शिमला: हिमाचल में डीए और एरियर को लेकर सरकार और कर्मचारी आमने सामने है. प्रदेश के देहरा में आयोजित हुए स्वतंत्रता दिवस के राज्यस्तरीय समारोह में एरियर और डीए की किश्त जारी न करने की घोषणा से कर्मचारी सरकार से नाराज हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश सचिवालय परिसंघ ने डीए और एरियर के भुगतान के लिए सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला रखा है. इसी बीच शनिवार को विभिन्न अराजपत्रित कर्मचारी और शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की और अपनी मांगों से उन्हें अवगत करवाया.
कर्मचारी मेरा परिवार, जायज मांगों पर होगा विचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी अधिकारी और कर्मचारी मेरे परिवार के सदस्य हैं. उनकी सभी जायज मांगों पर सहानूभतिपूर्वक विचार किया जाएगा. एक माह के भीतर राज्य की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेंगे. सितंबर 2024 के अंत में कर्मचारी संगठनों के साथ फिर से बैठक करने का भी आश्वासन दिया. राज्य सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और अन्य लाभ जारी करने के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार के साथ ही कर्मचारियों को सभी लाभ जारी कर दिए जाएंगे. फायदे में चल रहे सभी बोर्डों और निगमों के कर्मचारियों को वित्तीय लाभ सुनिश्चित करने के लिए महंगाई भत्ता और एरियर जारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं. सीएम सुक्खू कर्मचारियों से लोगों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया. राज्य सरकार लोगों के कल्याण के लिए धनराशि खर्च करेगी. जिसके लिए राज्य के राजस्व संसाधनों को बढ़ाने के लिए भी गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं. पूर्व भाजपा सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की किश्तों पर रोक लगा दी थी, वहीं वर्तमान सरकार ने कर्मचारियों को सात फीसदी महंगाई भत्ता जारी किया है. इसके अतिरिक्त 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों को एकसाथ एरियर का भुगतान किया जा रहा है.
केंद्र के पास फंसे हैं 9200 करोड़
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार के पास एनपीएस के 9,200 करोड़ रुपए फंसे हैं. वहीं केंद्र सरकार ने आपदा राहत के 10 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं, लेकिन ये राशि अब तक जारी नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को पूर्व भाजपा सरकार से कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपए की देनदारियां विरासत में मिली हैं. प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार पर कई तरह की बंदिशें लगा दी हैं. ऋण सीमा 6,600 करोड़ रुपए निर्धारित कर दी गई है. वहीं, अगले वित्त वर्ष के लिए 3500 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा अनुदान प्राप्त होगा, वहीं यह राशि पिछली भाजपा सरकार को प्राप्त राशि से 7 हजार करोड़ रुपये कम है.
सीएम सुक्खू ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि सभी वेतन विसंगतियों को दूर किया जाएगा और रिक्त पदों पर जल्द भर्ती की जाएगी, ताकि सभी विभागों कार्य सुचारू तरीके से चल सके. वहीं, सीएम से बातचीत के दौरान कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. साथ ही जल्द संयुक्त परामर्श समिति की बैठक करवाने का भी आग्रह किया.