जोधपुर. जिले के नांदडा निवासी महिला की कांगों फीवर के बाद हुई मौत के बाद जांच के लिए भेजे गए परिवार के पांच लोगों के सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आई है. डिप्टी सीएमएचओ डॉ. प्रीतम सिंह ने इसकी पुष्टि की है. इससे स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल राहत की सांस ली है.
दूसरी ओर महिला के जोधपुर में मथुरादास माथुर अस्पताल में उपचार के दौरान गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी वार्ड और आईसीयू में उपचार के दौरान महिला के सम्पर्क में आए 22-23 संदिग्धों की जांच होना बाकी है. जिनमें डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ एवं स्वीपर शामिल है. एक नर्सिंग कर्मी और एक स्वीपर के बुखार की शिकायत सामने आई है. डिप्टी सीएमएचओ डॉ. प्रीतम सिंह के अनुसार अभी 17 पशुओं की रिपोर्ट आना बाकी है. मृतका के संपर्क में आने वालों की जांच करवाई जाएगी. इसके अलावा अहमदाबाद के निजी अस्पताल से भी कांटेक्ट हिस्ट्री की लिस्ट मांगी है.
लक्षण वालों को किया जाएगा क्वारंटीन : कांगों फीवर पॉजिटिव महिला के सम्पर्क में आने के बाद पॉजिटिव आने वाले मरीज एवं लक्षण पाए जाने वाले मरीजों की रिपोर्ट में कांगों जांच रिपोर्ट निगेटिव होने तक डॉक्टर्स, नर्सिंग कर्मी एवं स्वीपर को कमला नेहरू अस्पताल स्थित आईडी में उपचार के लिए रखने की व्यवस्था की गई है. डिप्टी सीएमएचओ डॉ. प्रीतम सिंह सांखला ने क्वारंटीन करने के लिए डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज को लिखित में सूचित किया है.
जानिए क्या होती है बीमारी: कांगो फीवर यानी क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी बुखार, यह जानवरों के शरीर पर रहने वाली टिक के काटने से होता है. इससे बचने के लिए खास तौर से जानवरों के बाड़े में कीटनाशक का उपयोग करना चाहिए. जानवरों के आसपास रहने वालों को खुले में घूमते समय, शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए. जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, ऐसे लोगों को लगातार जानवरों के आसपास नहीं रहना चाहिए.