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झारखंड के लिए ऐतिहासिक रहा लोकसभा चुनाव, आईजी ऑपरेशन ने बताई वजह, डीजीपी बोले- वेल डन - Peaceful elections concluded

LS Election review meeting in Ranchi. लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई, जिसमें सुरक्षबलों के कार्यों की सराहना की गई.

LS Election review meeting in Ranchi
अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ डीजीपी अजय कुमार सिंह (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 3, 2024, 8:01 PM IST

रांची: झारखंड की 14 सीटों पर बिना किसी गड़बड़ी के लोकसभा चुनाव होने पर डीजीपी अजय कुमार सिंह ने पुलिस और सुरक्षाकर्मियों के प्रति आभार जताया है. चुनाव संपन्न होने पर उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बात की.

जानकारी देते डीजीपी और आईजी ऑपरेशन (ईटीवी भारत)

उन्होंने बताया कि कई मायनों में झारखंड के लिहाज से यह चुनाव ऐतिहासिक रहा. पहली बार आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव संपन्न होने तक पुलिस ने 84 करोड़ से ज्यादा कैश जब्त करने में सफलता हासिल की. साथ ही हर जगह बिना किसी भय के निष्पक्षता के साथ चुनाव कार्य पूरा हुआ.

आईजी ऑपरेशन होमकर ने बताया कि आखिर कैसे झारखंड के लिए यह चुनाव ऐतिहासिक रहा. उन्होंने कहा कि पहले तीन चरण में जहां भी चुनाव हुए, वो नक्सल प्रभावित इलाके थे. इस दौरान राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय बलों की 200 से ज्यादा कंपनियां लगाईं गई थीं. हर चरण में 40 से 45 हजार पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया.

इस दौरान झारखंड जगुआर और कोबरा बटालियन को भी लगाया गया था. इस दौरान 18 हजार से ज्यादा गैर जमानती वारंटी को या तो गिरफ्तार किया गया या दूसरी कार्रवाई की गई. पुलिस ने ना सिर्फ 84 करोड़ 52 लाख रुपए जब्त किए. साथ ही करीब 71 करोड़ के ड्रग्स जब्त किए गये. रांची, लातेहार, चतरा और चाईबासा जिलों से ज्यादा रिकवरी हुई है. 2019 में करीब 6 करोड़ रुपए जब्त हुए थे. जबकि इसबार 84 करोड़ से ज्यादा जब्त हुए हैं.

आईजी ऑपरेशन अमोल वेणुकांत होमकर ने बताया कि 40 ऐसे लोकेशन थे, जहां पहली बार लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया. पूर्व में नक्सलियों की वजह से मतदान केंद्रों को शिफ्ट कर दिया जाता था. इसमें बूढ़ापहाड़ के अलावा चाईबासा, दुमका और सिमडेगा के कई इलाके शामिल हैं. यह इसलिए संभव हो गया क्योंकि झारखंड में नक्सलवाद पर बहुत हद का काबू पा लिया गया है. उन्होंने कहा कि एक और अच्छी बात ये है कि इस बार करीब 40 प्रतिशत पुलिस कर्मियों ने बैलेट के जरिए मताधिकार का प्रयोग किया है.

वहीं, डीजीपी ने माना कि आजकल ड्रंक एंड ड्राइव के मामले बढ़े हैं. रैस ड्राइविंग भी हो रही है. इन सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई है. इसपर लगाम लगाने के लिए रणनीति भी बनायी गयी है.

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जानकारी देते डीजीपी और आईजी ऑपरेशन (ईटीवी भारत)

उन्होंने बताया कि कई मायनों में झारखंड के लिहाज से यह चुनाव ऐतिहासिक रहा. पहली बार आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव संपन्न होने तक पुलिस ने 84 करोड़ से ज्यादा कैश जब्त करने में सफलता हासिल की. साथ ही हर जगह बिना किसी भय के निष्पक्षता के साथ चुनाव कार्य पूरा हुआ.

आईजी ऑपरेशन होमकर ने बताया कि आखिर कैसे झारखंड के लिए यह चुनाव ऐतिहासिक रहा. उन्होंने कहा कि पहले तीन चरण में जहां भी चुनाव हुए, वो नक्सल प्रभावित इलाके थे. इस दौरान राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय बलों की 200 से ज्यादा कंपनियां लगाईं गई थीं. हर चरण में 40 से 45 हजार पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया.

इस दौरान झारखंड जगुआर और कोबरा बटालियन को भी लगाया गया था. इस दौरान 18 हजार से ज्यादा गैर जमानती वारंटी को या तो गिरफ्तार किया गया या दूसरी कार्रवाई की गई. पुलिस ने ना सिर्फ 84 करोड़ 52 लाख रुपए जब्त किए. साथ ही करीब 71 करोड़ के ड्रग्स जब्त किए गये. रांची, लातेहार, चतरा और चाईबासा जिलों से ज्यादा रिकवरी हुई है. 2019 में करीब 6 करोड़ रुपए जब्त हुए थे. जबकि इसबार 84 करोड़ से ज्यादा जब्त हुए हैं.

आईजी ऑपरेशन अमोल वेणुकांत होमकर ने बताया कि 40 ऐसे लोकेशन थे, जहां पहली बार लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया. पूर्व में नक्सलियों की वजह से मतदान केंद्रों को शिफ्ट कर दिया जाता था. इसमें बूढ़ापहाड़ के अलावा चाईबासा, दुमका और सिमडेगा के कई इलाके शामिल हैं. यह इसलिए संभव हो गया क्योंकि झारखंड में नक्सलवाद पर बहुत हद का काबू पा लिया गया है. उन्होंने कहा कि एक और अच्छी बात ये है कि इस बार करीब 40 प्रतिशत पुलिस कर्मियों ने बैलेट के जरिए मताधिकार का प्रयोग किया है.

वहीं, डीजीपी ने माना कि आजकल ड्रंक एंड ड्राइव के मामले बढ़े हैं. रैस ड्राइविंग भी हो रही है. इन सभी बिंदुओं पर चर्चा की गई है. इसपर लगाम लगाने के लिए रणनीति भी बनायी गयी है.

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