नई दिल्ली: अरविंदर सिंह लवली के दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया को तलब किया है. बताया जा रहा कि वो एआईसीसी मुख्यालय पहुंचे हैं. पार्टी अब इस पूरे मामले को 'डैमेज कंट्रोल' करने की कवायद में जुट गई है. सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस चीफ के इस्तीफा से पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है. इसलिए शीर्ष नेतृत्व की ओर से इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है.
अरविंदर सिंह लवली ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ बात खुलकर कही है. साथ ही उन्होंने दिल्ली प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया पर भी मनमानी करने के गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव के टिकट बंटवारे से लेकर पार्टी के नेताओं के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं. अब बात करें दीपक बावरिया की तो ऐसा नहीं कि उनको किसी राज्य में पहली बार इस तरह का टकराव नेताओं के साथ हुआ है.
दरअसल, दीपक बावरिया मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं. मध्य प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों में भी प्रदेश के नेताओं के साथ उनका टकराव बना रहा था. एआईसीसी के महासचिव पद पर भी बावरिया रह चुके हैं. उनको कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने अध्यक्ष रहने के कार्यकाल में एमपी का प्रदेश प्रभारी बनाया था. तब उनके साथ कई जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से दुर्व्यव्यवहार करने की घटनाएं सामने आई थी. पार्टी के भीतर भी उनका कई बार विरोध हो चुका है. उस वक्त कांग्रेस के नेताओं ने ही उन पर टिकट बेचने के गंभीर आरोप लगाए थे.
विदिशा से कांग्रेस के विधायक तो उन पर चुनाव हराने के गंभीर आरोप लगाए थे. पार्टी सूत्र बताते हैं कि दीपक बावरिया राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं. इसके चलते बार-बार विवादों में रहने के बाद भी उनको पार्टी में अहम जिम्मेदारियां दी जाती रही है. मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उपजे विवाद के दौरान उन्होंने कहा था कि वो वापस गुजरात जाना चाहते हैं. वहीं, अब उनके दिल्ली प्रभारी रहने के दौरान लगातार पार्टी नेताओं के बीच असंतोष पैदा होने लगी है. यही वजह है कि आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
बता दें, दीपक बावरिया की कार्यशैली पर लवली के अलावा पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान, पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार और जयकिशन पूरी तरह से खुलकर आरोप लगा चुके हैं. राजकुमार चौहान उन पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी छोड़ चुके हैं.
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