लोहरदगा: लगभग 60 प्रतिशत आबादी लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र में आदिवासियों की है. इसके बाद अनुसूचित जाति की आबादी है. साथ ही अन्य पिछड़ी जाति और सामान्य जाति की भी आबादी है. कुल मिलाकर देखा जाए तो लोहरदगा लोकसभा सीट में आदिवासी निर्णायक स्थिति में हैं. यही कारण है कि आदिवासी वोट पर सबकी नजर है. सभी आदिवासी वोटरों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के समीर उरांव और कांग्रेस पार्टी के सुखदेव भगत के नामांकन के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधायक चमरा लिंडा के नामांकन ने इस सीट को बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया है.
तीन चुनाव में लगातार दर्ज कराई थी मजबूत स्थिति
राजनीतिक विश्लेषक लोकेश केसरी कहते हैं कि तीन चुनाव में चमरा लिंडा ने लोहरदगा लोकसभा सीट में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई थी. यही कारण है कि चमरा लिंडा के इस बार भी नामांकन करने को लेकर कोई भी इसे हल्के में नहीं ले रहा है. मतदाताओं के रुझान और राजनीतिक चहलकदमी को देखकर यह कहना गलत नहीं है कि इस बार वोट का बिखराव होगा. साथ ही यह भी तय है कि किसी एक दल या एक प्रत्याशी को समुदाय विशेष का वोट नहीं मिलेगा.
लोहरदगा लोकसभा सीट पर जब पहली बार साल 2004 में चमरा लिंडा ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था, तब वह तीसरे स्थान पर रहे थे. पहले स्थान पर कांग्रेस पार्टी के डॉक्टर रामेश्वर उरांव थे. जिन्हें 223920 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के दुखा भगत थे. जिन्हें 133665 वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चमरा लिंडा को 58947 वोट मिले थे.
साल 2009 के चुनाव परिणाम की बात करें तो पहले स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के सुदर्शन भगत थे, जिन्हें 144628 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर निर्दलीय प्रत्याशी चमरा लिंडा थे. जिन्हें 136345 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस पार्टी के डॉक्टर रामेश्वर उरांव तीसरे स्थान पर चले गए थे. उन्हें 129622 वोट मिले थे.
साल 2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सुदर्शन भगत पहले स्थान पर रहे थे. सुदर्शन भगत को 226666 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर कांग्रेस के डॉक्टर रामेश्वर उरांव ने 220177 वोट मिले थे. वहीं तीसरे स्थान पर ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले चमरा लिंडा को 118355 वोट मिले थे. इन चुनावों के परिणाम बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में चमरा लिंडा तीन बार मैदान में उतरे, जिसमें से एक बार वह दूसरे स्थान पर थे और दो बार वह तीसरे स्थान पर थे. तीनों ही चुनाव में उन्हें अच्छे वोट मिले थे.
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