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दीवाली आते ही बढ़ने लगा वायु प्रदूषण, जींद के 12 गांव रेड जोन में - AIR POLLUTION IN HARYANA

दीवाली आते ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. धान का सीजन होने के चलते इन दिनों पराली जलाने के मामले भी बढ़ गये हैं.

AIR POLLUTION IN HARYANA
दीवाली आते ही बढ़ने लगा वायु प्रदूषण (File Photo)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 15, 2024, 6:54 PM IST

जींद: दशहरे के बाद हरियाणा और दिल्ली एनसीआर में एक बार फिर वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. मंगलवार दोपहर तीन बजे तक वायु प्रदूषण का स्तर 154 पर दर्ज किया गया. हालांकि बाद में वायु प्रदूषण का स्तर घट कर 150 से नीचे आ गया. यह स्तर भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. विशेषकर सांस के रोगियों को परेशान करने वाला है. अभी आने वाले दिनों में एक्यूआई ज्यादा बढ़ेगा. क्योंकि पराली जलाने के मामले भी सामने आने लगे हैं.

जींद में पराली जलाने के 44 मामले

एक अक्टूबर से अब तक 44 जगह धान अवशेष जलाने के मामले सामने आए हैं. दिवाली पर्व के समीप आते ही खेतों में पराली की घटनाएं सामने आने के बाद वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है. ऐसे में आंखों में जलन भी होने लगती है. जिससे वाहन चालकों और आम लोगों को काफी परेशानी होती है, हालांकि किसानों को खेतों में धान के फसल अवशेष ना जलाने के लेकर युद्ध स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन आगजनी के मामले फिर भी कम नहीं हो पा रहे हैं. जिले में एक अक्टूबर से अब तक 44 जगह धान के अवशेष जलाने के मामले आ चुके हैं.

जींद के 12 गांव रेड जोन में शामिल

प्रदूषण के चलते जींद जिले के 12 गांव रेड जोन में शामिल हैं. इनमें अलेवा, श्रीरागखेड़ा, दनौदा कलां, धमतान साहिब, कालवन, उझाना, रसीदां, जयपुर, मुआना, अलीपुर, बड़नपुर, करसिंधु है. इन गांवों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि वहां कोई धान के अवशेष जलाने की घटनाएं न हो. 12 को 17 और 13 को आठ मामले धान के अवशेष जलाने के आए थे.

कृषि विभाग सेटेलाइट के माध्यम से फसल अवशेष में आग लगाने के मामलों की जानकारी हासिल करता है. इसके बाद उसकी जांच कर संबंधित खेत के किसान पर जुर्माना लगाया जाता है. वहीं कृषि विभाग द्वारा हर गांव में मुनादी भी कराई जा रही है ताकि किसान पराली में आग ना लगाएं. फसल अवशेषों में दो एकड़ तक आग लगाने पर 2500, दो से पांच एकड़ तक आगजनी करने पर पांच हजार तथा पांच एकड़ से अधिक भूमि पर आगजनी करने पर 25 हजार रुपये तक जुर्माना तथा कारागार का भी प्रावधान है.

फसल अवशेष जलाने वाले 44 किसानों से 87500 की वसूली

कृषि विभाग की टीमों ने अलग-अलग गांव के किसानों पर 87 हजार 500 रुपये से ज्यादा जुर्माना वसूला है. हालांकि अभी तक फसल अवशेष जलाने के मामले में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. गिरीश ने बताया कि अब तक 44 मामले सामने आ चुके हैं और 87 हजार 500 रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है. किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसके तहत उन्हें फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाता है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में फिर बदला मौसम का मिजाज, न्यूनतम तापमान में गिरावट, पराली जलाने से हिसार में प्रदूषण बढ़ा

ये भी पढ़ें- 'पराली जलाने के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की', सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए पूछे सवाल

जींद: दशहरे के बाद हरियाणा और दिल्ली एनसीआर में एक बार फिर वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. मंगलवार दोपहर तीन बजे तक वायु प्रदूषण का स्तर 154 पर दर्ज किया गया. हालांकि बाद में वायु प्रदूषण का स्तर घट कर 150 से नीचे आ गया. यह स्तर भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. विशेषकर सांस के रोगियों को परेशान करने वाला है. अभी आने वाले दिनों में एक्यूआई ज्यादा बढ़ेगा. क्योंकि पराली जलाने के मामले भी सामने आने लगे हैं.

जींद में पराली जलाने के 44 मामले

एक अक्टूबर से अब तक 44 जगह धान अवशेष जलाने के मामले सामने आए हैं. दिवाली पर्व के समीप आते ही खेतों में पराली की घटनाएं सामने आने के बाद वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है. ऐसे में आंखों में जलन भी होने लगती है. जिससे वाहन चालकों और आम लोगों को काफी परेशानी होती है, हालांकि किसानों को खेतों में धान के फसल अवशेष ना जलाने के लेकर युद्ध स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन आगजनी के मामले फिर भी कम नहीं हो पा रहे हैं. जिले में एक अक्टूबर से अब तक 44 जगह धान के अवशेष जलाने के मामले आ चुके हैं.

जींद के 12 गांव रेड जोन में शामिल

प्रदूषण के चलते जींद जिले के 12 गांव रेड जोन में शामिल हैं. इनमें अलेवा, श्रीरागखेड़ा, दनौदा कलां, धमतान साहिब, कालवन, उझाना, रसीदां, जयपुर, मुआना, अलीपुर, बड़नपुर, करसिंधु है. इन गांवों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि वहां कोई धान के अवशेष जलाने की घटनाएं न हो. 12 को 17 और 13 को आठ मामले धान के अवशेष जलाने के आए थे.

कृषि विभाग सेटेलाइट के माध्यम से फसल अवशेष में आग लगाने के मामलों की जानकारी हासिल करता है. इसके बाद उसकी जांच कर संबंधित खेत के किसान पर जुर्माना लगाया जाता है. वहीं कृषि विभाग द्वारा हर गांव में मुनादी भी कराई जा रही है ताकि किसान पराली में आग ना लगाएं. फसल अवशेषों में दो एकड़ तक आग लगाने पर 2500, दो से पांच एकड़ तक आगजनी करने पर पांच हजार तथा पांच एकड़ से अधिक भूमि पर आगजनी करने पर 25 हजार रुपये तक जुर्माना तथा कारागार का भी प्रावधान है.

फसल अवशेष जलाने वाले 44 किसानों से 87500 की वसूली

कृषि विभाग की टीमों ने अलग-अलग गांव के किसानों पर 87 हजार 500 रुपये से ज्यादा जुर्माना वसूला है. हालांकि अभी तक फसल अवशेष जलाने के मामले में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. गिरीश ने बताया कि अब तक 44 मामले सामने आ चुके हैं और 87 हजार 500 रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है. किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसके तहत उन्हें फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाता है.

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