ब्यावर. वन विभाग के रेंजर और वनपाल को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार करने के बाद अजमेर एसीबी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कोर्ट में आरोपियों को पेश किया. दोनों आरोपी वन अधिकारियों को एसीपी कोर्ट ने 12 अप्रैल तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है.
अनुमति दिखाने के बाद भी ट्रक नहीं छोड़ा : अभियोजन विभाग में सहायक निदेशक सीताराम चितारा ने बताया कि अजमेर एसीबी ने 29 मार्च को ब्यावर वन विभाग के रेंजर नितिन शर्मा और वनपाल नृसिंह रायका को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. उन्होंने बताया कि सोजत निवासी परिवादी मोहिताश गुप्ता ने अजमेर एसीबी को शिकायत दी थी कि ब्यावर से उसने विलायती बम्बुल कोयला 2 लाख 65 हजार में खरीदा था. यह कोयला को बेचने के लिए ट्रक से झारखंड ले जाया जा रहा था. ब्यावर वन नाके पर रेंजर नितिन शर्मा और वनपाल नृसिंह रायका ने ट्रक को रुकवाया. दोनों वन अधिकारियों को कोयला परिवहन की अनुमति दिखाने के बाद भी उन्होंने ट्रक नहीं छोड़ा और ढाई लाख रुपए रिश्वत की डिमांड की.
पढ़ें. अजमेर में एसीबी की बड़ी कार्रवाई, 50 हजार की रिश्वत के साथ दो वन अधिकारी गिरफ्तार
उन्होंने बताया कि परिवादी मोहिताश गुप्ता ने दोनों के कहने पर 50 हजार और 25-25 हजार रुपए ऑनलाइन किसी राजेन्द्र सिंह को ट्रांसफर किए, जबकि 85 हजार रुपए नकद दे दिए. इसके बाद शेष 65 हजार रुपए की राशि के लिए दोनों अधिकारी उसे परेशान कर रहे हैं और कोयले से भरा ट्रक नही छोड़ रहे थे. चितारा ने बताया कि एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद दोनों वन अधिकारियों को परिवादी से 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया. सत्यापन के दौरान वन अधिकारियों से हुई बातचीत में सौदा 65 हजार की बजाय 50 हजार में तय हुआ था.
मामले में जांच जारी : अभियोजन विभाग के सहायक निदेशक सीताराम चितारा ने बताया कि प्रकरण में रिश्वत की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर करने की बात सामने आ रही है. ऐसे में इसमें अन्य लोगों की भूमिका को लेकर भी अनुसंधान की जा रही है. उन्होंने बताया कि आरोपी रेंजर नितिन शर्मा और नृसिंह रायका को शनिवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया गया था. एसीपी कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 12 अप्रैल तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है.