लखनऊः कांग्रेस पार्टी ने बयान जारी कर कहा है कि प्रभात पाण्डेय की मृत्यु की जांच कर रहे पुलिस टीम ने साक्ष्यों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है, जो नियाहत ही दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि प्रभात पाण्डेय कांग्रेस परिवार के सदस्य थे, उनके आकास्मिक निधन का हमें गहरा अफसोस है. मैं स्वयं पुलिस द्वारा पैदा की गई अड़चनों के बावजूद उनके अंत्येष्टि संस्कार शामिल हुआ.
सबसे पहले जांच की उठाई मांगः राष्ट्रीय महासचिव प्रभारी अविनाश पाण्डेय ने शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रभात पाण्डेय को श्रद्धासुमन अर्पित किया. अजय राय ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे धरने में पुलिसिया बर्बरता के कारण मुझे स्वयं, अविनाश पाण्डेय को एवं कई कार्यकर्ताओं को चोटें आई हैं. जिसकी वजह से प्रभात पाण्डेय की मौत हुई है. कांग्रेस पार्टी ने स्वयं सबसे पहले उनकी मौत की जांच की मांग उठाई. प्रदेश सरकार से मुआवजे के रूप में 1 करोड़ रुपये व परिवार में एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की मांग की. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी की ओर 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है.
पुलिस मीडिया में फैला रही झूठः अजय राय ने कहा कि कार्यालय और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जिनके बयान पुलिस लेना चाहती है, हम उस प्रक्रिया में भी सहयोग कर रहे हैं. जबकि सच यह है कि कई ऐसे लोग जो घटना के समय मौजूद ही नहीं थे. उनके भी बयान पुलिस लेना चाहती है. हमने उनकी इस बात को भी मानते हुए उनका सहयोग किया. अजय राय ने कहा कि पुलिस मीडिया में जिस बात का झूठ फैला रही है, उसका सच यह है कि प्रभात पाण्डेय बेहोशी की हालत में जहां मिले वहां टेन्ट हाउस से लाये हुए गद्दे बिछे हुए थे. जिसे पाण्डेय को अस्पताल भेजने के बाद टेन्ट हाउस वाला आकर एक रूटीन प्रक्रिया के तहत लेकर चला गया. क्योंकि तब तक इस बात को कोई सोच ही नहीं सकता था कि इस तरह का कोई हादसा हो जाएगा.
पुलिस मामले को राजनीतिक रंग दे रहीः प्रभात पाण्डेय की मृत्यु की खबर मिलते ही हमने सभी चीजों को यथावत छोड़ दिया एवं पुलिस की जांच में पूरा सहयोग किया. कांग्रेस पार्टी कानून और संविधान में विश्वास रखने वाली पार्टी है. हम अपनी तरफ से पूरा सहयोग कर रहे हैं, मगर पुलिस योगी सरकार के दबाव में इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को राजनैतिक रंग देने की कोशिश कर रही है. अजय राय ने कहा कि साफ जाहिर है कि एक अधूरी जांच में जिस तरीके से मीडिया में जानबूझकर पुलिस बातों को प्रचारित कर रही है, वह किसी दबाव में काम कर रही है. पुलिसिया बर्बरता के कारण प्रभात पाण्डेय की मृत्यु हुई है और पुलिस अपना गिरेबान बचाने के लिए और योगी सरकार इसे राजनैतिक रंग देने की मंशा से काम कर रही है.