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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 84 कोसी परिक्रमा में दिखा संतों का उत्साह, 22 दिनों में 5 जिलों से होकर गुजरी टोली - Ayodhya Saint Parikrama

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 84 कोसी परिक्रमा में संतों में काफी उत्साह देखने को मिला. यह परिक्रमा यात्रा 22 दिनों के सफर के बाद 23वें दिन समाप्त हो गई.

अयोध्या में संतों ने पूरी की परिक्रमा.
अयोध्या में संतों ने पूरी की परिक्रमा. (PHOTO Credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 16, 2024, 2:04 PM IST

अयोध्या : राम नगरी अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में संतों ने 84 कोसी परिक्रमा पूरी की. विश्व हिंदू परिषद के हनुमान मंडल, गया दास और सद्गुरु सेवा सदन के संतों के नेतृत्व में यह परिक्रमा निकाली गई. राम मंदिर की परिधि रामकोट की परिक्रमा के बाद इस यात्रा का समापन किया गया. 22 दिनों में यह यात्रा 5 जिलों से होकर गुजरी. इसमें 5 हजार से अधिक संतों ने हिस्सा लिया.

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस वर्ष अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा को लेकर संतों का उत्साह देखने को मिला. दूर-दराज से इस परिक्रमा यात्रा में शामिल हुए साधु संत पड़ाव के दौरान राम कथा और रामधुन करते हुए नजर आए. संतों की टोली ने 22 दिन की यात्रा में 5 जनपद बस्ती, अम्बेडकर नगर, बाराबंकी, गोंडा और अयोध्या को कवर किया.

परिक्रमा यात्रा 110 गांव से होते हुए गुजरी. इस दौरान कई स्थानों पर पड़ने वाले पौराणिक स्थलों डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से राम कथा और रामायण के जरिए लोगों को जागरूक किया गया. आसपास के गांव में रहने वाले लोगों को रामचरित मानस से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया.

हनुमान मंडल के संयोजक व 84 कोसी परिक्रमा के प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि आज 22 दिन के बाद 23वें दिन इस परिक्रमा की समाप्ति हुई है. कई दिनों के भ्रमण के बाद संतों की टोली अंतिम पड़ाव पर अयोध्या पहुंची. रामकोट की परिक्रमा और सीता कुंड पर दर्शन पूजन कर इस परिक्रमा को समाप्त किया गया. अन्य क्षेत्र में लोगों ने इस यात्रा का भव्य स्वागत किया. इस बार की परिक्रमा यात्रा में लगभग 5000 से अधिक संत शामिल हुए.

यह भी पढ़ें : पीएम मोदी बोले- CAA नहीं मिटा पाओगे, हजारों शरणार्थी अब मां भारती के बेटे कहलाएंगे

अयोध्या : राम नगरी अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा में संतों ने 84 कोसी परिक्रमा पूरी की. विश्व हिंदू परिषद के हनुमान मंडल, गया दास और सद्गुरु सेवा सदन के संतों के नेतृत्व में यह परिक्रमा निकाली गई. राम मंदिर की परिधि रामकोट की परिक्रमा के बाद इस यात्रा का समापन किया गया. 22 दिनों में यह यात्रा 5 जिलों से होकर गुजरी. इसमें 5 हजार से अधिक संतों ने हिस्सा लिया.

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस वर्ष अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा को लेकर संतों का उत्साह देखने को मिला. दूर-दराज से इस परिक्रमा यात्रा में शामिल हुए साधु संत पड़ाव के दौरान राम कथा और रामधुन करते हुए नजर आए. संतों की टोली ने 22 दिन की यात्रा में 5 जनपद बस्ती, अम्बेडकर नगर, बाराबंकी, गोंडा और अयोध्या को कवर किया.

परिक्रमा यात्रा 110 गांव से होते हुए गुजरी. इस दौरान कई स्थानों पर पड़ने वाले पौराणिक स्थलों डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से राम कथा और रामायण के जरिए लोगों को जागरूक किया गया. आसपास के गांव में रहने वाले लोगों को रामचरित मानस से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया.

हनुमान मंडल के संयोजक व 84 कोसी परिक्रमा के प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि आज 22 दिन के बाद 23वें दिन इस परिक्रमा की समाप्ति हुई है. कई दिनों के भ्रमण के बाद संतों की टोली अंतिम पड़ाव पर अयोध्या पहुंची. रामकोट की परिक्रमा और सीता कुंड पर दर्शन पूजन कर इस परिक्रमा को समाप्त किया गया. अन्य क्षेत्र में लोगों ने इस यात्रा का भव्य स्वागत किया. इस बार की परिक्रमा यात्रा में लगभग 5000 से अधिक संत शामिल हुए.

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