पलामूः केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मैनेजमेंट के शॉर्ट फॉर्म "मैनेज" के नामकरण को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि मैनेज शब्द से संस्थान का बोध नहीं होता है. शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को पलामू से हैदराबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मैनेजमेंट के एक्सटेंशन भवन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आधारशिला रखी.
शॉर्ट फॉर्म का इस्तेमाल न करें कृषि मंत्रालय
इस दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कई बार शॉर्ट फॉर्म का इस्तेमाल अर्थ का अनर्थ जैसा होता है. साधारण तौर पर मैनेज शब्द का अर्थ मैनेज करना होता है. यह पहले भी ध्यान दिलाया गया है कि कृषि मंत्रालय शॉर्ट फॉर्म का इस्तेमाल न करें. शॉर्ट फॉर्म का इस्तेमाल मूल भावना को डिफीट करता है. उन्होंने कहा कि शॉर्ट फॉर्म ऐसा बनाओ की कुछ अर्थ निकलता हो.
कृषि से आय बढ़ाने और प्राकृतिक खेती पर जोर
कार्यक्रम में भाग लेने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य किसानों की आय में बढ़ोतरी और खाद सुरक्षा की है. कृषि मंत्रालय यह कोशिश कर रहा है कि उपज में कम लागत आए और उत्पादन की क्षमता में बढ़ोतरी हो.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज खेती की हालत देखने लायक है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती पर जोर देने की जरूरत है. कृषि मंत्रालय किसानों की आय बढ़ोतरी के लिए प्रयास कर रहा है और इसके लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं.
हैदराबाद का प्रमुख संस्थान है मैनेज
बता दें कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मैनेजमेंट एक महत्वपूर्ण संस्थान है, जहां प्रतिवर्ष 500 से अधिक प्रशिक्षण का आयोजन किया जाता है. यहां देश-विदेश के वैज्ञानिक प्रशिक्षण लेते हैं. संस्थान में पढ़ाई करने वाले छात्रों का प्लेसमेंट भी आसानी से होता है.
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