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डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन यूपी की शाखा के निर्विरोध हुए चुनाव के बाद कार्यकारिणी का हुआ विस्तार - DIPLOMA PHARMACISTS ASSOCIATION

बैठक में कुल 24 सदस्य शामिल हुए थे.

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डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन उप्र (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

लखनऊ/बलरामपुर : डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उप्र. (डीपीए) की शाखा लखनऊ के निर्विरोध हुए चुनाव के बाद कार्यकारिणी का विस्तार कर दिया गया है. निर्विरोध निर्वाचित जिलाध्यक्ष अरुण अवस्थी और जिला मंत्री कपिल वर्मा ने बताया कि बीते 6 दिसंबर को डीपीए लखनऊ शाखा के निर्वाचन व शपथ ग्रहण समारोह में जिले के करीब 130 फार्मासिस्ट सदस्यों ने हिस्सा लिया था. अरुण अवस्थी का कहना है कि बीते 12 दिसंबर को कुछ सदस्यों की ओर से बैठक करने के बाद शासन, प्रशासन को चुनाव के संबंध में गुमराह किया जा रहा है.

बैठक में कुल 24 सदस्य शामिल हुए थे. इनमें नियमित सदस्य सिर्फ 11 ही थे, जबकि बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष और महामंत्री की भी उपस्थिति बताई जा रही है. अधिसंख्य नियमित सदस्यों ने इस बैठक का बहिष्कार किया है. डीपीए उप्र. शाखा लखनऊ के निर्वाचन प्रक्रिया में डीपीए उप्र. के प्रांतीय संयुक्त मंत्री ओपी सिंह के पर्यवेक्षण, मुख्य चुनाव अधिकारी प्रयोगशाला प्राविधिक संघ उप्र. के प्रवक्ता सुनील कुमार व सहायक चुनाव अधिकारी डीपीए लखनऊ शाखा के सदस्य अनिल कुमार और राजकीय नर्सेज संघ उप्र. के प्रांतीय कोषाध्यक्ष जितेंद्र बहादुर सिंह की देखरेख में चुनाव प्रक्रिया चार व 6 दिसंबर को बलरामपुर अस्पताल परिसर में संपन्न हुई थी.

वहीं संचालक ने बिना सूचना दिए बंद कर दिया केंद्र, परेशान हो रहे मरीज : बलरामपुर अस्पताल में खुला जन औषधि केंद्र करीब एक सप्ताह से बंद है. संचालक ने इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को भी जानकारी नहीं दी है. इससे ओपीडी के मरीजों को दवाओं के लिए भटकना पड़ रहा. मरीज निजी मेडिकल स्टोर से महंगे दामों पर दवाएं लेने को मजबूर हैं. वहीं, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि स्टोर संचालक से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है.

बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में हर दिन करीब 4 हजार मरीज आते हैं. इसमें 80 प्रतिशत दवाएं मरीजों को अस्पताल से मिल जाती हैं. कुछ दवाएं अस्पताल में न होने पर मरीज जेनरिक दवाएं अस्पताल के मुख्य गेट पर खुले जन औषधि केंद्र से लेते थे. मरीजों को यहां से सस्ती दर पर दवाएं मिल जाती थी. लेकिन, करीब एक सप्ताह से केंद्र पर ताला लगा हुआ हैं. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु के मुताबिक, केंद्र संचालक बिना सूचना दिए ही ताला लगाकर गायब है. केंद्र संचालक से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है.

यह भी पढ़ें : यूपी में IAS के प्रमोशन 1 जनवरी से, DPC की बैठक में लगी मुहर, 115 अफसरों को नई पोस्टिंग, 4 डीएम भी बदलेंगे

लखनऊ/बलरामपुर : डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उप्र. (डीपीए) की शाखा लखनऊ के निर्विरोध हुए चुनाव के बाद कार्यकारिणी का विस्तार कर दिया गया है. निर्विरोध निर्वाचित जिलाध्यक्ष अरुण अवस्थी और जिला मंत्री कपिल वर्मा ने बताया कि बीते 6 दिसंबर को डीपीए लखनऊ शाखा के निर्वाचन व शपथ ग्रहण समारोह में जिले के करीब 130 फार्मासिस्ट सदस्यों ने हिस्सा लिया था. अरुण अवस्थी का कहना है कि बीते 12 दिसंबर को कुछ सदस्यों की ओर से बैठक करने के बाद शासन, प्रशासन को चुनाव के संबंध में गुमराह किया जा रहा है.

बैठक में कुल 24 सदस्य शामिल हुए थे. इनमें नियमित सदस्य सिर्फ 11 ही थे, जबकि बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष और महामंत्री की भी उपस्थिति बताई जा रही है. अधिसंख्य नियमित सदस्यों ने इस बैठक का बहिष्कार किया है. डीपीए उप्र. शाखा लखनऊ के निर्वाचन प्रक्रिया में डीपीए उप्र. के प्रांतीय संयुक्त मंत्री ओपी सिंह के पर्यवेक्षण, मुख्य चुनाव अधिकारी प्रयोगशाला प्राविधिक संघ उप्र. के प्रवक्ता सुनील कुमार व सहायक चुनाव अधिकारी डीपीए लखनऊ शाखा के सदस्य अनिल कुमार और राजकीय नर्सेज संघ उप्र. के प्रांतीय कोषाध्यक्ष जितेंद्र बहादुर सिंह की देखरेख में चुनाव प्रक्रिया चार व 6 दिसंबर को बलरामपुर अस्पताल परिसर में संपन्न हुई थी.

वहीं संचालक ने बिना सूचना दिए बंद कर दिया केंद्र, परेशान हो रहे मरीज : बलरामपुर अस्पताल में खुला जन औषधि केंद्र करीब एक सप्ताह से बंद है. संचालक ने इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को भी जानकारी नहीं दी है. इससे ओपीडी के मरीजों को दवाओं के लिए भटकना पड़ रहा. मरीज निजी मेडिकल स्टोर से महंगे दामों पर दवाएं लेने को मजबूर हैं. वहीं, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि स्टोर संचालक से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है.

बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में हर दिन करीब 4 हजार मरीज आते हैं. इसमें 80 प्रतिशत दवाएं मरीजों को अस्पताल से मिल जाती हैं. कुछ दवाएं अस्पताल में न होने पर मरीज जेनरिक दवाएं अस्पताल के मुख्य गेट पर खुले जन औषधि केंद्र से लेते थे. मरीजों को यहां से सस्ती दर पर दवाएं मिल जाती थी. लेकिन, करीब एक सप्ताह से केंद्र पर ताला लगा हुआ हैं. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु के मुताबिक, केंद्र संचालक बिना सूचना दिए ही ताला लगाकर गायब है. केंद्र संचालक से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है.

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