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नतीजों के बाद कांग्रेस में शुरू होगा 'प्राइज और पनिशमेंट' का दौर, सैकड़ों पदाधिकारियों की छुट्टी तय ! - Rajasthan Congress - RAJASTHAN CONGRESS

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद अब सबकी निगाह नतीजों पर है. इस बीच कांग्रेस में परिणाम के साथ ही प्राइज और पनिशमेंट का दौर शुरू होगा. पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल और निष्क्रिय पदाधिकारियों पर एक्शन हो सकता है. जबकि अच्छा काम करने वालों को बेहतर मौके मिलने की भी उम्मीद है.

बदलाव के संकेत
बदलाव के संकेत (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 20, 2024, 12:06 PM IST

सैकड़ों पदाधिकारियों की छुट्टी तय ! (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. राजस्थान में लोकसभा की सभी 25 सीटों पर मतदान के बाद अब सबकी निगाह परिणाम पर है. इस बीच कांग्रेस के गलियारों में बदलाव की बयार की चर्चाएं हैं. लोकसभा चुनाव के ठीक बाद ब्लॉक से लेकर जिला और प्रदेश स्तर पर प्राइज और पनिशमेंट का दौर शुरू होने की प्रबल संभावनाएं हैं. इसे लेकर कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने छंटनी करने और सूची बनाने का काम भी शुरू कर दिया है. इसके तहत विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अच्छा काम करने वाले पदाधिकारियों को प्रमोशन मिल सकता है. जबकि निष्क्रिय पदाधिकारियों और पार्टी लाइन से हटकर काम करने वाले पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं पर गाज भी गिरने की संभावना है.

भारी पड़ सकती है निष्क्रियता : लोकसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल और पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करने वालों के साथ ही निष्क्रिय पदाधिकारियों की भी सूची बनाई जा रही है. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में निष्क्रिय रहे नेताओं की भी कुंडली प्रदेश कार्यालय तक पहुंच रही है. बताया जा रहा है कि फिलहाल 50 ब्लॉक अध्यक्ष, 400 मंडल अध्यक्ष और 70 से अधिक प्रदेश पदाधिकारियों के नाम इस सूची में हैं. इसके अलावा कुछ पूर्व विधायकों पर भी गाज गिर सकती है.

पढ़ें: लुधियाना में सीएम भजनलाल का कांग्रेस पर हमला, कहा- पंजाब सहित पूरे देश ने आतंकवाद का दंश झेला

प्रचार को लेकर मांगी गई जानकारी: दरअसल, पार्टी की ओर से सभी पदाधिकारियों को चुनाव में जुटने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन कई नेताओं ने लोकसभा चुनाव से दूरी बनाए रखी. ऐसे में कई पदाधिकारियों के खिलाफ निष्क्रियता और भितरघात की शिकायत प्रदेश नेतृत्व तक पहुंची है. शिकायत के बाद प्रदेश नेतृत्व ने संबंधित पदाधिकारियों से लोकसभा चुनाव को लेकर उनकी गतिविधियों की जानकारी मांगी थी.

पार्टी को मजबूत करने का यह फार्मूला : विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई थी. अब लोकसभा चुनाव के बाद स्थानीय निकाय और पंचायतीराज चुनावों के मद्देनजर पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम किया जा रहा है. ऐसे में सक्रिय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने की रणनीति पर भी विचार किया जा रहा है. ताकि स्थानीय निकाय और पंचायतीराज चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर किया जा सके.

आलाकमान को भेजा जाएगा रिपोर्ट: कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ललित तूनवाल का कहना है कि काम करने वालों और काम नहीं करने वालों की निरंतर समीक्षा होती रहती है. जो अच्छा काम कर रहे हैं. उन्हें रिवार्ड देने की सोच रहती है. इसके तहत मंडल से लेकर ब्लॉक, जिला और प्रदेश कार्यकारिणी में अच्छा काम करने वालों और निष्क्रिय पदाधिकारियों की रिपोर्ट सक्षम स्तर पर भेजी जाएगी. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम किया है. उनका भी डाटा जुटाया जा रहा है. ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.

पढ़ें: कांग्रेस नेता अमीन पठान के फार्म हाउस पर चला बुलडोजर, वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण का था आरोप

मतदान के तुरंत बाद दो नेता निष्कासित : राजस्थान में दूसरे चरण में 13 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान हुआ था. इनमें सिरोही-जालोर और बाड़मेर-जैसलमेर की सीट भी शामिल थी. मतदान के तुरंत बाद प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव बालेंदु सिंह शेखावत और पूर्व विधायक अमीन खान को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. बताया गया कि सिरोही-जालोर से कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत ने बालेंदु सिंह शेखावत और बाड़मेर-जैसलमेर से कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल ने अमीन खान के खिलाफ शिकायत दी थी. ऐसे में दोनों को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया.

सैकड़ों पदाधिकारियों की छुट्टी तय ! (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर. राजस्थान में लोकसभा की सभी 25 सीटों पर मतदान के बाद अब सबकी निगाह परिणाम पर है. इस बीच कांग्रेस के गलियारों में बदलाव की बयार की चर्चाएं हैं. लोकसभा चुनाव के ठीक बाद ब्लॉक से लेकर जिला और प्रदेश स्तर पर प्राइज और पनिशमेंट का दौर शुरू होने की प्रबल संभावनाएं हैं. इसे लेकर कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने छंटनी करने और सूची बनाने का काम भी शुरू कर दिया है. इसके तहत विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अच्छा काम करने वाले पदाधिकारियों को प्रमोशन मिल सकता है. जबकि निष्क्रिय पदाधिकारियों और पार्टी लाइन से हटकर काम करने वाले पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं पर गाज भी गिरने की संभावना है.

भारी पड़ सकती है निष्क्रियता : लोकसभा चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल और पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करने वालों के साथ ही निष्क्रिय पदाधिकारियों की भी सूची बनाई जा रही है. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में निष्क्रिय रहे नेताओं की भी कुंडली प्रदेश कार्यालय तक पहुंच रही है. बताया जा रहा है कि फिलहाल 50 ब्लॉक अध्यक्ष, 400 मंडल अध्यक्ष और 70 से अधिक प्रदेश पदाधिकारियों के नाम इस सूची में हैं. इसके अलावा कुछ पूर्व विधायकों पर भी गाज गिर सकती है.

पढ़ें: लुधियाना में सीएम भजनलाल का कांग्रेस पर हमला, कहा- पंजाब सहित पूरे देश ने आतंकवाद का दंश झेला

प्रचार को लेकर मांगी गई जानकारी: दरअसल, पार्टी की ओर से सभी पदाधिकारियों को चुनाव में जुटने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन कई नेताओं ने लोकसभा चुनाव से दूरी बनाए रखी. ऐसे में कई पदाधिकारियों के खिलाफ निष्क्रियता और भितरघात की शिकायत प्रदेश नेतृत्व तक पहुंची है. शिकायत के बाद प्रदेश नेतृत्व ने संबंधित पदाधिकारियों से लोकसभा चुनाव को लेकर उनकी गतिविधियों की जानकारी मांगी थी.

पार्टी को मजबूत करने का यह फार्मूला : विधानसभा चुनाव में सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई थी. अब लोकसभा चुनाव के बाद स्थानीय निकाय और पंचायतीराज चुनावों के मद्देनजर पार्टी को मजबूत करने की दिशा में काम किया जा रहा है. ऐसे में सक्रिय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने की रणनीति पर भी विचार किया जा रहा है. ताकि स्थानीय निकाय और पंचायतीराज चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर किया जा सके.

आलाकमान को भेजा जाएगा रिपोर्ट: कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ललित तूनवाल का कहना है कि काम करने वालों और काम नहीं करने वालों की निरंतर समीक्षा होती रहती है. जो अच्छा काम कर रहे हैं. उन्हें रिवार्ड देने की सोच रहती है. इसके तहत मंडल से लेकर ब्लॉक, जिला और प्रदेश कार्यकारिणी में अच्छा काम करने वालों और निष्क्रिय पदाधिकारियों की रिपोर्ट सक्षम स्तर पर भेजी जाएगी. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम किया है. उनका भी डाटा जुटाया जा रहा है. ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.

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मतदान के तुरंत बाद दो नेता निष्कासित : राजस्थान में दूसरे चरण में 13 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान हुआ था. इनमें सिरोही-जालोर और बाड़मेर-जैसलमेर की सीट भी शामिल थी. मतदान के तुरंत बाद प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव बालेंदु सिंह शेखावत और पूर्व विधायक अमीन खान को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. बताया गया कि सिरोही-जालोर से कांग्रेस प्रत्याशी वैभव गहलोत ने बालेंदु सिंह शेखावत और बाड़मेर-जैसलमेर से कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल ने अमीन खान के खिलाफ शिकायत दी थी. ऐसे में दोनों को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया.

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