प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में सपा सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में मिली सजा बढ़ाने की मांग में दाखिल अपील पर बुधवार को सरकार की ओर से बहस पूरी हो गई. इसके बाद अफजाल अंसारी की ओर से भी सरकार की अपील के विरोध में तर्क रखे गए. समयाभाव के कारण कोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को सुनवाई जारी रखने को कहा है.
न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह के समक्ष राज्य सरकार की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने अपनी बहस में कहा कि ट्रायल कोर्ट ने गैंग एक्ट में अफजाल अंसारी को कम सजा सुनाई है. ट्रायल कोर्ट ने ऐसा करने के पीछे अफजाल अंसारी की आयु (70) और उनके दो बार सांसद एवं कई बार विधायक चुने जाने के मद्देनजर किया है. जबकि कानून के मुताबिक ट्रायल कोर्ट को आरोपी की आयु उस समय की देखना चाहिए था, जब अपराध हुआ था और तब अफजाल अंसारी की आयु 58 वर्ष थी. एजीए जेके उपाध्याय ने यह भी कहा कि ट्रायल कोर्ट ने अफजाल अंसारी के सांसद एवं विधायक चुने को भी कम सजा का आधार बनाया है, जो उचित नहीं है.
सरकारी वकील ने सांसदों को कहार की संज्ञा दी
उपाध्याय ने देश को दुल्हन, डोली को संसद एवं सांसदों को कहार के तौर पर बताते हुए तर्क दिया. कहा कि जब डोली उठाने वाले कहार ही पथ भ्रष्ट होंगे तो दुल्हन के भविष्य की स्थिति समझी जा सकती है. जिन पर देश का भविष्य बनाने का दायित्व है, वे अगर अपराध करें तो उन्हें अधिकतम दंड दिया जाना चाहिए और ऐसा ही ट्रायल कोर्ट को करना चाहिए था. पीयूष राय के अधिवक्ता सुदिष्ट ने जेके उपाध्याय के तर्कों पर पूरी तरह सहमति जताई.
जिस मामले में गैंगेस्टर लगा, उसमें अफजाल हो चुके हैं बरी
वहीं, अफजाल अंसारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी एवं डीएस मिश्र व एडवोकेट उपेंद्र उपाध्याय ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने जो गैंग चार्ट बनाया है, उसमें कई सदस्य बनाए गए लेकिन गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही केवल तीन लोगों पर की गई. ट्रायल कोर्ट में विवेचक के बयान से यह स्पष्ट भी है कि ऐसा राजनीतिक द्वेषवश किया गया. इसके अलावा जिस मूल मुकदमे के आधार पर अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में सजा सुनाई गई, उस मामले में उन्हें बरी किया जा चुका है. गैंगस्टर एक्ट के इस मुकदमे के बाद उनके खिलाफ दो ही मामले दर्ज हुए और वे भी 2009 एवं 2014 के चुनाव को लेकर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम से जुड़े. ऐसे में अफजाल अंसारी को दी गई सजा निरस्त की जानी चाहिए.
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर की स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए ने चार साल कैद की सजा सुनाई है. जिसके खिलाफ अफजाल अंसारी ने अपील दाखिल की है. अपील में सजा को रद्द करने की मांग की गई है. विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के आधार पर मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी और एजाजुल हक पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा कायम किया गया था. हाईकोर्ट ने पूर्व में अफजाल अंसारी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इस पर अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर स्थगनादेश देते हुए हाईकोर्ट को अपील का निस्तारण 30 जून तक करने का निर्देश दिया था. उधर, राज्य सरकार और दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने अफजाल अंसारी की सजा बढ़ाने की अपील दाखिल की. अफजाल की ओर से सरकार की अपील पर आपत्ति दाखिल की गई. आपत्ति दाखिल होने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए दो जुलाई की तारीख़ लगा दी थी.