नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक में दाखिले की पहली सूची की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुक्रवार शाम पांच बजे तक दूसरी सूची की भी दाखिले की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. वहीं, दिल्ली से बाहर के छात्र-छात्राओं के लिए हॉस्टल आवंटित करने की भी प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. स्नातक के प्रथम वर्ष में हर साल करीब 70 हजार दाखिले होते हैं, जिनकी तुलना में हॉस्टलों की संख्या सीमित है.
इन सभी कॉलेजों में हॉस्टल है, लेकिन कुल मिलाकर चार से पांच हजार बच्चों को ही हॉस्टल की सुविधा मिल पाती है. इस वजह से बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं को बाहर ही कमरा या पीजी लेना पड़ता है. अब छात्र-छात्राएं अपनी कक्षाओं को रोज अटेंड करने के लिए पीजी या कमरे की तलाश कर रहे हैं. वहीं संचालकों ने भी नॉर्थ कैंपस के आसपास लगभग हर गली मोहल्ले और दीवारों पर कॉन्टैक्ट नंबर आदि प्रचारित कर रखा है. साथ ही वह सोशल मीडिया के माध्यम से छात्रों तक पहुंच रहे हैं.
इस बारे में पीजी संबंधी स्टार्टअप से इंटर्न के रूप में जुड़े प्रत्युष ने बताया कि डीयू नॉर्थ कैंपस इलाके में डबल और ट्रिपल शेयरिंग में पीजी का रेट 12 हजार से शुरू होता है, जबकि सिंगल रूम के लिए 15 से 20 हजार रुपये महीने तक का खर्ज आएगा. नॉर्थ कैंपस के 2 किलोमीटर के एरिया में काफी पीजी है, जहां से छात्र-छात्राएं आसानी से नॉर्थ कैंपस के किसी भी कॉलेज में आना-जाना कर सकते हैं. यहां से कॉलेज तक के लिए ई-रिक्शा भी मिल जाता है.
वहीं, मिरांडा हाउस कॉलेज में दाखिला लेने वाली पूजा देवंदा ने बताया कि वह जयपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने कॉलेज में दाखिले के साथ ही हॉस्टल के लिए भी आवेदन किया था. लेकिन, हॉस्टल एलॉटमेंट की जो पहली सूची आई उसमें हॉस्टल नहीं मिल पाया है. दूसरी लिस्ट का इंतजार कर रही हैं. अगर इसमें भी हॉस्टल नहीं मिला तो वह पीजी देखेंगी.
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उनके अलावा जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज की छात्रा मुस्कान फातिमा ने बताया कि पिछले महीने कोचिंग सेंटर हादसे में तीन छात्रों की मौत होने के कारण मैंने उस इलाके में पीजी नहीं लिया. लोगों ने बताया कि वहां बारिश में बहुत ज्यादा पानी भर जाता है और निकलना मुश्किल हो जाता है. उनकी मां ने भी कहा कि राजेंद्र नगर और करोल बाग में बहुत ज्यादा कोचिंग हैं, जिससे वहां काफी भीड़-भाड़ है. इसलिए हमें मुखर्जी नगर का इलाका ठीक लगा.
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