अजमेरः भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो अजमेर इकाई की टीम ने कार्रवाई करते हुए भिनाय थाने के कांस्टेबल और ईमित्र संचालक को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. मुकदमे में राजीनामा करवाने और एफआर लगाने की एवज में 10 हजार रुपए की डिमांड की थी. कांस्टेबल ने बुधवार को 4 हजार रुपए मांगे थे, लेकिन परिवादी ने ईमित्र संचालक को 2 हजार रुपए दे दिए. जांच में सामने आया है कि कांस्टेबल परिवादी से पहले भी 3 हजार रुपए ले चुका था.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की अजमेर इकाई में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भागचन्द्र ने बताया कि अजमेर एसीबी चौकी को परिवादी की ओर से शिकायत मिली थी. परिवादी का आरोप था कि भिनाय थाने के कांस्टेबल अर्जुन लाल उससे उसके खिलाफ थाने में दर्ज मुकदमे में राजीनामा करवाने और परिवाद को बंद करने की एवज में 10 हजार रुपए रिश्वत मांग रहा है.
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परिवादी का यह भी आरोप है कि कांस्टेबल ने 15 दिसंबर 2024 को उससे 7 हजार रुपए रिश्वत लेना तय करके उसी दिन 3 हजार रुपए रिश्वत राशि ली थी. वहीं, शेष रिश्वत राशि के 4 हजार रुपए के पेटे परिवादी की सोने की अंगूठी आरोपी ईमित्र संचालक विक्रम शर्मा के पास रखवाई थी. 19 दिसंबर 2024 को सत्यापन के दौरान आरोपी कांस्टेबल अर्जुन लाल ने 4 हजार रुपए रिश्वत की मांग करते हुए परिवादी से 2 हजार रुपए आरोपी ईमित्र संचालक को दिलवाए थे.
ईमित्र संचालक की जैकेट से मिली रिश्वत राशिः उन्होंने बताया कि बुधवार को ट्रैप की कार्रवाई करते हुए एसीबी के निरीक्षक दीनदयाल समेत टीम ने कांस्टेबल अर्जुन लाल और ईमित्र संचालक आरोपी विक्रम शर्मा को 2 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. वहीं, रिश्वत आरोपी ईमित्र संचालक विक्रम शर्मा की पहने हुए जैकेट से बरामद की गई. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भागचंद ने बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. एसीपी की ओर से दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा.