सोमवार को अजमेर जेएलएन अस्पताल अस्पताल की मोर्चरी के बाहर जुट गए और शव उठाने से इनकार कर दिया. साथ ही मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए. प्रशासन से आश्वासन के बाद मृतक के परिजनों ने सोमवार को धरना समाप्त किया है.
पीड़ित पक्ष की ओर से आर्थिक सहायता की मांग की जा रही है. इस संदर्भ में पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत आर्थिक मदद दी जा सकती है. एडीआर से फॉर्म प्राप्त कर थाना प्रभारी को दिया जाएगा. न्यायाधीश की अध्यक्षता में आगामी बैठक के बाद स्कीम के तहत मिलने वाली राशि की एक चौथाई रकम पीड़ित पक्ष को तुरंत मिल जाएगी. पीड़ित पक्ष से बातचीत को चुकी है. शव का पोस्टमार्टम के लिए पीड़ित पक्ष राजी हैं. : गजेंद्र सिंह राठौड़, एडीएम सिटी
मृतक के चाचा मोहम्मद शफीक ने बताया कि शकील 4 वर्षों से रूपनगर में मजदूरी कर रहा था. रविवार सुबह भी वह मजदूरी के लिए निकला था, लेकिन हंगामा होते हुए देख वह वहां ठहर गया. शकील का विवाद से कोई लेना देना नहीं था. घटना में शकील के गोली लगी थी. उसे अजमेर लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए: उन्होंने बताया कि शकील के चार बच्चे हैं. इनमें से एक बच्चा बोल नहीं पाता है. परिवार में शकील ही कमाने वाला था. शकील का परिवार रामसर रहता है और उनका खुद का घर भी नहीं है. परिवार त्रिपाल लगाकर झुग्गी बना कर रहता है. ऐसे में मांग है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें फांसी की सजा दी जाए. प्रशासन ने आर्थिक सहायता की मांग मान ली है. आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का अधिकारियों ने आश्वासन दिया है. पोस्टमार्टम के लिए अब कोई आपत्ति नहीं है.
घायल की रीढ़ की हड्डी में फंसी है गोली : वहीं, गोलीकांड में घायल हुआ ठेकेदार नारायण का अजमेर जेएलएन अस्पताल में इलाज जारी है. बदमाशों की गोली ठेकेदार नारायण के जबड़े में लगी और यहां से रीढ़ की हड्डी में जाकर फंस गई. चिकित्सकों की टीम जल्द ही ठेकेदार नारायण का ऑपरेशन कर गोली को बाहर निकलेगी. फिलहाल ठेकेदार नारायण की हालत स्थिर बनी हुई है.