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सियासी हुआ रुड़की वसीम मौत मामला, कांग्रेस ने बाद अब ओवैसी ने उठाए सवाल, पुलिस ने दी सफाई - Roorkee Waseem Death Case

Roorkee Waseem Death Case, Asaduddin Owaisi on Madhopur Death Case: हरिद्वार के रुड़की का माधोपुर वसीम मौत प्रकरण इन दिनों चर्चाओं में है. अब ये मामला राजनीतिक हो गया है. एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले को लेकर सवाल उठाये हैं.

ROORKEE WASEEM DEATH CASE
रुड़की वसीम मौत मामला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 29, 2024, 6:32 PM IST

देहरादून: हरिद्वार गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर में वसीम उर्फ मोनू की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है. एक्स पर किये गये पोस्ट में असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तराखंड पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि खबरों के मुताबिक युवक को गो-तस्करी के आरोप में पीट-पीट कर तालाब में फेंका गया. इसके बाद पुलिस ने उसके तालाब में डूबने की झूठी कहानी बनाई. हालांकि, उत्तराखंड पुलिस इस मामले को लेकर पहले ही स्थिति साफ कर चुकी है.

अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में कई सवाल भी खड़े किये हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि अगर वसीम उर्फ मोनू की तालाब में डूबने से मौत हुई तो उसके मुंह और जिस्म पर चोट के निशान कैसे आए?

उत्तराखंड पुलिस ने साफ की स्थिति: दरअसल, बीते 25 अगस्त को हुए इस घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया पर इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था. जिसके बाद इस केस में राजनीति भी शुरू हो गई थी. इसको देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट की. प्रकरण पर SP देहात स्वप्न किशोर ने भी जानकारी दी थी कि रुड़की के माधोपुर गांव में घटित इस घटना की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक की मृत्यु पानी में डूबने से होने की पुष्टि हुई है. मृत्यु के संबंध में सोशल मीडिया पर प्रसारित भ्रामक खबरों की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में नहीं हुई है.

पुलिस ने आरोपों को बताया गलत व भ्रामक: इसके साथ ही उत्तराखंड पुलिस ने कहा था कि इस मामले में सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है. जिस पर पुलिस की पैनी नजर है. पुलिस ने अपने ऑफिशियल X हैंडल से जानकारी शेयर करते हुए साफ किया था कि, युवक की मृत्यु के संबंध में सोशल मीडिया हैंडल्स पर गलत जानकारी व भ्रामक पोस्ट की गई हैं. इस मामले में हरिद्वार पुलिस वे 3 केस भी दर्ज किए हैं. पुलिस ने अपील की थी कि बिना सच जाने किसी भी पोस्ट को शेयर या कमेंट न करें.

बता दें कि, इससे पहले उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेता भी इस प्रकरण को लेकर हल्ला बोल चुके हैं. बीते रोज इस मामले में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की नेतृत्व में उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने सीएम धामी और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से मुलाकात की थी. कांग्रेस ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इंवेस्टीगेशन ऑफिसर को बदलने की मांग की.

क्या है वसीम मौत मामला: रुड़की सीओ नरेंद्र पंत द्वारा बताई गई जानकारी के अनुसार, बीती 25 अगस्त को गौवंश संरक्षण स्क्वायड की टीम को मुखबिर ने सूचना दी थी कि गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव के पास एक युवक बाइक से प्रतिबंधित मांस की तस्करी करने जा रहा है. जिसके बाद टीम युवक को पकड़ने के लिए माधोपुर गांव के पास पहुंची. युवक को पकड़ने के लिए घेराबंदी की. बताया जा रहा कि पुलिस टीम से बचने के लिए युवक ने माधोपुर गांव के तालाब में छलांग लगा दी. जिसके बाद तालाब में डूबने से उसकी मौत हो गई. मामले की जानकारी के बाद मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई. जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ था. पुलिस की काफी मशक्कत के बाद मामला शांत हुआ था. जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था.

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देहरादून: हरिद्वार गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर में वसीम उर्फ मोनू की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है. एक्स पर किये गये पोस्ट में असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तराखंड पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि खबरों के मुताबिक युवक को गो-तस्करी के आरोप में पीट-पीट कर तालाब में फेंका गया. इसके बाद पुलिस ने उसके तालाब में डूबने की झूठी कहानी बनाई. हालांकि, उत्तराखंड पुलिस इस मामले को लेकर पहले ही स्थिति साफ कर चुकी है.

अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में कई सवाल भी खड़े किये हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि अगर वसीम उर्फ मोनू की तालाब में डूबने से मौत हुई तो उसके मुंह और जिस्म पर चोट के निशान कैसे आए?

उत्तराखंड पुलिस ने साफ की स्थिति: दरअसल, बीते 25 अगस्त को हुए इस घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया पर इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था. जिसके बाद इस केस में राजनीति भी शुरू हो गई थी. इसको देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में स्थिति स्पष्ट की. प्रकरण पर SP देहात स्वप्न किशोर ने भी जानकारी दी थी कि रुड़की के माधोपुर गांव में घटित इस घटना की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक की मृत्यु पानी में डूबने से होने की पुष्टि हुई है. मृत्यु के संबंध में सोशल मीडिया पर प्रसारित भ्रामक खबरों की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में नहीं हुई है.

पुलिस ने आरोपों को बताया गलत व भ्रामक: इसके साथ ही उत्तराखंड पुलिस ने कहा था कि इस मामले में सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है. जिस पर पुलिस की पैनी नजर है. पुलिस ने अपने ऑफिशियल X हैंडल से जानकारी शेयर करते हुए साफ किया था कि, युवक की मृत्यु के संबंध में सोशल मीडिया हैंडल्स पर गलत जानकारी व भ्रामक पोस्ट की गई हैं. इस मामले में हरिद्वार पुलिस वे 3 केस भी दर्ज किए हैं. पुलिस ने अपील की थी कि बिना सच जाने किसी भी पोस्ट को शेयर या कमेंट न करें.

बता दें कि, इससे पहले उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेता भी इस प्रकरण को लेकर हल्ला बोल चुके हैं. बीते रोज इस मामले में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की नेतृत्व में उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने सीएम धामी और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर से मुलाकात की थी. कांग्रेस ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इंवेस्टीगेशन ऑफिसर को बदलने की मांग की.

क्या है वसीम मौत मामला: रुड़की सीओ नरेंद्र पंत द्वारा बताई गई जानकारी के अनुसार, बीती 25 अगस्त को गौवंश संरक्षण स्क्वायड की टीम को मुखबिर ने सूचना दी थी कि गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के माधोपुर गांव के पास एक युवक बाइक से प्रतिबंधित मांस की तस्करी करने जा रहा है. जिसके बाद टीम युवक को पकड़ने के लिए माधोपुर गांव के पास पहुंची. युवक को पकड़ने के लिए घेराबंदी की. बताया जा रहा कि पुलिस टीम से बचने के लिए युवक ने माधोपुर गांव के तालाब में छलांग लगा दी. जिसके बाद तालाब में डूबने से उसकी मौत हो गई. मामले की जानकारी के बाद मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई. जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ था. पुलिस की काफी मशक्कत के बाद मामला शांत हुआ था. जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था.

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