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'सर तन से जुदा' नारा मामले में अब 16 जुलाई को आएगा 6 आरोपियों के खिलाफ फैसला - judgement in hate speech case

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 12, 2024, 5:03 PM IST

'सर तन से जुदा' नारा लगाने और भड़काऊ भाषण देने के मामले में 6 आरोपियों के खिलाफ फैसला अब 16 जुलाई को आ सकता है. शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट के अवकाश पर होने की वजह से मामले की तारीख को आगे बढ़ाया गया है.

Ajmer hate speech case
भड़काऊ भाषण देने के मामला (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के मुख्य द्वार की सीढ़ियों पर से 'सर तन से जुदा' का नारा लगाने के मामले कोर्ट का फैसला अब 16 जुलाई को आएगा. शुक्रवार को कोर्ट को फैसला देना था, लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट के अवकाश पर होने की वजह से फैसले की तारीख आगे बढ़ाई गई है.

एडीजे कोर्ट संख्या 4 के विशिष्ट लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारुकी ने बताया कि 'सर तन से जुदा' प्रकरण में कोर्ट में शुक्रवार को पेशी थी. कोर्ट में प्रकरण को लेकर फैसला आज आना था. न्यायिक मजिस्ट्रेट के अवकाश पर जाने के कारण अगले पेशी 16 जुलाई को रखी गई है. फारुकी ने बताया कि 16 जुलाई को कोर्ट संभवत मामले में अपना निर्णय सुना सकती है. उन्होंने बताया कि मामले में 7 आरोपी हैं. इनमें से एक आरोपी फरार है. लिहाजा 6 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट फैसला सुनाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि प्रकरण में दोनों पक्षों की ओर से कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है.

पढ़ें: Ajmer hate speech case: अजमेर भड़काऊ भाषण मामले में 7 आरोपियों को कोर्ट में सुनाए आरोप

यह था पूरा प्रकरण: 17 जून को दोपहर 3 बजे कांस्टेबल जय नारायण जाट निजाम गेट पर ड्यूटी दे रहे थे. तब कुछ खादिमों की ओर से निजाम गेट पर मौन जुलूस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए वहां लाउड स्पीकर पर भाषण दिए और भड़काऊ नारे लगाए. इस आशय से कांस्टेबल जयनारायण जाट ने दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. पुलिस को दी गई रिपोर्ट में कांस्टेबल ने बताया था कि 2500 से 3000 लोगों की भीड़ उस वक्त दरगाह के सामने थी. जब भड़काऊ भाषण और नारे लगाए जा रहे थे.

पढ़ें: भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल करने के आरोपी गौहर चिश्ती की जमानत याचिका खारिज

भड़काऊ भाषण और नारे लगाने वालों में सैयद गौहर चिश्ती भी था. हालांकि उसको पूर्व में भी समझाया था. हिंसा के लिए उकसाने और हत्या की अपील करने का मामला दरगाह थाने में दर्ज किया गया. प्रकरण में पुलिस ने वीडियो के आधार पर अजमेर दरगाह क्षेत्र में रहने वाले चार आरोपी फकर जमाली, ताजिम सिद्दीकी, रियाज हसन और मोइन खान को गिरफ्तार किया गया. जबकि मामले में मुख्य आरोपी सैयद गौहर चिश्ती और अहसानुल्लाह को पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया था.मामले में एक आरोपी फरार है.

पढ़ें: दरगाह के बाहर 'सिर तन से जुदा' नारा लगाने के मामले में सुनवाई पूरी, 12 जुलाई को आएगा फैसला - decision will come on July 12

इस मामले के बाद हुआ उदयपुर का कन्हैया लाल हत्याकांड: भड़काऊ भाषण और नारा लगाने का मकसद हिंसा और लोगों को उकसाना था. जिसकी परिणीति उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड के रूप में सामने आई थी. मामले में हत्या के लिए उकसाने की धाराएं भी बाद में जोड़ी गई. इस मामले में मुख्य आरोपी सैयद गौहर चिश्ती गिरफ्तार होने के बाद से ही अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में कैद है.

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के मुख्य द्वार की सीढ़ियों पर से 'सर तन से जुदा' का नारा लगाने के मामले कोर्ट का फैसला अब 16 जुलाई को आएगा. शुक्रवार को कोर्ट को फैसला देना था, लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट के अवकाश पर होने की वजह से फैसले की तारीख आगे बढ़ाई गई है.

एडीजे कोर्ट संख्या 4 के विशिष्ट लोक अभियोजक गुलाम नजमी फारुकी ने बताया कि 'सर तन से जुदा' प्रकरण में कोर्ट में शुक्रवार को पेशी थी. कोर्ट में प्रकरण को लेकर फैसला आज आना था. न्यायिक मजिस्ट्रेट के अवकाश पर जाने के कारण अगले पेशी 16 जुलाई को रखी गई है. फारुकी ने बताया कि 16 जुलाई को कोर्ट संभवत मामले में अपना निर्णय सुना सकती है. उन्होंने बताया कि मामले में 7 आरोपी हैं. इनमें से एक आरोपी फरार है. लिहाजा 6 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट फैसला सुनाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि प्रकरण में दोनों पक्षों की ओर से कोर्ट में बहस पूरी हो चुकी है.

पढ़ें: Ajmer hate speech case: अजमेर भड़काऊ भाषण मामले में 7 आरोपियों को कोर्ट में सुनाए आरोप

यह था पूरा प्रकरण: 17 जून को दोपहर 3 बजे कांस्टेबल जय नारायण जाट निजाम गेट पर ड्यूटी दे रहे थे. तब कुछ खादिमों की ओर से निजाम गेट पर मौन जुलूस की शर्तों का उल्लंघन करते हुए वहां लाउड स्पीकर पर भाषण दिए और भड़काऊ नारे लगाए. इस आशय से कांस्टेबल जयनारायण जाट ने दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. पुलिस को दी गई रिपोर्ट में कांस्टेबल ने बताया था कि 2500 से 3000 लोगों की भीड़ उस वक्त दरगाह के सामने थी. जब भड़काऊ भाषण और नारे लगाए जा रहे थे.

पढ़ें: भड़काऊ भाषण का वीडियो वायरल करने के आरोपी गौहर चिश्ती की जमानत याचिका खारिज

भड़काऊ भाषण और नारे लगाने वालों में सैयद गौहर चिश्ती भी था. हालांकि उसको पूर्व में भी समझाया था. हिंसा के लिए उकसाने और हत्या की अपील करने का मामला दरगाह थाने में दर्ज किया गया. प्रकरण में पुलिस ने वीडियो के आधार पर अजमेर दरगाह क्षेत्र में रहने वाले चार आरोपी फकर जमाली, ताजिम सिद्दीकी, रियाज हसन और मोइन खान को गिरफ्तार किया गया. जबकि मामले में मुख्य आरोपी सैयद गौहर चिश्ती और अहसानुल्लाह को पुलिस ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया था.मामले में एक आरोपी फरार है.

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इस मामले के बाद हुआ उदयपुर का कन्हैया लाल हत्याकांड: भड़काऊ भाषण और नारा लगाने का मकसद हिंसा और लोगों को उकसाना था. जिसकी परिणीति उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड के रूप में सामने आई थी. मामले में हत्या के लिए उकसाने की धाराएं भी बाद में जोड़ी गई. इस मामले में मुख्य आरोपी सैयद गौहर चिश्ती गिरफ्तार होने के बाद से ही अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में कैद है.

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