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विवेक विहार बेबी केयर घटना के बाद दिल्ली के नर्सिंग होम्स पर DMC की टेढ़ी नजर, सभी नर्सिंग होम में जल्द होगा सर्वे - Baby Care Hospital Case - BABY CARE HOSPITAL CASE

Baby Care Hospital Case: विवेक विहार बेबी केयर सेंटर में आग लगने की घटना के बाद अब दिल्ली के सभी नर्सिंग होम्स का सर्वे कराया जाएगा इसके लिए DMC यानि दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने जांच की बात कही हैं. उन्होंने कहा लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, सख्ती से नियमों का पालन होना चाहिए.

सभी नर्सिंग होम में होगी जांच
सभी नर्सिंग होम में होगी जांच (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 27, 2024, 1:10 PM IST

नई दिल्ली: विवेक विहार स्थित न्यू चाइल्ड बेबी केयर सेंटर में लगी आग में 7 नवजात बच्चों की जान चली गई. इस घटना के बाद से नर्सिंग सेंटर्स की सेफ्टी पर भी सवाल उठ रहे हैं. इसको लेकर दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के अध्यक्ष डॉक्टर अरुण गुप्ता ने कहा है कि कि सभी नर्सिंग होम का जल्द से जल्द सर्वे होना चाहिए और उनमें सुरक्षा उपायों की जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही नियमों का सख्ती से पालन होना चाहिए.

दिल्ली में पहले भी नर्सिंग होम में आग लगने के मामले सामने आ चुके हैं. चिकित्सा समुदाय के लोगों ने इस घटना को बहुत गंभीर मामला बताया है. साथ ही सभी नियमों को सख्ती से लागू करने की बात कही है.

दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डा. अरुण गुप्ता का कहना है कि नर्सिंग होम खोलने, उनके काम करने का क्या नियम है, इसके लिए दिल्ली नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन एक्ट में गाइडलाइंस दी गई है. इसमें कई पैरामीटर हैं, जिन्हें फॉलो करने पर ही नर्सिंग सेंटर खोला जा सकता है. दिल्ली नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्टर होना भी जरूरी है.

विवेक विहार में लगी आग की घटना पर उन्होंने कहा कि इस मामले में देखा जाना चाहिए कि क्या यह सेंटर रजिस्टर्ड था. कानूनी रूप से चल रहा था या नहीं ? अगर नहीं तो मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. दूसरा, अगर इसका रजिस्ट्रेशन था मगर फायर एनओसी और आग बुझाने की सुविधाएं नहीं थीं तो मालिक ही नहीं जिसने लाइसेंस दिया, उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

हेल्थ डिपार्टमेंट इसके लिए लाइसेंस देता है. बता दें कि दिल्ली सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट के अंडर में ही एक नर्सिंग होम सेल बना हुआ है, जो नर्सिंग होम संचालन के लिए सारे मानकों की पड़ताल करने के बाद लाइसेंस देता है. यह नर्सिंग होम मात्र 120 गज के एक प्लॉट में चल रहा था, जिसमें आपातकालीन निकास भी नहीं था. साथ ही अन्य कई मानक भी पूरे नहीं थे. ऐसे में इसको लाइसेंस किस तरह जारी किया गया यह भी जांच का विषय है.

ये भी पढ़ें- लापरवाही ने ली 7 नवजात की जान, मजिस्ट्रेटी जांच होगी; जानिए, बेबी केयर सेंटर में आग लगने की घटना के बारे में सब कुछ

ये भी पढ़ें- हॉस्पिटल से पोस्टमार्टम हाउस तक बच्चे की एक झलक पाने को दौड़ते रहे पैरेंट्स, पढ़िए- भावुक कर देने वाली ये कहानी

नई दिल्ली: विवेक विहार स्थित न्यू चाइल्ड बेबी केयर सेंटर में लगी आग में 7 नवजात बच्चों की जान चली गई. इस घटना के बाद से नर्सिंग सेंटर्स की सेफ्टी पर भी सवाल उठ रहे हैं. इसको लेकर दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के अध्यक्ष डॉक्टर अरुण गुप्ता ने कहा है कि कि सभी नर्सिंग होम का जल्द से जल्द सर्वे होना चाहिए और उनमें सुरक्षा उपायों की जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही नियमों का सख्ती से पालन होना चाहिए.

दिल्ली में पहले भी नर्सिंग होम में आग लगने के मामले सामने आ चुके हैं. चिकित्सा समुदाय के लोगों ने इस घटना को बहुत गंभीर मामला बताया है. साथ ही सभी नियमों को सख्ती से लागू करने की बात कही है.

दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डा. अरुण गुप्ता का कहना है कि नर्सिंग होम खोलने, उनके काम करने का क्या नियम है, इसके लिए दिल्ली नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन एक्ट में गाइडलाइंस दी गई है. इसमें कई पैरामीटर हैं, जिन्हें फॉलो करने पर ही नर्सिंग सेंटर खोला जा सकता है. दिल्ली नर्सिंग होम रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्टर होना भी जरूरी है.

विवेक विहार में लगी आग की घटना पर उन्होंने कहा कि इस मामले में देखा जाना चाहिए कि क्या यह सेंटर रजिस्टर्ड था. कानूनी रूप से चल रहा था या नहीं ? अगर नहीं तो मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. दूसरा, अगर इसका रजिस्ट्रेशन था मगर फायर एनओसी और आग बुझाने की सुविधाएं नहीं थीं तो मालिक ही नहीं जिसने लाइसेंस दिया, उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

हेल्थ डिपार्टमेंट इसके लिए लाइसेंस देता है. बता दें कि दिल्ली सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट के अंडर में ही एक नर्सिंग होम सेल बना हुआ है, जो नर्सिंग होम संचालन के लिए सारे मानकों की पड़ताल करने के बाद लाइसेंस देता है. यह नर्सिंग होम मात्र 120 गज के एक प्लॉट में चल रहा था, जिसमें आपातकालीन निकास भी नहीं था. साथ ही अन्य कई मानक भी पूरे नहीं थे. ऐसे में इसको लाइसेंस किस तरह जारी किया गया यह भी जांच का विषय है.

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